पेंशनरों को एरियर के लिए अब करना ही पड़ेगा आंदोलन
डॉ. चन्दर सोनाने
प्रदेश के करीब साढ़े चार लाख पेंशनर 1 जनवरी 2016 से मार्च 2018 तक के 27 महिने के एरियर के भुगतान के लिए अभी भी इंतजार ही कर रहे हैं। बहुत इंतजार करने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें सातवां वेतनमान 1 जनवरी 2016 से दे तो दिया किन्तु उन्हें इसका वास्तविक लाभ अप्रैल 2018 से ही प्राप्त हुआ। इन 27 माह के एरियर के बारे में न तो पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ किया औेर न ही वर्तमान मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ कुछ कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों और पेंशनरों को 1 जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान दे दिया गया है। राज्य के राजपत्रित अधिकारियों को सातवां वेतनमान देने के साथ ही उनका पूरा एरियर जी पी एफ खाते में जमा कर दिया गया। इसके साथ ही राज्य के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के एरियर की नगद राशि भी दे दी गई। किन्तु, राज्य सरकार ने प्रदेश के करीब साढ़े चार लाख पेंशनरों के साथ धोखा किया। अभी तक सरकारें उन्हें आश्वासन के झूले पर ही झूला रही है।
पेंशनरों को 27 माह का एरियर कितना होगा ? इस पर नजर डाली जाए तो पता चलेगा कि पेंशनरों को मिलने वाली एरियर की राशि कम नहीं बनती। एक अनुमान के अनुसार चतुर्थ श्रेणी , तृतीय श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कर्मचारी व अधिकारियों काएरियर प्रतिमाह यदि 1 हजार रूपए हो तो 27 माह का एरियर 27 हजार रूपए बनता है। यदि 2 हजार रूपए प्रतिमाह का लाभ किसी को मिलता है तो उन पेंशनरों को 54 हजार रूपए का एरियर बनता है। जिन्हें 3 हजार रूपए प्रतिमाह लाभ होने की संभावना है उन्हें 27 माह का एरियर 81 हजार रूपए बनता है। और यदि किसी को 4 हजार रूपए प्रतिमाह का लाभ मिलने वाला हो तो उसे 1 लाख 8 हजार रूपए तथा 5 हजार प्रतिमाह लाभ मिलने वाले पेंशनरों को एरियर की राशि 1 लाख 35 हजार रूपए बनती है। अर्थात् पेंशनरों को कम से कम 27 हजार रूपए से 1 लाख 35 हजार रूपए की एरियर की राशि बनती है। ये राशि एक पेंशनर के लिए कम नहीं होती है। इन राशियों का महत्व और उपयोगिता एक पेंशनर ही बता सकता है। इस राशि से वह अपने छोटे- छोटे सपने पूरे कर सकता है।
अब बहुत हो गया। पेंशनरों को अब मैदान में आना ही पड़ेगा। पेंशनरों के सभी संगठनों को इस मुद्दे पर एक जाजम पर आने की आवश्यकता है। उन्हें इसके लिए चरणबद्ध आंदोलन करना ही पड़ेगा। सबसे पहले पेंशनर संघ को राज्य सरकार को नोटिस देकर अपनी 27 माह की एरियर की राशि देने के लिए अंतिम बार निवेदन करना चाहिए और एक माह की अवधि के बाद यदि कुछ नहीं होता है तो चरणबद्ध आंदोलन करना चाहिए। ये आंदोलन प्रथम चरण में प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों पर एक साथ किया जाए। इसके साथ ही द्वितीय चरण में भोपाल में वल्लभ भवन के सामने, जहाँ से प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ , सभी मंत्रीगण तथा सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी रोजाना निकलते हैं , वहाँ अनिश्चितकालीन धरना देना चाहिए । इसके साथ ही सबसे पहले मुख्यमंत्री को एरियर के भुगतान के लिए ज्ञापन देने के बाद प्रतिदिन एक मंत्री को ज्ञापन दिया जाए। यह धरना आंदोलन माँग मंजूर होने तक सतत किया जाना चाहिए। इसके लिए सभी पेंशनरों को एकजुट होने की आवश्यकता है।
प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को चाहिए किवे पेंशनरां से उनके सपने नहीं छीनें, उन्हें उनका अधिकार देंवे। शासकीय सेवकोंको 7 वां वेतनमान प्राप्त होने से उन्हें एरियर की राशि का लाभ दिया गया है तो क्या कारण है कि पेंशनरों को उनकी एरियर की राशि से वंचित किया जा रहा है? और यदि मुख्यमंत्री पेंशनरों की वाजिब माँग को पूरा नहीं करते हैं तो अब पेंशनरों के सामने आंदोलन करने के अलावा कोई मार्ग शेष नहीं बचा है। अब उनको मैदान में आना ही पड़ेगा और आना भी चाहिए।
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