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कोरोना वैक्सीन : सभी को टीका : छः माह का हो लक्ष्य !


डॉ. चन्दर सोनाने

               ब्रिटेन ने अपने देश के लोगों को कोरोना संक्रमण से रोकने के लिए छः माह की दीर्घकालिक कार्य योजना बनाई थी । इसमें सबसे प्रमुख था तेज टीकाकरण। इसी कारण ब्रिटेन में अभी तक 48 प्रतिशत से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज दे दिया । इतनी ही तेजी से वह लोगों को दूसरा भी डोज दे रहा है। इसके सुपरिणाम भी उसे मिल रहे हैं । वहाँ पहले जहाँ रोज 50 हजार से ज्यादा मरीज आ रहे थे वहीं अब केवल 3 हजार मरीज ही आ रहे हैं । मौतों की संख्या भी काफी कम हो गई ।

             इसी प्रकार अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रम्प ने 'नेशन फर्स्ट' का नारा दिया था । उसे वर्तमान राष्ट्रपति बाइडेन ने सख्ती से अमल किया । अमेरिका ने मार्च 2021 तक 16.4 करोड़ कोरोना वैक्सीन के डोज तैयार किये । इसमें से एक भी डोज को बाहर नहीं भेजी । सभी का उपयोग वह अपने देशवासियों के के लिए कर रहा है । अमेरिका में 7 अप्रैल तक 11.6 करोड़ लोगों को पहला डोज दे दिया है । वहाँ आबादी के मान से 33.3 प्रतिशत लोगों को पहला डोज मिल चुका है । इसी प्रकार 6.2 करोड़ लोगों को दूसरा डोज दे दिया गया है । इस प्रकार आबादी के मान से 20.5 प्रतिशत लोगों को दूसरा डोज मिल चुका है ।

          ब्रिटेन और अमेरिका की तुलना में हमारे देश भारत में 9 अप्रैल तक 8.6 करोड़ लोगों को ही पहला डोज लग पाया है । आबादी के मान से यह केवल 6.61 प्रतिशत ही है । इसी प्रकार 1.2 करोड़ लोगों हो ही दूसरा डोज लग पाया है । यह आबादी के मान से केवल 0.92 प्रतिशत ही है । यह अत्यंत ही चिंताजनक और सोचनीय है । इस गति से हमारे देश के सभी लोंगों को कब तक टीका लग पायेगा ?  आइये , आज आपको यही बताते हैं । प्रधानमंत्री जी के भाषण के अनुसार हमारे देश की आबादी 130 करोड़ है । हमारे देश में 16 जनवरी से टीका लगाना शुरू किया गया था । देश भर में 9 अप्रैल तक कुल 9.8 करोड़ लोगों को ही टीके लग पाए हैं । ताजे आँकड़े के अनुसार 10 अप्रैल तक 10 करोड़ 16 लाख टीके के  डोज लग गए हैं । इस प्रकार एक मोटे अनुमान के अनुसार 130 करोड़ में से अभी तक केवल 10 करोड़ लोगों को ही टीके लगने से अभी 120 करोड़ लोगों को टीकाकरण होना बचा हुआ है । वर्तमान में रोज लगभग 35 लाख लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं । इसी गति से शेष बचे सभी 120 करोड़ लोगों को 343 दिन में टीके लग पाएँगे । यानी करीब एक साल और लगेगा सभी को टीका लगाने में । अर्थात अगले साल अप्रैल 2022 तक ही सभी को टीके लग पाएँगे । यह बहुत लंबा समय है !

             अभी हमारे देश में कोरोना को आये करीब एक साल हुआ है। इस गति से एक साल और ! देश में रोज कोरोना मरीजों का रिकार्ड टूट रहा है । एक दिन में ही 10 अप्रैल को 1 लाख 69 हजार से ज्यादा मरीज आये हैं । इसी दिन एक दिन में ही 782 मरीजों की मौत हो गई है। 31 मार्च को 72 हजार से ज्यादा मेरीज आये थे । केवल 10 दिन बाद ही 10 अप्रैल को मरीजों की संख्या करीब दो गुना  से ज्यादा हो गई । सरकारी और प्राइवेट अस्पताल भरे हुए हैं । देश भर में मरीजों के लिए जरूरी रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन मरीजों को मिल नहीं रहे हैं । और तो और कोरोना की वैक्सीन की भी महाराष्ट्र , आंध्रप्रदेश , ओडिसा , बिहार , उत्तरप्रदेश , मध्यप्रदेश आदि राज्यों में कमी हो गई है । अनेक राज्यों में वैक्सीन की कमी के कारण टीकाकरण केंद्रों पर टीके लगाना रोकना पड़ा है । अनेक राज्यों में लॉक डाउन फिर लौट आया है । सोशल मीडिया , प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ये खबर सुर्खियाँ बन रही है । जिनके घरों में मौत हो रही है , उसका दर्द वही बता सकता है ! भयावह स्थिति है !

