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भारत में भी बच्चों का यौन शोषण करने वाले को बनाया जाए नपुंसक


डॉ. चन्दर सोनाने  
               हाल ही में अमेरिका के अल्बामा राज्य में बच्चां का यौन शोषण करने वाले नर पिशाचों को नपुंसक बनाये जाने का सख्त कानून बनाया गया है। इतना सख्त कानून बनाने वाला अमेरिका का यह पहला राज्य है। भारत में भी अल्बामा की ही तरह बच्चों का यौन शोषण करने वालो को नपुंसक बना दिया जाना चाहिए। ऐसा सख्त कानून लागू करने के बाद ही ऐसे नर पिशाच पर नियंत्रण हो सकेगा। 
अमेरिका के अल्बामा राज्य की महिला गर्वनर काय इवे ने यह ऐतिहासिक कार्य कर दिखाया है। उन्होंने हाल ही में ‘केमिकल कैस्ट्रेशन‘विधेयक पर हस्ताक्षर कर कानून बना दिया है। इस विधेयक में अल्बामा में 13 साल से कम उम्र के बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के दोषियों को नपुंसक बनाने की सजा देने का प्रावधान किया गया है। 
                 इस नए कानून में दोषी को हिरासत से रिहा करने के पहले या फिर पैरोल देने से एक महीने पहले रासयनिक दवा का इंजेक्शन लगा दिया जायेगा। यह दवा आरोपी के शरीर में टेस्टोस्टेरोन पैदा नहीं होने देगी। इससे दोषी पूरी तरह नपुंसक हो जायेगा। कोर्ट के जज यह तय करेंगे कि दोषी को कब तक और कितनी मात्रा में दवा दी जाये। दवा का खर्च भी आरोपी को ही वहन करना होगा। इस प्रक्रिया में दोषी के शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन डालें जायेंगे जिससे उसकी यौन क्षमता खत्म हो जायेगी। अल्बामा राज्य की गर्वनर ने इस संबंध में कहा है कि यह बिल राज्य में बच्चों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 
               जघन्य अपराधों के लिए जघन्य सजा ही होना चाहिए, तभी अपराधियों के मन में डर पैदा होगा। वर्तमान के कानूनों के कारण अपराधियों के मन में कोई डर नहीं है। इस कारण इस तरह के अपराधी देश में लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे आरोपियों के विरूद्ध समाज में गहरा असंतोष है। हर एक संवेदनशील व्यक्ति यह चाहता है कि बच्चों का यौन शोषण करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध इतने सख्त कानून बनाये जाए कि वह ऐसा करने के पहले दस बार सांचे। 
                मध्यप्रदेश में और हमारे देश में भी दिनों दिन बच्चों का यौन शोषण करने वाले व्यक्तियों की तादाद बढ़ती जा रही है। इस पर नियंत्रण के लिए गतवर्ष मध्यप्रदेश में और देश में बच्चों का यौन शोषण करने वाले व्यक्ति को फाँसी देने का भी कानून बना दिया गया है। यह अत्यन्त आवश्यक भी था। किन्तु इसके बावजूद बच्चों के यौन शोषण के प्रकरण कम होने की बजाय बढ़ते जा रहे हैं। यह दुःखद है कि ऐसे प्रकरण न केवल शहरी क्षेत्र में हो रहे है, बल्कि ग्रामीण अंचलों में भी ऐसी वारदातें हो रही है। इस पर सख्त नियंत्रण के लिए हमारे देश में भी अल्बामा जैसा कानून बनाये जाने की सख्त जरूरत है, ताकि वह जब तक जीवित रहे, तब तक नपुंसक की सजा भुगतता रहे। अल्बामा जैसा कानून हमारे देश में भी बनाये जाने से निश्चित रूप से अपराधियों पर नियंत्रण हो सकेगा। 
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