हिमा दास और दूती चंद पर हो पुरस्कारों की झड़ी
संदीप कुलश्रेष्ठ
फर्राटा गर्ल्स हिमा दास और दूती चंद ने देश के गौरव में चार चाँद लगा दिये हैं।इन दोनों ने हाल ही में 6 गोल्ड लाकर विश्व में देश का मान बढ़ा दिया। सामान्यतः यह होता है कि जब भारत क्रिकेट के मैदान में कोई मैच जीतता है तो क्रिकेट के खिलाड़ियों पर पुरस्कारों की बौछारें होने लगती है और प्रिन्ट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में वे छा भीजाते हैं। किन्तु, जब देश की इन दो बेटियों ने विश्व खेलकूद में 6 गोल्ड जीते तो न तो देश और राज्यों द्वारा पुरस्कारों की घोषणा की गई ओर न ही उन्हें क्रिकेट जैसा प्रचार-प्रसार मिला।
हिमा ने 19 दिन में 5 गोल्ड जीत कर रचा इतिहास-
असम के एक साधारण किसान परिवार में जन्मी 19 वर्ष की गोल्डन गर्ल हिमा ने पहला गोल्ड इसी वर्ष 2 जुलाई को पोलैंड में पोजनान एथलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स में 200 मीटर रेस में हिस्सा लेकर प्रापत किया। यहाँ उन्होंने 23.65 सेकंड में उस रेस पूरा कर गोल्ड जीता था। दूसरा गोल्ड हिमा ने 7 जुलाई को पोलैंड में ही कुटनो एथलेटिक्स मीट में 200 मीटर रेस को 23.97 सेकंड में पूरा कर जीता था। उन्होंने तीसरा गोल्ड 13 जुलाई को चेक रिपब्लिक में हुई क्लांदो मेमोरियल एथलेटिक्स में महिलाओं की 200 मीटर रेस को 23.43 सेकेंड में पूरा कर जीता । जबकि उन्होंने चौथा गोल्ड इसी देश में 17 जुलाई को ताबोर एथलेटिक्स मीट में 200 मीटर रेस को 23.25 सेकंड में पूरा कर जीता । भारतीय धावक हिमा दास ने शनिवार को चेक रिपब्लिक में 400 मीटर की रेस 52.09 सेकंड में पूरी कर पांचवा गोल्ड अपने नाम कर अपने देश का नाम रोशन किया। इस प्रकार 19 वर्षीय हिमा ने 19 दिन में 5 गोल्ड अपने नाम कर इतिहास रच दिया।
दूती चंद ने भी रचा इतिहास -
राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी दूती चंद विश्व यूनिवर्सिटी खेलों में 100 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर इन खेलों में अव्वल रहने वाली पहली भारतीय महिला ट्रैक और फील्ड खिलाड़ी बन गई है। 23 बरस की दूती ने 11.32 सेकंड का समय निकालकर यह रेस जीती। चौथी लेन में दौड़ते हुए दूती आठ खिलाड़ियों में पहले नंबर पर रही। स्विट्जरलैंड की डेल पोंटे (11 .33 सेकंड) दूसरे स्थान पर रही। जर्मनी की लिसा क्वायी ने कांस्य पदक जीता। ओडिशा की दूती वैश्विक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली हिमा दास के बाद दूसरी भारतीय ऐथलीट बन गई। हिमा ने पिछले साल विश्व जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 400 मीटर में गोल्ड जीता था। दूती ने एशियाई खेल 2018 में 100 और 200 मीटर में रजत पदक जीता था। वह यूनिवर्सिटी खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई।
दोनों उड़न परियों को दिया जाए पद्मश्री -
दोनों गोल्डन गर्ल हिमादास और दूतीचंद ने विश्व इतिहास रचते हुए देश का नाम रोशन किया है। इसके लिए निश्चित रूप से ये दोनों पद्मश्री की हकदार है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को चाहिए कि वे इन दोनां देश के गौरव को पद्मश्री देकर सम्मानित करें। यही नहीं दोनों को पांच-पांच करोड़ रूपए का पुरस्कार देकर भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि ये दोनां साधारण परिवार से हैं। हिमादास का परिवार तो हाल ही में असम में आई बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित भी हो गया था। इसके लिए इन दोनों खिलाड़ियों को इतनी राशि भी पुरस्कार के रूपमें दी जानी चाहिए कि वे अपने परिवार के लिए अच्छा आवास बना सके।
केन्द्र शासन के साथ-साथ असम की हिमा दास और उड़ीसा की दूती चंद को उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा भी अपने अपने राज्यों में सार्वजनिक अभिनंदन करने के साथ-साथ आकर्षक पुरस्कार से भी लाद देना चाहिए। क्योकि इन दोनों ने अपने- अपने राज्यों और देश का नाम रोशन किया है।
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