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प्रार्थना में शक्ति है


♦  कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ
      विपदा कितनी भी बड़ी क्यों ना हो किंतु प्रार्थना में वह ताकत होती है जो प्रत्येक व्यक्ति को विपदा से बाहर ला सकती है। हमारी अपनी संस्था के सदस्यों की प्रार्थनाएं हमेशा से फलीभूत हुई हैं। जब भी कोई व्यक्ति प्रार्थना के लिए अपने हाथ उठाता है, तब वास्तव में वह अपने भीतर की शक्ति को जगा रहा होता है। प्रार्थना से उसमें मुश्किलों का सामना करने का आत्मबल आता है।
         इसी आशा और विश्वास के साथ आप सभी सदस्यों से अनुरोध है कि आप अपनी भावनाओं की दोगुनी शक्ति से नियमित हर समय प्रार्थना करें कि वर्तमान विकराल चुनौती से हमारी अपनी संस्था के परिवार का कोई भी सदस्य बिल्कुल भी प्रभावित ना हो और वह आरोग्यवान रहे , उसके अपने परिवार पर भी कोई आंच ना आए। 
        प्रार्थना यह भी करें कि यह वैश्विक महामारी संपूर्ण विश्व से दूर हो और प्रत्येक प्राणी का कल्याण हो। हम सभी की एक दूसरे के लिए की गई ये प्रार्थनाएं चमत्कार कर सुखद परिस्थिति पुनः लाएगी... इसी विश्वास के साथ .. कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ, अध्यक्ष, भारतीय ज्ञानपीठ, श्रीपाल एज्युकेशन सोसायटी, उज्जैन।

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