राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में सभी को लगे घर - घर टीके !
डॉ. चन्दर सोनाने
सुप्रीम कोर्ट ने देश में कोरोना के कारण मचे त्राहिमाम के बीच गत माह 30 अप्रैल को स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से पूछा था कि सभी लोगों को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत क्यों नहीं लगाई जा रही वैक्सीन ? शीर्ष अदालत ने सरकार को राष्ट्रीय टीकाकरण मॉडल अपनाने के बारे में सुझाव देते हुए यह भी कहा था कि टीके का खर्च सभी गरीब नहीं उठा सकते ! एक माह होने जा रहा है केंद्र सरकार ने अभी तक कोर्ट को इस बारे में कोई भी जवाब नहीं दिया है ! मोदी सरकार की इस बारे में चुप्पी आश्चर्यजनक और दुखद है !
आइये , हम देखते हैं राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम क्या है ? और क्यों है देश में इसे लागू करने की जरूरत ? देश में वर्ष 1978 से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक सतत चल रहा है। इस कार्यक्रम में देश भर में जन्म से 16 वर्ष तक के सभी बच्चों को अलग - अलग समय में कुल 11 टीके लगा कर उन्हें गंभीर 15 बीमारियों से बचाते हैं । और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये सभी 11 टीके बिना किसी भेदभाव के सभी को मुफ्त में लग रहे हैं । देश में उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक सभी धर्म और जाति के लोग इस कार्यक्रम से परिचित हैं और अपने घर के सभी बच्चों को ये टीके खुशी खुशी लगवाते हैं । गत 43 साल से देश में सतत चल रहे इस कार्यक्रम की यही सफलता भी है। इस बीच अनेक सरकारें आई और अनेक प्रधानमंत्री आये किन्तु सभी ने इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का महत्व और उपयोगिता को देखते हुए इसे जारी रखा है । सुप्रीम कोर्ट ने इसी कार्यक्रम में सभी देशवाशियों को कोरोना के टीके भी मुफ्त में ही लगाने की महत्वपूर्ण सलाह केंद्र सरकार को दी है !
आइये , अब हम देखते हैं कि इस कार्यक्रम में कोरोना का टीका भी लगाना क्यों जरूरी है ? देश में फिलहाल दो टीके लग रहे हैं । केंद्र सरकार इसी साल 16 जनवरी से देश के 45 साल से ऊपर के सभी लोगों और फ्रंट लाइन वर्कर्स तथा स्वास्थ्य वर्कर्स को मुफ्त में टीके लगाने के लिए राज्यों को दे रही है । और 1 मई से देश के 18 साल से 45 साल तक के सभी लोगों को टीके लगाने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को ये टीके नहीं दे रही है , इसलिए राज्य खुद वैक्सीन निर्माताओं से बात कर टीके खरीद कर अपने - अपने राज्य के लोगों को लगा रहे हैं । अभी देश में दो टीके 6 रेट पर मिल रहे हैं ! केंद्र को दोनों टीके 150 रु प्रति डोज मिल रहे हैं ! राज्यों को यही टीके 300 से 600 रु प्रति डोज और निजी अस्पतालों को दो गुना रेट में दिए जा रहे हैं ! इसी जटिल प्रक्रिया को दूर कर सुप्रीम कोर्ट चाहती है कि सभी को मुफ्त में टीके लगे और ये टीके केंद्र सरकार ही खरीदे और लगाए !
आइए , अब हम जानते हैं कि देश के सभी लोगों को टीका लगाना क्यों जरूरी है ? अमेरिका और ब्रिटेन ने अपने - अपने देशों में लोगों को तेजी से टीके लगाकर करीब - करीब तेज गति से फैल रहे संक्रमण को ही नहीं रोक लिया है , बल्कि बहुत हद तक मौतों पर भी लगभग नियंत्रण कर लिया है । इसके बावजूद 723 कोरोना महामारी विशेषज्ञों ने कहा है कि बच्चों सहित 70 प्रतिशत अमेरिकियों को टीके लगने के बाद ही देश को कोरोना फ़्री मानेंगे और तभी बेफिक्र हो सकेंगे । इसी प्रकार मोंटाना यूनिवर्सिटी के एथन वॉकर ने कहा है कि टीके लगाने में जितनी देरी होगी , खतरा उतना ही बढेगा । अपने ही देश के वैज्ञानिक एम विद्यासागर ने चेतावनी देते हुए कहा है कि आगे आने वाली तीसरी लहर और भी विकराल हो सकती है । इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि यदि देश में टीकाकरण अभियान तेज नहीं किया गया तो आगामी 6 से 8 माह में तीसरी लहर आने की आशंका है । देश के 116 पूर्व नौकरशाहों ने भी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को हाल ही में एक खुला पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि केंद्र सरकार को सभी भारतीय नागरिकों को कोविड -19 रोधी टीकाकरण मुफ्त में लगाना चाहिए तथा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आरटी पीसीआर जांच बढ़ानी चाहिए । देश के ही एक्सपर्ट एडवाइजरी ग्रुप के चीफ डॉ नरेंद्र अरोरा का भी कहना है कि विज्ञान कहता है कि जब किसी जगह 70 प्रतिशत आबादी को टीके लग जाते हैं तो बाकी की 30 प्रतिशत आबादी के संक्रमण होने की आशंका बेहद कम हो जाती है । देश में समस्या यह है कि अभी 22 मई तक केवल 11.68 प्रतिशत आबादी ही कम से कम एक डोज से कवर हो पाई है । और केवल 3.30 प्रतिशत आबादी को ही दोनों डोज लग पाई है । यही नहीं देश में जहाँ अप्रैल माह में एक दिन में 35 लाख टीके तक लग रहे थे , वहीं अब इस मई माह में टीकाकरण आधे से भी कम हो गया है । आश्चर्य यह भी है कि 9 मई को तो एक दिन में देश भर में केवल 6.89 लाख टीके ही लग पाए हैं । इसलिए हमारे देश में रोज कम से कम 50 लाख टीके रोज लगाने की सख्त आवश्यकता है , तभी हम कोरोना को मात दे पाएँगे !
गंगा में तैरती अनगिनत लाशों से अब ये सिद्ध हो चुका है कि कोरोना देश के गाँवों में भी बुरी तरह फैल चुका है ! देश में दूसरी लहर ने हाहाकार मचा रखा है । यही हालत रही तो तीसरी लहर में देश की होने वाली हालत की कल्पना से ही रूह कांप जाती है ! अभी जो भी टीकारण हुआ है , वह शहरों में करीब 70 प्रतिशत और गांवों में केवल 30 प्रतिशत का ही हुआ है । जबकि देश की लगभग 70 प्रतिशत आबादी अभी भी गाँवों में ही रहती है ! इसलिए अब ग्रामीण क्षेत्रों में और तेज गति से टीकारण होना ही चाहिए । इसलिए अब तो मोदी सरकार को जग ही जाना चाहिए ! और सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के अनुसार केंद्र सरकार को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के ही अंतर्गत देश के सभी लोगों को तेज गति से मुफ्त टीकाकरण घर - घर जाकर करना चाहिए । इसी से कोरोना के संक्रमण और मौतों पर प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा । हम बाबा महाकाल से प्रार्थना करते हैं कि वह मोदी सरकार को यह कार्य करने को सद्भूति दें !
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