टीकाकरण : एक दिन के महाभियान की तरह ही रोज लगे टीके !
डॉ. चन्दर सोनाने
टीकाकरण महाभियान के अंतर्गत गत दिवस 21 जून को एक ही दिन में देश भर में 82 लाख 70 हजार टीके लगे । यह एक दिन का विश्व रिकार्ड है । किन्तु वर्तमान में सारे संसार में तेजी से फैल रहे कोरोना के नए डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरियंट के कारण एक दिन के महा अभियान से काम नहीं चलने वाला है ! इस अभियान की ही तरह अब जरूरत इस बात की है कि इसी तरह रोज ही देशवासियों को टीके लगे । खुशी की बात यह भी है कि 21 जून से एक सप्ताह के दौरान देश भर में 4 करोड़ से ज्यादा डोज लगे । यानी यह कहा जा सकता है कि रोज औसत लगभग 60 लाख टीके देशवासियों को लगे । यह हम सबके लिए खुशी की बात है । इस गति को बनाये रखने की आज सख्त जरूरत है , तभी हम आगे आने वाली तीसरी लहर का सफलतापूर्वक सामना कर सकेंगे !
यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ईसीडीसी) की निदेशक एंड्रिया अम्मोन ने कहा है कि आने वाले समय में डेल्टा वैरियंट के बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना है। अपने देश भारत के एनसीडीसी के डायरेक्टर सुजीत सिंह ने आने वाले खतरे के प्रति आगाह करते हुए बताया है कि देश के 12 राज्यों में डेल्टा प्लस वैरियंट 51 मामले मिले हैं । भारत में दूसरी लहर में 90 प्रतिशत नए मरीज डेल्टा वैरियंट के आने लगे हैं । देश के सामने ये खतरा पहले से अधिक खतरनाक है ।
हाल ही में अमेरिका में टीके के प्रभाव के बारे में बड़ी स्टडी सामने आई है , जो बता रही है कि टीकाकरण कितना जरूरी है । अमेरिका में मई माह में 18 हजार मौतें हुई । इनमें से 99.2 प्रतिशत को टीके नहीं लगे थे । अमेरिका में 8 लाख 53 हजार लोग एक डोज लगने के बाद संक्रमित हुए , किन्तु इनमें से केवल 1200 को ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था । विश्व के चार प्रमुख देशों अमेरिका , ब्रिटेन , इटली और फ्रांस में एक जैसा ट्रेंड पाया गया है । इन देशों में जहाँ एक डोज भी लगी , वहाँ अगली लहर नहीं आई । इससे यह बात एक बार फिर सिद्ध हो चुकी है कि टीकाकरण के दम पर कोरोना से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है !
ऐसी हालत में कुछ खबर ऐसी भी आ रही है जो टीकाकरण की उक्त गति को बाधित करने वाली है । उदाहरण हम मध्यप्रदेश का ही लेते हैं । इस प्रदेश में टीकाकरण के महा अभियान में 21 जून को देश में सबसे ज्यादा 16 लाख 91 हजार से अधिक टीके लगे थे , वहीं अगले दिन 22 जून को टीके की कमी के कारण केवल 4825 टीके ही लग सके ! इसी प्रकार इंदौर में 21 जून को देश में एक दिन में सबसे ज्यादा 2 लाख से भी अधिक टीके लगे थे । वहीं 26 जून को 60 प्रतिशत से ज्यादा टीकाकरण केन्द्रों से टीके की कमी के कारण लोगों को बिना टीका लगाए लौटना पड़ा । इस दिन करीब 40 हजार लोगों को टीके नहीं लग सके ! इसी प्रकार 24 जून को उज्जैन में टीके की कमी के कारण सुबह 8 बजे की बजाय 3 बजे से टीके लगने शुरू हो पाए । रतलाम में भी अनेक केंद्रों पर टीके की कमी के कारण उन्हें बंद करना पड़ा । प्रदेश भर में टीके की कमी के कारण राज्य सरकार को 25 जून को प्रदेश भर में सभी केंद्रों को बंद ही कर देना पड़ा था ! कारण स्पष्ट है केंद्र सरकार के स्वास्थ मंत्रालय और विभाग का टीका वितरण का कुप्रबंध ! हालात यह हर कि किसी भी राज्य को यह पता नहीं रहता है कि अगले तीन दिनों में वे कितने केंद्रों पर टीकाकरण कर पाएंगे ! इस कारण एक माह तो छोड़िए एक सप्ताह भी किसी भी जिले में तय किये गए सभी केंद्रों पर टीके नहीं लगा पाए हैं ! हर सप्ताह टीके की कमी के कारण कुछ केंद्रों को बंद करना ही पड़ता है ! देश के हर राज्य में यही स्थिति है । कहीं कम तो कहीं ज्यादा !
