रवि पुष्य के सर्वार्थ सिद्धि योग में माघी पूर्णिमा, गाड़ा जाएगा होली का डांडा
उज्जैन| माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर माघ स्नान के पूर्णता एवं डांडा रोपिणी पूर्णिमा की मान्यता है। धर्म शास्त्र की इसी मान्यता के अनुसार इस दिन होली का डांडा गाड़ा जाता है। इस बार रवि पुष्य नक्षत्र, सर्वार्थ और आयुष्मान योग की साक्षी होने से यह पूर्णिमा विशेष है। ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया पंचांग की गणना के अनुसार 5 फरवरी रविवार को पुष्य नक्षत्र एवं आयुष्मान योग तथा कर्क राशि के चंद्रमा के साक्षी में माघी पूर्णिमा आ रही है। यह पूर्णिमा विशेष है, वह इसलिए क्योंकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी है और आयुष्मान योग भी। धर्मशास्त्र मान्यता के अनुसार देखें तो जो लोग माघ माह में स्नान की परंपरा को पूर्ण नहीं कर पाए हैं, वे माघी पूर्णिमा पर तीर्थ स्नान, दान, पितरों का तर्पण तथा गायों को घास खिलाने की धार्मिक क्रियाएं संपादित कर सकते हैं। इस धर्म कार्य से माघ मास में स्नान, दान, पितृकर्म तथा गो सेवा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।