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कार्य प्रणाली से लगना चाहिए कि आप निगम के सेवक हैं: आयुक्त समीक्षा के दौरान आयुक्त ने इंजीनियरों को दी हिदायत


उज्जैन: आप निगम के इंजीनियर है किसी फर्म विशेष के वकील नहीं आपकी कार्यशैली से लगता ही नहीं कि आप निगम के कर्मचारी हैं। निगम के प्रति निष्ठा रखिए, निगम हित में समर्पित हो कर कार्य कीजिये।
 यह हिदायत आयुक्त श्री रौशन कुमार सिंह ने निगम के इंजीनियरों को दी है। आयुक्त निगम द्वारा कराए जा रहे विभिन्न निर्माण कार्यो की समीक्षा कर रहे थे। आपने पाया कि स्वीकृत निर्माण कार्यो में प्रत्येक स्तर पर गति बहुत धीमी है। अधिकांश प्रकरण निविदा प्रक्रिया में हैं, जिनमें निविदा स्वीकृत हो चुकी है उनमें से बड़ी संख्या में ऐसे प्रकरण हैं जिनमें अनुबंध सम्पादित होना है, कुछ ऐसे जिनमें वर्क आर्डर होना है और ऐसे भी प्रकरण सामने आए जिनमें वर्क आर्डर के पश्चात भी कार्य नहीं कराया गया। जो प्रचलित कार्य हैं उनकी निर्धारित समय अवधि पूर्ण होने को है किन्तु कार्य अभी अधूरे हैं।
 निगम आयुक्त ने जब सम्बंधित इंजीनियरों से इस अधूरेपन और विलम्ब के कारण मालूम किये तो अधिकांश प्रकरणों में सन्तोषजनक उत्तर नहीं मिल सका। कुछ प्रकरणों में ठेकेदार द्वारा अनुबंध सम्पादित नहीं करने तथा प्रचलित कार्यो में ठेकेदार द्वारा कार्य को गति नहीं देने के सम्बंध में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में जब कतिपय इंजीनियरों द्वारा ठेेकेदारों की कठिनाईयों का उल्लेख किया तो निगम आयुक्त ने स्पष्ट रूप से उन्हें हिदायत दी कि आप नगर निगम के सेवक हैं, किसी फर्म विशेष के कर्मचारी नहीं। निर्धारित नियम शर्तो के अधीन निगम हित में कार्य सम्पादित कराया जाना आपका दायित्व हैं। ठेकेदारों से सम्पर्क करें, निगम हित में उनसे चर्चा करें, जो समस्याएं हों उनका समाधान कराएं, लम्बित भुगतान प्रकरणों का निपटारा कराते हुए यह सुनिश्चित करें कि प्रचलित निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण हो सकें। यह सब कुछ करते हुए याद रखें कि आप निगम के सेवक हैं। जो ठेकेदार कार्य करना नहीं चाहते उनके सिलसिले में आवश्यक कार्यवाही प्रस्तावित करें।
 विभागीय स्तर पर जो प्रकरण लम्बित हैं उनमें कार्यवाही को तत्काल आगे बढ़ाया जाए। निविदा समिति और विभागीय स्वीकृति की प्रक्रिया में विलम्ब ना करें, स्वीकृति के तत्काल पश्चात् अनुबंध सम्पादित कराएं और वर्क आर्डर जारी कर कार्य आरंभ कराएं।
 बैठक में काया कल्प योजना और निगम मद से कराए जाने वाले सड़क निर्माण कार्यो, पार्षद मद से प्रस्तावित कार्यों, दशहरा मैदान स्टेडियम/दर्शक दीर्घा निर्माण, हरिफाटक क्षैत्र में घडी टावर निर्माण, शनि मंदिर तक पहुंच मार्ग निर्माण, सिंधी कालोनी चौराहे से हरिफाटक ब्रिज तक सेन्ट्रल लाईटिंग व डिवाईडर, गुरूनानक मार्केट के सामने कमर्शियल काम्पलेक्स, तरणताल पुनःनिर्माण, फाज़लपुरा काम्पलेक्स, इन्दिरा नगर मंगलनाथ मुख्य मार्ग नाला निर्माण तथा संजीवनी क्लिनिक निर्माण इत्यादि कार्यो के सम्बंध में समीक्षात्मक जानकारी प्राप्त की। आपने निर्देशित किया कि जो कार्य पूर्णता के निकट हैं उन्हें अतिरिक्त प्रयासों के साथ अविलम्ब पूर्ण कराए जाएं ताकि उनका लोकार्पण हो सके।
31 तक कार्य पूर्ण कराएं, अन्यथा निलम्बन
श्री मनोज राजवानी को आपने निर्देशित किया कि दशहरा मैदान पर प्रचलित निर्माण कार्य 31 जुलाई तक हर हालत में पूर्ण कराया जाएं, अन्यथा 01 अगस्त को आप निलंबित होंगे।
इसी प्रकार विभिन्न निर्माण कार्यो से सम्बंधित प्रकरणों में कार्य सन्तोषजनक नहीं पाए जाने तथा प्रकरण अनावश्यक लम्बित पाए जाने पर निगम आयुक्त ने श्री जगदीश मालवीय और श्री मनोज राजवानी को कारण बताओं सूचना पत्र देने के निर्देश दिये।  
वेतन काटा
निगम के विभिन्न शपिंग काम्पलेक्स स्थलों की दुकानों की निविदा/दुकान आवंटन की कार्यवाही पर समीक्षात्मक चर्चा के दौरान जब सहायक राजस्व निरीक्षक श्री जयसिंह राजपूत ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि मैं अपने एक परिचित सम्बंधी के वहां चला गया था इसलिये कुछ विलम्ब हो गया। इस पर आयुक्त ने कहा कि कार्यालयीन समय में ही सामाजिक कार्य क्यों याद आते है ? कार्यलयीन समय में अपने कार्यालयीन कर्तव्यों की चिंता होना चाहिए सामाजिक कार्यों की नहीं। आपने श्री राजपूत का आधा दिवस का वेतन काटने के निर्देश और कहा कि दुकानों का आवंटन निगम के आर्थिक हित से जुड़ा मामला है, इसमें अब और विलम्ब ना हो।
बैठक में अपर आयुक्त श्री आशिष पाठक, अधीक्षण यंत्री श्री आर.आर. जारोलिया, कार्यपालन यंत्री श्री पी.सी. यादव, श्री अनिल जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहें।

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