            हाल ही में केंद्र सरकार ने गंभीर कोरोना मरीजों को दी जाने वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर और रेमडेसिविर एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स के निर्यात पर रोक लगा दी गई । यह केंद्र सरकार का अत्यंत ही सराहनीय कदम है । देश भर में इस जरूरी इंजेक्शन की कमी हो गई थी । प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को इसी प्रकार कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर भी तुरंत ही प्रतिबंध लगा देना चाहिए ।  वैक्सीन निर्यात के आंकड़ें बता रहे हैं कि केंद्र सरकार जितनी वैक्सीन के डोज अपने देश के लोगों के लिए राज्यों को दे रही है , करीब उतनी ही डोज निर्यात भी कर रही है । देश के लोगों की जान की कीमत पर वैक्सीन के निर्यात पर तुरंत रोक लगाने की सख्त आवश्यकता है । इस कार्य में अब एक दिन की भी देरी नहीं की जानी चाहिए । अब समय आ गया है कि भाजपा के मार्गदर्शन संगठन आरएसएस तुरंत ही प्रधानमंत्री को वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगाने के लिए कहें ! इस कार्य में भाजपा संगठन के प्रमुखों को भी आगे आना चाहिए। देश हित में इन्हें आगे आना ही चाहिए ।

            हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर संचालक ने एक पत्र देश के सभी राज्यों को भेजते हुए 45 साल से कम उम्र के लोगों के टीकाकरण पर सख्ती से रोक लगा दी है । जो स्वास्थ्य कर्मचारी ये टीका लगाते हुए पाया जाएगा तो उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही , निलंबित तक करने की चेतावनी दी गई है। इसी पत्र में निजी अस्पताल को लाइसेंस रद्द करने की भी चेतावनी दी गई है । यह आदेश पूर्ण रूप से अव्यवहारिक और अमानवीय है । इसे तुरंत ही निरस्त करने की जरूरत है । केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग अपने ही पूर्व आदेश का उल्लंघन कर रहा है , जिसमें 2 करोड़ फ्रंट लाइन वर्कर्स और 1 करोड़ हेल्थ वर्कर्स को सबसे पहले टीके लगाने हैं । अभी तक अनेक राज्यों में इन दोनों को 100 प्रतिशत टीके नहीं लग पाए हैं । इसके अलावा देश में अनेक गंभीर  हार्ट पेशेंट , नियमित रूप से डाइलिसिस लेने वाले , कैंसर रोगी हैं , जो 45 साल से कम उम्र के हैं । इन्हें तो टीके लगाना ही चाहिए ।

                  अमेरिका में वैक्सिनेशन स्टडी में दावा किया गया है कि टीकाकरण ने बीमारी की भयावहता को बहुत घटाया है । मौतों में भी बहुत कमी आई है । अमेरिका और ब्रिटेन इसके ताजा उदाहरण है । अब हमें भी ब्रिटेन की ही तरह छः माह की दीर्घकालिक कार्ययोजना बनानी होगी । रोज 35 लाख लोगों को टीके लगाने की गति को कम से कम दो गुना करना ही होगा । इस प्रकार हमारे देश में रोज कम से कम 70 लाख टीके लगाने ही होंगे । इस गति से टीकाकरण होने से हम 172 दिन में सभी को टीके लगाने का लक्ष्य प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं । यानी आगामी छः माह में अक्टूबर 2021 तक हमारे देश के सभी लोगों को टीका लगाकर उन्हें कोरोना महामारी से मुक्त कर सकते हैं । केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के अनुसार अब देश भर में 50 हजार टीकाकरण केंद्र बना लिए गए हैं । सर्वाधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र जैसों में टीकाकरण केंद्रों की संख्या को दो गुना करने की भी जरूरत है । इन जैसों राज्यों में बिना राजनैतिक भेदभाव के जरूरत के अनुसार वैक्सीन दी जानी चाहिए । इन केंद्रों में से प्रत्येक में रोजाना कम से कम 150 टीके लगना ही चाहिए । इस पुनीत कार्य में सभी सामाजिक , धार्मिक , स्वयंसेवी आदि संस्थाओं का सहयोग भी लिया जाना चाहिए । इस प्रकार हम कोरोना पर नियंत्रण करने में सफल हो सकेंगे ।

            हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सभी राज्यों से आव्हान किया है कि 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक चार दिन का टीका उत्सव मनाया जाए । इन चार दिन में अधिक से अधिक लोगों को टीके लगाया जाए । अच्छा प्रयास है । किंतु इस उत्सव को चार दिन से बढ़ा कर छः माह का कर देना चाहिए । बड़े लक्ष्य को पाने के लिए भी बड़ा काम करने की जरूरत होती है । ब्रिटेन की तरह हम भी छः माह का लक्ष्य तय कर अपनी कार्ययोजना तैयार कर काम करेंगे तो बाबा महाकाल की कृपा से हम अपने देश को कोरोना की महामारी पर नियंत्रण पाने में निश्चित ही सफल होंगे । बस प्रधानमंत्री जी को दृढ़ संकल्प लेने की जरूरत है ! क्या ऐसा हो सकेगा ? हमारे देश के अधिकांश लोग आशावादी हैं । हम सब ऐसी आशा तो कर ही सकते हैं !

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