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सरकार की इस योजना के साथ काम कर पा सकते है रोजगार


कोरोना संकट के दौर में अधिकांश लोग स्‍वयं का रोजगार, बिजनेस खोलना चाहते हैं ताकि पैसों की कमी को दूर किया जा सके। स्‍टार्ट अप्‍स के बढ़ते चलन के बीच ऐसा ही एक बेहतर ऑप्‍शन उपलब्‍ध है जिससे आपको बेहतर आय हो सकती है। जो लोग स्‍वयं का बिजनेस खोलने के इच्‍छुक हैं, उनके लिए यह शानदार मौका हो सकता है। इससे उन्‍हें हर महीने करीब 30 से 50 हजार रुपए की आय हो सकती है। हाल ही में केंद्र सरकार ने मोटर वीकल एक्‍ट नए सिरे से लागू किया है। इसके बाद प्रदूषण जांच केंद्र (Pollution Testing Center) का व्‍यापार ट्रेंड में है। असल में, बदले हुए नियमों के बाद लोगों को सबसे ज्‍यादा (PUC) पीयूसी यानी प्रदूषण सर्टिफिकेट की ज़रूरत है। इसका पालन ना होने पर 10 हजार रुपए तक का जुर्माना भी लगता है। आप यह केंद्र खोलकर अपनी आय का ज़रिया शुरू कर सकते हैं। यहां जानिये इससे जुड़े नियम, शर्तें, प्रक्रिया, पात्रता एवं अन्‍य जानकारी।

ऐसे करें PUC के लिए आवेदन

- सबसे पहले आपको प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए RTO से लाइसेंस प्राप्‍त करना होगा।

- आप अपने नजदीकी आरटीओ ऑफिस जाकर इसके लिए आवेदन दे सकते हैं।

- परमिशन मिलने के बाद आप अपना प्रदूषण जांच केंद्र किसी पेट्रोल पंप, ऑटोमोबाइल वर्कशॉप के पास खोल सकते हैं।

- इसके लिए आपको आवेदन करने के साथ ही 10 रुपए का शपथ-पत्र भी भरकर देना होगा। इसमें आपको टर्म एंड कंडीशन का उल्‍लेख करना होगा।

- इसके बाद लोकल अथॉरिटी से NOC यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट हासिल करना होगा।

- प्रत्‍येक राज्‍य में प्रदूषण जांच केंद्र के लिए जो शुल्‍क तय किया गया है, वह अलग- अलग है।

- केंद्र के लिए यदि आप ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं तो आप यहांं https://vahan.parivahan.gov.in/puc/ स्‍वयं को रजिस्‍टर करें।

कहां लगता है कितनी फीस

दिल्ली-NCR में एप्लीकेशन फीस- 5000 रुपए देना होगी। इसमें सिक्योरिटी डिपॉजिट शामिल है।

सालाना फीस- 5000 रुपए लगेगी।

कुल - 10000 रुपए की फीस है।

ये होंगी PUC की शर्तें और पात्रता

प्रदूषण जांच केंद्र की सबसे पहली पहचान पीले रंग का केबिन है। इसे इसी में खोला जाता है। इस केबिन का साइज- लंबाई 2.5 मीटर, चौड़ाई 2 मीटर, ऊंचाई 2 मीटर तय किया गया है। इसके अलावा आपको अपने केंद्र पर लाइसेंस का नंबर भी दर्ज करके रखना अनिवार्य है। इसकी सभी को पात्रता है। कोई भी नागरिक, फर्म, सोसायटी और ट्रस्ट इसका संचालन कर सकता है। PUC खोलने के लिए इच्‍छुक आवेदक को सबसे पहले ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, मोटर मैकेनिक्स, ऑटो मैकेनिक्स, स्कूटर मैकेनिक्स, डीजल मैकेनिक्स या फिर इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (ITI) से एक सर्टिफिकेशन का होना जरूरी है।

PUC केंद्र खोलने के लिए इन चीजों की होगी जरूरत

प्रदूषण जांच केंद्र खोलने के लिए जरूरी चीजों की सूची में एक कंप्यूटर, USB वेब कैमरा, इंकजेट प्रिंटर, पावर सप्लाई, इंटरनेट कनेक्शन, स्मोक एनालाइजर आदि आते हैं। लाइसेंस फीस से अलग खर्च में इन सभी का खर्च जोड़ा जाता है।

इस अनिवार्य शर्त का रखें ध्‍यान

PUC प्रदूषण जांच केंद्र को किसी भी वाहन के पॉल्यूशन चेक पर एक प्रिंटेड सर्टिफिकेट देना होता है। इस सर्टिफिकेट में सरकारी स्टिकर का लगा होना जरूरी माना जाता है। PUC प्रदूषण जांच केंद्र को सभी गाड़ियों का विवरण करीब एक साल तक अपने सिस्टम में सुरक्षित रखना अनिवार्य है। PUC का लाइसेंस जिसके नाम पर है, केवल उसी को ही इसे चलाने का कानूनी अधिकार होगा। यदि कोई अन्‍य इसका संचालन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही हो सकती है।

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