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SBI ने घटाई मिनिमम बैलेंस की सीमा


 देश से सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक इंडिया ने अपने खाताधारकों को बड़ी राहत दी है। अब स्टेट बैंक के खाताधारकों के लिए मिनिमम बैंक बैलेंस की बाध्यता कम कर दी गई है। एसबीआई के इस कदम से देशभर के करीब 45 करोड़ खाताधारकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। मिली जानकारी के मुताबिक एसबीआई ने मेट्रो और ग्रामीण क्षेत्र के लिए मिनिमम बैलेंस की लिमिट घटा दी है। अब मेट्रो और अर्बन सिटीज के लिए मिनिमम मासिक बैलेंस औसतन 3000 रुपए रखना होगा। वहीं ग्रामीण इलाकों में यह सीमा 1000 रुपए कर दी गई है। इसके साथ-साथ मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं रखने पर लगने वाली पेनाल्टी को भी कम कर दिया गया है।

ये है एसबीआई का मिनिमम बैलेंस को लेकर नियम
एसबीआई में आमतौर पर मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर 5-15 रुपए का चार्ज और जीएसटी लगता है। गौरतलब है कि एसबीआई ने अप्रैल 2017 में मिनिमम एवरेज बैलेंस चार्ज को लागू किया था। देशभर के बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई आदि की बात करें तो मिनिमम बैलेंस में 50 फीसद घटने पर फाइन के रूप में 10 रुपए से साथ में जीएसटी लगेगा। वहीं अगर मिनिमम बैलेंस में 50-75 फीसद की कटौती होती है तो चार्ज 12 रुपए और जीएसटी लगेगा। अगर अकाउंट होल्डर का बैलेंस 75 फीसदी से ज्यादा घटता है तो पेनाल्टी के रुप में 15 रुपए और जीएसटी चार्ज लगेगा।

1 अक्टूबर टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स भी लागू
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 1 अक्टूबर से टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स को भी लागू कर दिया है। इसके तहत एक वित्त वर्ष में 7 लाख से ज्यादा रेमिटेंस भेजने पर इसे लागू किया जाएगा। बैंक सूत्रों के मुताबिक फिलहाल एजुकेशन लोन संबंधी पेमेंट शामिल नहीं है। विदेश घूमने के मकसद को लेकर भेजे जाने वाले पैसे पर टीसीएस वसूल किया जाएगा। यह अमाउंट अगर 7 लाख से कम होगा तब भी TCS लागू होता है।

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