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पौष पूर्णिमा पर आज बना गुरू-पुष्‍य का योग



वर्ष 2021 का पहला खरीदी का महामुहूर्त गुरु-पुष्य पौष पूर्णिमा पर 28 जनवरी को रहेगा। इस दिन कार्य में सफलता देने वाले मंगलकारी सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्ध के साथ चर योग भी रहेगा। ज्योतिर्विदों के मुताबिक इस दिन स्नान-दान, जप, तप का विशेष महत्व है। इसके बाद 25 फरवरी और दीपावली के सात दिन पहले 28 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र रहेगा।

ज्योतिर्विद पं. विजय अड़ीचवाल के मुताबिक पूर्णिमा तिथि बुधवार रात 1.19 से गुरुवार रात 12.46 बजे तक रहेगी। इस दिन पुष्य नक्षत्र गुरुवार तड़के 3.18 बजे से शुक्रवार तड़के 4.16 बजे तक रहेगा। दिवस पर्यंत पूर्णिमा और पुष्य नक्षत्र रहेगा। इस दिन दोपहर 1.05 बजे तक भद्रा रहने से इसके बाद शुभ कार्य करना लाभदायक होगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग होने से यह दिन खास बन गया है।

वैवाहिक आयोजन के अलावा सभी कार्यों के लिए उत्तम दिन
ज्योतिर्विद विवेक शर्मा के अनुसार पुष्य नक्षत्रों का राजा होता है। पुष्य का स्वामी देवगुरु बृहस्पति है। हालांकि अभी गुरु अस्त होने से वैवाहिक आयोजन नहीं होंगे। विवाह को छोड़कर सभी कार्यों के लिए यह दिन उत्तम है। गुरुवार और रविवार को पुष्य नक्षत्र आना विशेष फलदायी होता है। इसके अलावा सोमवार, मंगलवार, बुधवार और शनिवार को पुष्य नक्षत्र मध्यम फलदायी माना गया है। शुक्रवार के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो उसे शुभ कार्यों के लिए उचित नहीं माना गया है।

मनोकामना पूरी करते है सर्वार्थ और अमृत सिद्धि
ज्योतिर्विदों के मुताबिक सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग कार्य में स्थिरता प्रदान करते हैं। मान्यता है कि इसमें किए कार्य मनोकामना पूरी करते हैं। आवश्यक होने पर शुभ मुहूर्त न मिलने पर इन दोनों योगों में शुभ कार्य कर सकते हैं। तारा अस्त, पंचक, भद्रा आदि होने पर भी यदि ये शुभ योग हों तो इनमें मकान खरीदना, दुकान, ऑफिस, वाहन खरीदना लाभदायक है।

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