कुछ दिनों के लिए नागपुर और अन्य शहरों के चिकित्सकों पर लगी अघोषित लगाम! अब मेडिकल स्टोर्स के बजाए शहर के अस्पतालों में बाहर के चिकित्सकों की नजरें!
महाराष्ट्र- महाराष्ट्र के नागपुर एवं अन्य शहरों से सिवनी में आकर बिना पंजीयन चिकित्सा करने वाले चिकित्सक कुछ दिनों तक सिवनी में शायद दिखाई न दें। इसका कारण जिलाधिकारी क्षितिज सिंघल की सख्ती के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के द्वारा मेडिकल स्टोर्स संचालकों को फोन कर इस बात के लिए पाबंद किया जा रहा है कि उनके मेडिकल स्टोर्स में बाहर के चिकित्सक बुलाना बंद कर दिया जाए अन्यथा उनके खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है। उक्ताशय की बात मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के द्वारा समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कही गई। सूत्रों ने बताया कि सीएम हेल्प लाईन में लगभग दो साल पहले लगाई गई एक शिकायत को आधी अधूरी बताकर सीएमएचओ कार्यालय के द्वारा बंद करा दिया गया था। इसके बाद शिकायत कर्ता के द्वारा लगातार ही क्लीनिकल एस्टबलिशमेंट एक्ट का हवाला देकर शिकायत की जाती रही, एवं जब उनकी शिकायत पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के द्वारा कार्यवाही नहीं की गई तो उनके द्वारा सीएम हेल्प लाईन की अपनी सारी शिकायतों को शिकायत के रूप में मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजकर सीएम हेल्प लाईन की हकीकत बयां कर दी। सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को आगे बताया कि इस मामले में शिकायतकर्ता के द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय की जनसुनवाई में भी उपस्थित होकर अपनी शिकायतों के बारे में विस्तार से बताकर कार्यवाही की मांग की थी। इसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय हरकत में आया और आने वाले दिनों में गैर पंजीकृत चिकित्सकों की सिवनी में आमद थमने के संकेत मिले हैं। क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारी ने दिए थे निर्देश सूत्रों ने बताया कि एक साल पहले 27 मई 2022 क्षेत्रीय स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय के पत्र क्रमांक सीएम हेल्पलाईन - 202 - 10007 के द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को निर्देशित किया गया था कि शिकायतकर्ता की उपस्थिति में उनके द्वारा सीएम हेल्प लाईन में की गई शिकायत की जांच की जाए। संबंधित लिपिक ने नहीं उपलब्ध कराए थे दस्तावेज सूत्रों ने आगे बताया कि इस शिकायत की जांच के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के द्वारा गोपालगंज की खण्ड चिकित्सा अधिकारी एवं औषधि निरीक्षक को 08 जून 2022 को पत्र क्रमांक सीएम हेल्प लाईन - 2022 - 4211 के जरिए शिकायतकर्ता की उपस्थिति में उनकी शिकायत की जांच के निर्देश दिए थे। इस जांच दल के द्वारा 13 जून 2022 को दिए गए अपने जांच प्रतिवेदन में इस बात का साफ तौर पर उल्लेख किया था कि इस जांच में जिले में पंजीकृत चिकित्सकों की सूची ही संबंधि शाखा के लिपिक के द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण जांच करना ही संभव नहीं है। आश्चर्य तो इस बात पर होता है कि 2023 के बाद जून 2023 भी बीत गया, पर सीएम हेल्प लाईन की शिकायत में कोई प्रगति ही नहीं हो पाई। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी खफा सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि इस मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जिला शाखा के अध्यक्ष डॉ. दीपक अग्निहोत्री एवं सचिव डॉ. महेंद्र ओगारे के हस्ताक्षरों से एक पत्र जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को भेजा गया है, जिसमें बाहर के गैर पंजीकृत चिकित्सकों और अन्य जिलों में शासकीय पदों पर पदस्थ चिकित्सकों के द्वारा निजि चिकित्सालयों और मेडिकल स्टोर्स में अपनी सेवाएं देने की बात कहते हुए कार्यवाही की मांग की है। कार्रवाई के बजाए अघोषित समझाईश! सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि सिवनी में बिना पंजीकृत अवैध रूप से चिकित्सा करने वाले चिकित्सकों जिनके इश्तेहार, पंप्लेट्स आदि जगह जगह चस्पा हैं, के बाद भी उनके खिलाफ कार्यवाही करने के बजाए सीएमएचओ कार्यालय के द्वारा उन उन स्थानों के संचालकों जहां जहां गैर पंजीकृत चिकित्सकों के द्वारा अवैध रूप से चिकित्सा की जा रही है के संचालकों को अघोषित तौर पर समझाईश दी जा रही है कि वे कुछ सप्ताह तक उन जगहों पर चिकित्सकों को बुलाना बंद कर दें ताकि इसी बीच कार्यवाही की रस्म अदायगी कर ली जाए और मामला ठण्डे बस्ते के हवाले होते ही वे एक बार फिर चिकित्सकों को बुलाना आरंभ कर सकते हैं। अब मेडिकल स्टोर्स के बजाए अस्पतालों पर हैं चिकित्सकों की नजरें! सूत्रों की मानें तो मेडिकल स्टोर्स में चल रहा चिकित्सा व्यवसाय प्रशासन के रडार पर आने के बाद अब बाहर से आने वाले गैर पंजीकृत चिकित्सकों की नजरें सिवनी शहर में चल रहे अस्पतालों पर दिख रहीं हैं। इन अस्पतालों में वे सप्ताह में एक दिन आकर अपनी ओपीडी का संचालन आसानी से कर सकते हैं! पर्चे, सोशल मीडिया के स्क्रीन शॉट भी भेजे! सूत्रों ने यह भी बताया कि अनेक लोगों के द्वारा जिला प्रशासन सहित प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को शहर में बट रहे पर्चों, सोशल मीडिया सहित अनेक जगहों पर चल रहे इश्तेहारों के स्क्रीन शॉट भी भेजे हैं, जो भविष्य में सीएमएचओ कार्यालय के द्वारा की जाने वाली संभावित रस्म अदायगी के बाद उसे गलत साबित करने का आधार भी बन सकता है।