सुबह 8:30 बजे से रहेगा मकर संक्रांति का पुण्य काल
सनातन धर्म में मकर संक्रांति पर्व का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब सूर्य देवता का मकर राशि में प्रवेश होता है तो उसे मकर संक्रांति कहा जाता है। आमतौर पर हर वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही मनाई जाती है। साथ ही यह भी मान्यता है कि 14 जनवरी को ही सूर्य देवता और उनके पुत्र शनि देवता का मिलन भी होता है। कुछ ऐसी भी धार्मिक मान्यताएं है कि इसी दिन शुक्र ग्रह का भी उदय होता है। इस कारण से भी मकर संक्रांति पर्व का काफी शुभ माना जाता है। यदि शुभ मुहूर्त में पूरे विधि विधान से इन दिन सूर्य देवता का पूजा अर्चना करते हैं तो शुभ फल मिलता है। इस वर्ष मकर संक्रांति पर्व का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है -
मकर संक्रान्ति पुण्य काल
14 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्य काल सुबह 08.30 मिनट से शाम को 05.46 मिनट तक है। साथ ही मकर संक्रांति का महापुण्य काल 01.45 घंटे का है, जो सुबह 08.30 मिनट से दिन में 10.15 मिनट तक है।
मकर संक्रांति पर ऐसे करें पूजा
- सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्मों से निवृत्त हो जाएं। नहाने के पानी में तिल जरूर मिलाएं। मकर संक्रांति पर तिल के पानी से नहाया जाता है।
- साफ कपड़े पहनकर ही पूजा अर्चना कर चाहिए।
- पूरे दिन बिना नमक खाए व्रत करने का संकल्प लें, साथ ही दान का भी संकल्प लेना चाहिए।
- सूर्यदेव को तांबे के लोटे में जल लेकर शुद्ध जल अर्पित करें। साथ ही जल में लाल फूल, लाल चंदन, तिल और थोड़ा-सा गुड़ मिला लें।
- यह भी ध्यान रखें कि जो जल सूर्य देवता को चढ़ा रहे हैं, उसे तांब के बर्तन में ही गिराएं। बाद में वह जल पौधों को डाल दें
सूर्य को जल चढ़ाते हुए बोलें ये मंत्र:
सूर्य को जल चढ़ाते हुए इस मंत्र का करें जाप। मंत्र: ऊं घृणि सूर्यआदित्याय नम:
सूर्यदेव की पूजा करते समय इन मंत्रों का भी करें जाप:
ऊं सूर्याय नम:
ऊं आदित्याय नम:
ऊं सप्तार्चिषे नम:
ऊं सवित्रे नम: ,
ऊं मार्तण्डाय नम: ,
ऊं विष्णवे नम:
ऊं भास्कराय नम:
ऊं भानवे नम:
ऊं मरिचये नम:
मकर संक्रांति का राशियों पर असर
मेष : कार्य के लिए प्रयत्नशील होंगे, सफलता निश्चित ही मिलेगी। पदोन्नति और तबादला भी होगा।
वृष : अचानक परेशानी आ सकती है। कार्यों में सफलता कठिन होगी। नए कार्यों में बाधा।
मिथुन : किसी बीमारी की आशंका। परिवार में तनाव। भ्रम के कारण हानि।
कर्क : यात्रा के अवसर मिलेंगे। खाने-पीने में सावधान रहें। मानसिक भ्रम से हानि। शारीरिक श्रम में वृद्धि।
सिंह : शत्रु पराजित होंगे। मन प्रसन्न रहेगा। खेलकूद में रुचि और सफलता मिलेगी।
कन्या : अनावश्यक मानसिक कष्ट। बीमारी आदि की आशंका।
तुला : सुखों में कमी रहेगी। पूरे महीने बीमारी होने की आशंका से डर रहेगा।
वृश्चिक : आय में वृद्धि, यात्रा लाभप्रद। शत्रुओं को पराजित करेंगे।
धनु : सुख में कमी। अनावश्यक जिद से हानि। ठगे जाने का भय रहेगा।
मकर : शारीरिक परिश्रम, धन अपव्यय। गुस्सा होने से हानि।
कुंभ : अनावश्यक जिद से हानि। ठगी के शिकार हो सकते हैं। निकटतम लोगों से धोखा मिल सकता है।
मीन : पदोन्नति की संभावना, उपहार और पुरस्कार मिलेंगे। आय में भी वृद्धि होगी।