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पुष्‍य नक्षत्र में होगा नए वर्ष का आगमन



इस बार 2020 की विदाई और 2021 का आगमन शुभ नक्षत्र में हो रहा है। हालांकि हर कोई यही चाहता है कि नया वर्ष अच्छा हो और शुभ काम करने का अवसर मिले। इसके लिए 31 दिसम्बर से 1 जनवरी तक पुष्यभ नक्षत्र का संयोग बन रहा है। खास बात यह है कि नए वर्ष की शुरूआत का दिन भी शुक्रवार है। जिसे सुख से जुड़ा माना जाता है। ज्योतिष ग्रंथों में पुष्य नक्षत्र को तिष्य यानि शुभ मांगलिक नक्षत्र कहा गया है। ज्योतिष गणना के अनुसार 31 दिसंबर 2020 को रात 7:26 बजे से गुरु पुष्य योग बन रहा है। अंग्रेजी नववर्ष का शुभारंभ 1 जनवरी को पुष्य नक्षत्र में रात 8:02 योग में होगा। जो एक शुभ आरंभ है। 31 दिसंबर को गुरु पुष्य योग रहेगा और इसके बाद आगामी नववर्ष 2021 का शुभारंभ एक जनवरी को पुष्य नक्षत्र योग में ही होगा। अर्थात जिस शुभ महामुहूर्त में वर्ष 2020 का समापन होगा उस दिन से लेकर नववर्ष 2021 के पहले दिन तक पुष्य नक्षत्र का संयोग रहेगा।

जबलपुर के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ दुबे के अनुसार, नव वर्ष का आगमन पुष्य नक्षत्र में हो रहा है यह शुभ फलदायी है। 31 दिसंबर से 1 जनवरी तक पुष्यन नक्षत्र 24 घंटे 46 मिनट तक रहेगा।

सोना खरीदने से होता है लाभ : नव वर्ष पर गुरु-शनि की युति मकर राशि में रहेगी। वहीं धनु राशि में सूर्य और बुध विराजमान रहेंगे। पुष्य नक्षत्र की धातु सोना खरीदने से लाभ होता है। रवि पुष्य में भूमि, भवन, वाहन व अन्य स्थाई सम्पत्ति में निवेश करने से प्रचुर लाभ की संभावना रहती है। इस दिन चांदी, बर्तन, कपड़ा, वस्तुओं की खरीदी भी शुभ रहती है। इस कार्य का शुभारंभ करना भी फलदायी माना गया है।

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