केंद्र सरकार को चाहिए कि अपनी योजना , यदि कोई बनी हो तो , पर पुर्विचार करें ! देश भर में टीकाकरण की ठोस नीति बनाएँ ! देश के हर राज्यों और हर जिले में कम से कम एक सप्ताह के लिए टीके का पर्याप्त भंडार हो ही ! इससे यह होगा कि आने वाले संकट से निपटने के लिए तेज गति से तय किये गए टीकाकरण केंद्रों पर हर हाल में टीकाकरण हो ही । किसी को भी टीके की कमी के कारण वापस नहीं जाना पड़े । देश भर में 21 जून को 82 हजार टीकाकरण केंद्रों पर टीके लगाए गए थे । इन सभी केंद्रों में से प्रत्येक केंद्र पर 100 से 200 टीके रोजाना लगाने का दृढ़ संकल्प लेने की आज सख्त जरूरत है ! इस प्रकार देश में रोजाना 1 करोड़ टीके लग सके तो हर माह में करीब 30 करोड़ टीके लग सकते हैं । इसके लिए जहाँ से भी टीके मिले केंद्र सरकार को लेना ही चाहिए ! अभी देश में कहने को तो तीन टीके उपलब्ध हैं , किंतु रूसी टीका स्पूतनिक - वी हमें नाम मात्र की संख्या में ही मिले हैं । इसकी तादात बढ़ाने की सख्त आवश्यकता है । लक्ष्य हमारा यह होना चाहिए कि हमारे देश को हर माह कम से कम 35 करोड़ डोज मिल जाएँ । अमेरिका अपने देश को टीके देना भी चाहता है , किंतु इस दिशा में ठोस कार्रवाई अभी तक हो नहीं पाई है ! यदि देशवासियों की जान की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सीधे अमेरिका और सोवियत रूस के राष्ट्रपति से बात करें , तो बात बन सकती है ! अभी अधिकारियों और मंत्री स्तर पर ही बात हो रही है ! इसलिए इस दिशा में ठोस प्रगति नहीं हो पाई है !
देश के लोगों को 26 जून तक कुल 32 करोड़ 17 लाख डोज लग चुके हैं । इसमें से 25 करोड़ 53 लाख लोगों को पहला टीका लग गया है । देश की आबादी के मान से 21.40 प्रतिशत लोगों को पहला टीका लग पाया है । और 5 करोड़ 63 लाख लोगों हो ही दोनों टीके लग सके हैं । आबादी के मान से यह केवल 4.54 प्रतिशत ही है । विशेषज्ञों के अनुसार देश में आगामी सितंबर - अक्टूबर माह तक तीसरी लहर के आने की आशंका है । इस मान से यदि जुलाई माह से हर माह 30 करोड़ टीके लगाए जा सकें तो हम तीसरी लहर को बहुत हद तक रोकने में सफल हो सकेंगे ! सुप्रीम कोर्ट में आगामी 30 जून को केंद्र सरकार की पेशी भी है ! इस दिन मोदी सरकार कोर्ट में शुरू से अभी तक टीकाकरण के कार्यों और राष्ट्रीय टीकाकरण नीति प्रस्तुत करेंगी , तब देश को पहली बार पता चलेगा कि केंद्र सरकार ने अभी तक किस - किस तारीख को किसे और कितने टीके देने के आदेश दिए हैं तथा कब - कब कितने टीके मिले हैं ! तब तक करते हैं , हमेशा की तरह इंतजार !!!
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