130 करोड़ लोगों की जान की कीमत है केवल 50 हजार करोड़ रुपये ?
डॉ. चन्दर सोनाने
अमेरिका जैसे देश ने अपने देश के नागरिकों को तेज टीकाकरण कर कोरोना संक्रमण और उससे हो रही मौतों पर लगभग नियंत्रण सा कर लिया है। विश्व के कोरोना वैज्ञानिकों तथा अपने देश के हैदराबाद स्थित एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी (एआईजी) के फाउंडर और पद्मश्री से सम्मानित डॉ नागेश्वर रेड्डी का भी यही कहना है कि सभी को वैक्सीन और कोरोना नियमों का पालन करने से ही कोरोना पर नियंत्रण किया जा सकता है । इसलिए अपने देश में भी सभी को तेज गति से टीकाकरण करने की आज सख्त आवश्यता है ।
अपने देश में 16 जनवरी 2021 से टीकाकरण की शुरुआत हुई है । तब से साढ़े चार माह में 30 मई तक लोगों को कुल 21 करोड़ 31 लाख डोज ही लग पाए हैं , जबकि देश की कुल आबादी 130 करोड़ लोगों को दो डोज के मान से कुल 260 करोड़ डोज लगना है । यह कुल आबादी का डोज के मान से केवल 16.39 प्रतिशत ही है । देश में केवल 16 करोड़ 86 लाख लोगों को ही टीके की पहली डोज लग पाई है। यह कुल आबादी का केवल 12.96 प्रतिशत ही है । देश के केवल 4 करोड़ 45 लाख लोगों को ही दोनों डोज लग पाए हैं । यह आबादी का केवल 3.42 प्रतिशत ही है । अभी हमें बहुत काम करना बाकी है । वैक्सीन निर्माता कंपनी को टीके का आर्डर देने में भी हम बहुत पीछे हो गए हैं । टाइम मैग्जीन का दावा है कि भारत ने टीकों का ऑर्डर देने में भी बहुत देर कर दी । भारत ने मार्च माह तक केवल 14 करोड़ 20 लाख टीके का सीरम और केवल 55 लाख टीके का ऑर्डर भारत बायोटेक को दिया था । मई माह में 4 करोड़ टीके का ऑर्डर दिया । अप्रैल माह में भी 4 करोड़ टीके मान लें तो मई माह तक केवल 22 करोड़ 75 लाख टीके का ही अभी तक ऑर्डर दिया गया है । यह कुल आबादी 130 करोड़ का केवल 17.5 प्रतिशत ही है । वहीं अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने अपनी आबादी से भी अधिक 70 करोड़ टीके का ऑर्डर पिछले साल नवंबर में ही दे दिया था । कनाडा ने जितनी वैक्सीन का आदेश दिया , उससे वह अपने देश की कुल आबादी का पाँच बार टीकाकरण कर सकता है । इसी तरह ब्रिटेन 3.6 , यूरोपीयन यूनियन 2.7 और अमेरिका 2 बार अपने देश के सभी लोगों को टीके लगा सकता है !
अपने देश के सभी 130 करोड़ लोगों की जान बचाने के लिए उन्हें कोरोना से सुरक्षा हेतु टीके का कवच पहनाने के लिए सभी को 2 - 2 टीका लगाया जाना जरूरी है । इस प्रकार कुल 260 डोज लगनी है । अभी तक लगभग 20 करोड़ लोगों को ही पहला या दूसरा टीका लग पाया है । इस प्रकार अभी भी लोगों को करीब 240 डोज लगना बाकी है । यानी अपने देश के लिए अभी 240 करोड़ डोज वैक्सीन की और जरूरत है ! इतनी अधिक संख्या में लोगों को टीके लगाने के लिए समयबद्ध सख्त कार्ययोजना बनाना आज समय की सबसे बड़ी जरूरत है ! केन्द्र सरकार जून माह से ही प्रतिदिन कम से कम 50 लाख टीके लगाने का दृढ़ संकल्प कर लें तो एक माह में ही 15 करोड़ टीके लगाए जा सकते हैं ! इस प्रकार आगामी 16 माह में सितंबर 2022 तक अपने देश के सभी लोगों को 240 करोड़ डोज लगा सकते हैं ! इस बीच बच्चों को भी टीके लगाने के लिए हम वैक्सीन प्राप्त कर सकते हैं । और इस प्रकार देश की पूरी 130 आबादी को टीका लगाया जा सकता है ! यदि इसमें देरी की तो जितनी देरी होगी , उतनी आगे तारीख , माह और साल बढ़ता जाएगा !
अब बात आएगी पैसे की , तो ज्यादा पैसा नहीं लगेगा ! अपने देश की कुल आबादी 130 करोड़ है । हर एक को 2 टीके के मान से कुल 260 करोड़ टीके की जरूरत होगी । केंद्र सरकार राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के ही अंतर्गत सभी आयु वर्ग के लोगों को मुफ़्त टीके लगाने के लिए वैक्सीन निर्माता कंपनी से टीके खरीदे और राज्यों के मार्फत टीके लगाए । प्रति टीके की कीमत 150 रु के मान से लगेंगे केवल 39,000 करोड़ रु । देश में फिलहाल उपलब्ध 3 टीके के अलावा भी अन्य टीके खरीदने तथा कुछ टीके बेकार चले जाते हैं , इसलिए 11,000 करोड़ रु और जोड़ लेने से भी कुल राशि केवल 50,000 करोड़ रु ही लगेगी ! देश के सभी नागरिकों की जान बचाने के लिए यह राशि अधिक भी नहीं है ! इस साल के कुल बजट 34 लाख 83 हजार 236 करोड़ रु का यह केवल 1.43 प्रतिशत ही है ! यानी देश के कुल बजट के केवल डेढ़ प्रतिशत से भी कम राशि में ही हम अपने सभी देशवासियों की जान बचा सकते हैं ! और खुशी की बात यह भी तो है कि इस साल के बजट में पहले से ही लोगों के टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रु का प्रावधान भी किया हुआ है ही ! तो देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से गुजारिश है कि वे देश के लोगों की इस कोरोना महामारी से जान बचाने के लिए इतना तो जरूर करें !
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