EMI, Personal Loan, Home Loan लेने वालों के लिए काम की खबर
Home Loan : होम लोन लेने के इच्छुक लोगों के लिए यह अच्छी खबर है। असल में कोरोना महामारी के चलते बाजार की अर्थव्यवस्था रुक सी गई थी लेकिन अब लोग पैसा खर्च करने और निवेश करने के लिए पूरी तरह से तैयार नज़र आ रहे हैं। इन दिनों बैंकों में होम लोन के आवेदनों की संख्या बहुत बढ़ गई है। हालांकि ये आवेदन एनआरआई वर्ग से अधिक आ रहे हैं लेकिन चूंकि बैंकें अब लोन दे रही हैं, ऐसे में इस क्षेत्र में अब अधिक निवेश की संभावना बन गई है। प्रवासी भारतीय अब देश में भी एक घर रखना चाहते हैं। इसके चलते वे अब बड़ी संख्या में बैंकों के पास होम लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं। बैंकों का कहना है कि कोविड की वजह से प्रवासी भारतीयों में यह सोच बनी है कि उन्हें भारत में भी एक घर लेना चाहिए। पीएनबी के एमडी और सीईओ एम मल्लिकार्जुन राव का कहना है कि काफी संख्या में विदेश में रहने वाले भारतीयों ने अपने माता-पिता के लिए या खुद के लिए भारत में घर खरीदना शुरू कर दिया है। इस तरह के कई ग्राहकों ने हमारे यहां से होम लोन लिया है। कोविड की वजह से बड़े पैमाने पर लोगों ने घर से काम करना शुरू कर दिया है। कई कंपनियों ने तो अगले साल मई-जून तक अपने कर्मचारियों को घर से ही काम करने का निर्देश दिया है। इससे भी रियल एस्टेट सेक्टर में बड़े घर की मांग बढ़ी है। हीरानंदानी जैसी प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी ने इस वर्ग को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में नई परियोजना लगाने का एलान किया है। यह भी बताया जा रहा है कि नए पेशेवरों में अपना घर खरीदने की सोच फिर से मजबूत हुई है। कोविड-19 महामारी ने अर्थव्यवस्था के तमाम पहियों पर ब्रेक लगा दिया है, लेकिन इसकी वजह से कुछ क्षेत्रों में नए ग्राहक भी बने हैं।
खास तौर पर वाहन और रियल एस्टेट सेक्टर में कुछ ऐसे लोग सामने आ रहे हैं, जो सिर्फ कोविड-19 से बने माहौल की वजह से ग्राहक बने हैं। कोविड ने जिस तरह से जीवन की अनिश्चितता से दो-चार करवाया है, उससे एक वर्ग वाहन खरीदने के शौक को अब आगे नहीं टालना चाहता, बल्कि उसे जल्द से जल्द पूरा करना चाहता है। खास तौर पर देश में दोपहिया वाहनों की बिक्री में आई तेजी के पीछे इसी सोच को वजह बताया जा रहा है।
सरकार दे चुकी है 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर छूट
हाल ही में केंद्र सरकार ने कोरोनोवायरस महामारी के मद्देनजर रिजर्व बैंक की स्थगन योजना के तहत 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर चक्रवृद्धि ब्याज की माफी की घोषणा की। ब्याज पर छूट चाहे जो भी हो, स्थगन का लाभ उठाया गया था या नहीं। ब्याज माफी योजना को लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की पृष्ठभूमि में फैसला आया है। इस फैसले से सरकार पर 6,500 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। 14 अक्टूबर को, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से आगामी दीवाली त्योहार को ध्यान में रखते हुए "जल्द से जल्द" 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर ब्याज माफी को लागू करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि जिन उधारकर्ताओं के पास ऋण की सीमाएं हैं, उनकी सीमाएँ स्वीकृत हैं और बकाया राशि 2 करोड़ रुपये से अधिक है (ऋण संस्थानों के साथ सभी सुविधाओं का कुल मिलाकर) 29 फरवरी को योजना के लिए पात्र होंगे। दिशा-निर्देशों में उल्लिखित पात्रता मानदंड के अनुसार, खाते 29 फरवरी को मानक होने चाहिए, जिसका अर्थ है कि यह गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) नहीं होना चाहिए।सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, गृह ऋण, कार ऋण, शिक्षा ऋण, एमएसएमई ऋण और क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि भी इस योजना के तहत शामिल की जाएंगी।