सरकारी स्कूल : केरल ने प्रस्तुत किया एक आदर्श
संदीप कुलश्रेष्ठ
भीषण गर्मी में जिस प्रकार शीतल हवा का झौंका हमारे मन और तन को प्रफुल्लित कर जाता है, उसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में एक ताजी हवा का झौंका केरल से आया है। केरल ने अपने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों को देश में पहली बार हाइटैक बनाने की मुहिम आरम्भ कर देश के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया है। इस प्रकार केरल राज्य देश का पहला राज्य बन गया है, जहाँ सारे सरकारी स्कूल हाईटैक हो गए हैं। अब उन्हें विश्व स्तरीय बनाने की भी तैयारी की जा रही है। तीन साल पहले केरल के पाँच हजार सरकरी स्कूलों में बच्चों की कमी थी। किन्तु आज वहाँ एडमिशन की होड़ लग गई है।
45 हजार स्मार्ट क्लास बनाई गई -
केरल राज्य में आज कक्षा आठवीं से बारहवीं तक के 45 हजार क्लास रूम में प्रोजेक्टर, स्क्रीन, लैपटॉप और इंटरनेट जैसी सुविधाएँ हैं। इसी कारण से राज्य में वर्ष 2018-19 में पिछले सत्र की तुलना में 40 हजार ज्यादा एडमिशन हुए। इसी राज्य में वर्ष 2016 में सारे सरकारी स्कूल छात्रों की कमी से जूझ रहे थे। कुछ स्कूल तो ऐसे थे जो बंद होने की कगार पर पहुँच गए थे।
9941 प्राथमिक स्कूल भी बनेंगे हाइटैक -
राज्य के सभी माध्यमिक स्कूलों को हाइटैक बनाने के बाद दूसरे चरण में राज्य के सभी प्राथमिक स्कूलों को भी हाईटैक बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके अर्न्तगत 9,941 प्राथमिक स्कूलों में 23,170 मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर, 55,086 लैपटॉप और यूएसबी स्पीकर लगाए जा रहे हैं। इन स्कूलों को शिक्षित करने की जिम्मेदारी केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड टेक्नोलॉजी फॉर एजुकेशन (केआईटीई) के पास है। यह एक सरकारी एजेन्सी है। केआईटीई को देश के पहले आईटी एट स्कूल प्रोजेक्ट के लिए भी जाना जाता है। इसके विशेषज्ञां की एक टीम स्कूल का नियमित दौरा कर उसे और बेहतर बनाने के लिए कार्य योजना बनाती है।
कक्षा 10 के 100 प्रतिशत बच्चे पास -
केरल राज्य के इन नवाचारों के सुपरिणाम भी दिखाई देने लगे हैं। सरकारी स्कूलों में किये गये सुधारों का असर बच्चों के रिजल्ट पर भी साफ दिख रहा है। इस साल राज्य के 12,971 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी 100 प्रतिशत बच्चे कक्षा 10 में पास हो गए हैं। इन स्कूलों में से 7,216 सहायता प्राप्त स्कूल और 1,060 गैर सहायता प्राप्त स्कूल भी है।
हर विधानसभा क्षेत्र में एक स्कूल होगा आदर्श-
केरल राज्य में स्मार्ट क्लासरूम के बाद अब सरकारी स्कूलों को अन्तर्राष्ट्रीय स्कूल बनाने की भी पहल शुरू कर दी गई है। इन सरकारी स्कूलों को इस हिसाब से तैयार भी कर दिया गया है। इन स्कूलों में स्वीमिंग पुल भी बनाये गए हैं। इसके पीछे उद्देश्य राज्य में डुबने से हाने वाली मौतां के प्रति बच्चों को सतर्क करना है। इस परियोजना के पहले चरण में राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक सरकारी स्कूल अर्थात् 141 स्कूलों में यह सुविधा दी जायेगी। इस प्रोजेक्ट को शिक्षा सत्र 2019-2020 के मध्य तक पूर्ण हो जाने की संभावना है।
राज्य का आदर्श स्कूल -
राज्य में सरकारी स्कूलों में इन्टरनेशनल स्टैंडर्ड का सबसे अच्छा उदाहरण है-कालीकट का गवर्नमेन्ट वोकेशनल हायर सेकेण्डरी स्कूल फॉर गर्ल्स। सन 2008 तक यह स्कूल भी दूसरे सरकारी स्कूलों की ही तरह था जहाँ न तो सुविधाएँ थी और न तो अच्छा रिजल्ट आता था। लेकिन अब यह स्कूल भारत के टॉप 5 स्कूलों की सूची में चौथे नम्बर पर है। इस स्कूल में लैब,केन्टिन, खेल का मैदान, जिम, आधुनिक रसोई और वेस्ट मैनेजमेंट जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
अन्य राज्य भी करें केरल का अनुकरण -
देश में केरल राज्य एक मात्र राज्य है, जहाँ कुल बजट का 16.5 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च किया जाता है। यदि देष के अन्य राज्य भी इसी प्रकार अपने कुल बजट का सर्वाधिक शिक्षा पर खर्च करें तो वे राज्य भी शिक्षा के क्षेत्र में केरल जैसी उपलब्धी प्राप्त कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि देश में सबसे अधिक शिक्षा का प्रतिशत भी केरल राज्य में ही है। इसी कारण केरल राज्य के युवा देष के लगभग प्रत्येक राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हुए सहज ही देखे जा सकते हैं।
..................................000....................................