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जमतारा ( सबका नम्बर आएगा )


 आनन्द शर्मा

ठगी दुनिया का सबसे पुराना ऐसा अपराध है जिसके शिकार हुए आधे लोग तो शर्म के मारे इसके बारे में किसी को नहीं बताते तक नहीं हैं | कम्प्यूटर आने के बाद इसमें नया शब्द जुड़ा है , सायबर क्राइम | कभी क्रेडिट कार्ड तो कभी मोबाइल नम्बर अपडेट करने और कभी फ़ेसबुक की फ़र्ज़ी प्रोफ़ायल बना कर औरों से रुपए हड़पने की नयी नयी विधाएँ बाज़ार में आ रही हैं | ठगी के शिकार सब तरह के लोग हैं , नेता , पत्रकार , अफ़सर या व्यापारी कोई भी इसके जाल से छूटा नहीं है | पिछले दिनों आर्मी वालों की फ़र्ज़ी प्रोफ़ाइल बना कर ओ एल एक्स पर ठगी करने वालों की बाढ़ आ गयी है | ये ठगी करने वाले इतने सिद्धहस्त होते हैं कि ठगा जाने के बहुत बाद आदमी को इसका अहसास होता है | एक और बात सामने आयी है की इस तरह की ठगी करने वालों का ठिकाना झारखंड या बिहार के कहीं सुदूर गाँवो में है , इसी तथ्य के आधार पर नेट फ़ीलिक्स पर ये वेब सिरीज़ जामतारा के नाम पर आप देख सकते हो |
जमतारा एक झारखंड का एक शहर है जहाँ किशोर वय के युवक इस ठगी के काम में मशगूल हैं | लोगों को उनके कार्ड बंद हो जाने या उपहार मिलने के नाम पर उलझा कर उनकी रक़म हड़पने का काम करने वालों का ये गिरोह जैसे है , जिसमें सनी ( स्पर्श शिवहरे ) और रॉकी ( अंशुमन पुष्कर ) भाई हैं और और अलग अलग गुटों के साथ इसी काम में मशगूल हैं | रॉकी को नेतागीरी का शौक़ है और ब्रजेश भान ( अमित सियाल ) इलाक़े का विधायक ये चाहता है की ये सब लड़के उसके अण्डर में काम करें जिसमें वो उनकी कमाई में अपना हिस्सा ले सके | रॉकी सबको ले आता है पर सनी उसके साथ नहीं आता क्योंकि वो कहता है अपनी बुद्धि से कमाए गए पैसों में दूसरे को शेयर क्यों दे | सनी का साथ देती है उसकी दोस्त गुड़िया ( मोनिका पवार ) जो पैसों के लिए ही सनी से नक़ली शादी कर लेती है | शहर में आयी नई एस पी डाली साहू ( अक्षा परदासनी ) अपने साथी अधिकारियों के साथ इस फ़िशिंग के रेकेट को समाप्त करनी चाहती है , पर रास्ते में हैं ढेर अड़चनें जो राजनीतिक ताक़त , क़ानूनी कमजोरी और खुद के स्टाफ़ इंस्पेक्टर बिस्वा पाठक ( दिब्येन्दु भट्टाचार्य) के रसूखदारों से मिले होने को लेकर हैं |
अनस अहमद (आसिफ़ खान ) एक पत्रकार है जिसकी सहानुभूति ठगी करने वालों की तरफ़ भी है और वो ये भी चाहता है कि मामले को उजागर करने की ख़बर उसके ही हाथों अख़बार में जाए | ब्रजेश भान अपने ठिकाने पर नेताजी की अगुआई में लड़कों से इस फ़िशिंग के काम में अंजाम देने को लगा रहता है और ये भी कोशिश करता है की किसी तरह सनी भी उसके चंगुल में आ जाए | उधर सनी गुड़िया के साथ मिल कर लोगों को चूना लगा कर ढेर पैसे कमा लेता है और दोनों ये योजना बनाते हैं की जमतारा छोड़ कर बाहर चले जाएँ , लेकिन ब्रजेश भान षड्यंत्र से उसका ना केवल पूरा पैसा हड़प लेता है , बल्कि गुड़िया को ही विवश कर देता है की वो अपनी अस्मत का सौदा रक़म और सनी के जीवन के बदले उससे करे | इस दोराहे पर आकर गुड़िया एस पी डॉली यादव के पास आकर मदद माँगती है और दोनों मिल कर ब्रजेश भान को उसके ही जाल में फँसा कर उसकी करतूत सबके सामने उजागर करते हैं |
सायबर ठगी के इस प्लॉट के साथ दिलचस्प कथानक रचा गया है और किशोर वय के कलाकारों का अभिनय ग़ज़ब का है | अमित सियाल की प्रतिभा का कहना ही क्या , पूरी सीरिज़ पर उनका रंग छाया हुआ है | दिब्येंदु भी बड़े प्रभावकारी हैं | कुछ तकनीकी झोलझाल को छोड़ दें तो सीरीज़ देखने लायक़ है |

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