सूर्य को कैसे अर्पित करें जल, होते हैं कई फायदे
हर व्यक्ति इस प्रयास में रहता है कि वह सुबह उठने के बाद अपने नित्य कर्मों से निवृत होकर स्नान करके प्रभु के दर्शन करने के लिए मंदिर अवश्य जाए। आपने अक्सर देखा होगा कि लोग स्नान करने के बाद अपने घरों की छतों पर या फिर मंदिर के अहाते में सूर्य भगवान को जल देते हैं। हमारे धर्मग्रंथों में सूर्य को देवता माना गया है। वैसे भी कहा जाता है कि सृष्टि पर जीवित देवता में सिर्फ दो ही दिखाई देते हैं—एक हैं सूर्य और दूसरे हैं चन्द्रमा—इन दोनों की पूजा का अपना-अपना महत्त्व है। शास्त्रों में कहा गया है कि सूर्य की पूजा करने से भाग्योदय होता है। हिंदू धर्म में सूर्य को देवता की तरह पूजा जाता है। ज्यादातर लोग सुबह पूजा पाठ करने के बाद सूर्य को जल चढ़ाते हैं। सूर्य को जल देने से भाग्योदय होता है और मान सम्मान में वृद्धि होती है। इसके अलावा यदि विवाह में देर हो रही है तो नियमित सूर्य को जल देने से शीघ्र ही अच्छे रिश्ते आते हैं। लेकिन सूर्य को जल चढ़ाने का सही तरीका क्या यह बहुत ही कम लोग जानते हैं।
आज हम अपने खास खबर डॉट कॉम के पाठकों को यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि सूर्य को अघ्र्य किस तरीके से देना चाहिए—
ताँबे के पात्र से करें जल अर्पित
पुराणों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देवता को हमेशा ताँबे के पात्र से ही जल अर्पित करना चाहिए। साथ ही सूर्य को जल हमेशा प्रात:काल जल्दी स्नान आदि करने के बाद चढ़ाना चाहिए। कई लोग सूर्य को दोपहर तक जल अर्पित करते हैं, यह सही नहीं है। धर्माचार्यों का कहना है कि सूर्य को जल प्रात: 11 बजे तक अर्पित करना सही रहता है, तभी इसका फायदा मिलता है।
पूर्व दिशा की ओर हो मुख
सूर्य को जल देते समय ऊं आदित्य नम: मंत्र या ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। ध्यान रहे सूर्य को जल देते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर हो। जल में रोली या फिर लाल चंदन का प्रयोग करें। इसके अलावा लाल फूल भी सूर्य देव को अर्पित करना शुभ माना जाता है।
इस मंत्र का करें जाप
सूर्य को जल चढ़ाने के साथ ऊँ नमो भगवते श्री सूर्याय क्षी तेजसे नम: ऊँ खेचराय नम: मंत्र का जाप करने से बल, बुद्धि, विद्या और दिव्यता प्राप्त होगी। इसके अलावा रोजाना सूर्य को जल चढ़ाने से सूर्य देव का प्रभाव शरीर में भी बढ़ता है। इससे आप में ऊर्जा की वृद्धि होती है।
होती है आत्मशुद्धि
धार्मिक मान्यता है कि प्रतिदिन सूर्य को जल देने से आत्म शुद्धि और बल की प्राप्ति होती है। साथ ही समाज में मान सम्मान बढ़ता है।