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शिक्षा में गुणवत्ता सुधारने के सार्थक प्रयास


संदीप कुलश्रेष्ठ
                प्रदेश के सभी सरकारी प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों की वास्तविक दक्षता का मूल्यांकन करने का सार्थक प्रयास शुरू किया गया है। इस प्रयास के अर्न्तगत प्रदेश के सभी स्कूलों में बेस लाईन, मिड लाईन और एंड लाईन टेस्ट कर यह देखा जा रहा है कि संबंधित कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थी का अकादमिक स्तर उस कक्षा के अनुरूप है या नहीं । साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि बेस लाईन और मिड लाईन के बाद एंड लाईन के समय विद्यार्थी में कितना शेक्षणिक विकास हुआ। विभागीय स्तर पर इन तीनों टेस्ट का आकलन करके यह पता लगाया जा रहा है कि स्कूल स्तर पर अकादमिक गुणवत्ता सुधारने के कितने प्रयास किये गए और उनके नतीजे क्या हैं ?
शिक्षकों को मिलेगी प्रशंसा और दंड -
               राज्य शिक्षा केन्द्र की पहल पर शुरू की गई इस योजना में बेस लाईन, मिड लाईन और एंड लाईन टेस्ट के परिणाम के आधार पर संबंधित स्कूलां के शिक्षकों को अच्छे कार्य करने पर सराहना मिलेगी। वहीं मूल्यांकन में कमजोर पाये जाने वाले स्कूलों के स्कूल प्रबंधन के खिलाफ विभागीय स्तर पर कार्रवाई भी की जायेगी। अभी तक तीनों टेस्ट ले लिये गए है। इनके परिणामों के आधार पर आगे कार्रवाई की जायेगी। 
विद्यार्थियों के मूल्यांकन का आकलन -
               प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों मे पढ़ने वाले कक्षा पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों का अकादमिक स्तर उनकी कक्षा के अनुसार बनाने के लिए स्कूलों में तीन चरणों मे ये टेस्ट लिये गए हैं। टेस्ट के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र की ओर से ही प्रपत्र भी दिये गए थे। इसके अनुसार अलग-अलग सत्रों में कक्षावार विद्यार्थियों के टेस्ट लेने के बाद शिक्षकों ने उनकी मौखिक परीक्षा भी ली। इसमें विद्यार्थियों से जहाँ हिन्दी के पाठ पढ़वाए गए, वहीं अन्य सवाल भी किये गए। इन टेस्ट के बाद विद्यार्थियों का मूल्यांकन कर उनकी दक्षता का आकलन किया जायेगा। अब इसी आधार पर विद्यार्थियों की अकादमिक गुणवत्ता सुधारने की अगली रणनीति तैयार की जायेगी। 
इस प्रयास की चारों ओर हो रही सराहना -
               अभी सामान्यतः यह देखा जा रहा था कि कक्षा के स्तर के अनुरूप बच्चों को न तो हिन्दी का ज्ञान है ओैर न ही अंग्रेजी का। विद्यार्थी गणित विषय में भी अभी जिस कक्षा में पढ़ रहे हैं उससे बहुत कम स्तर की शैक्षणिक गुणवत्ता उनमें पाई गई थी। उस स्थिति को सुधारने के लिए प्रदेश स्तर पर एंड लाईन टेस्ट की शुरूआत हुई है। इस टेस्ट के परिणाम के आधार पर अपेक्षा की जा रही है कि कमजोर बच्चों के शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयास किये जायेंगे। संभवतः पहली बार हो रही इस पहल से अभिभावकोंऔर शिक्षा जगत में इस सार्थक प्रयास की सराहना की जा रही है। ऐसे प्रयास भविष्य में भी होते रहना चाहिए, ताकि प्राथमिक स्तर पर ही विद्यार्थियों की नींव मजबूत की जा सके। ऐसे प्रयासों से देश में मध्यप्रदेश की शैक्षणिक मुणवत्ता की जो तस्वीर है उसमें सुधार होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। 
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