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गृह मंत्री के सामने है जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने की चुनौती


           डॉ. चन्दर सोनाने

           भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एव ंकेन्द्र सरकार के नये गृहमंत्री श्री अमित शाह के सामने लोकसभा चुनाव में प्रचण्ड बहुमत पाने के बाद अब अनेक चुनौतियाँ सामने है। राष्ट्रवाद के नाम से सत्ता में लौटी भाजपा के सामने सबसे अहम चुनौती है जम्मूकश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटाने की। 
              नई सरकार के गठन के बाद नम्बर दो की हैसियत रखने वाले गृहमंत्री के अहम पद पर श्री अमितशाह की ताजपोशी हो गई है। लोकसभा चुनाव के दौरान देशभर में राष्ट्रवाद के नाम से वोट पाने के लिए भाजपा ने लगातार मुहिम चलाई थी। उसी के परिणाम स्वरूप देश की जनता ने भाजपा को देश में पहली बार 300 से अधिक सीट देकर राष्ट्रवाद के मुद्दे पर अहम फैसले लेने के लिए अधिकार सम्पन्न कर दिया है। 
भाजपा अध्यक्ष श्री अमितशाह ने लोकसभा चुनाव के दौरान आम मतदाताओं से यह बार-बार आह्वान किया था कि भाजपा को इस बार बहुमत मिलेगा तो जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटा दी जायेगी। देष की जनता ने भाजपा को प्रचण्ड बहुमत दे दिया है। अब बारी है भाजपा सरकार की, कि वह जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटाएँ। यह इतना आसान नहीं है। बहुत मुश्किल है। किन्तु यही मुश्किल काम करने के लिए ही जनता ने इस बार भाजपा को चुना है।
             लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता और तत्कालिन केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान यह बात बार-बार कही कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 ए को खत्म करने के सिवा सरकार के पास कोई विकल्प नहीं बचा है,क्योंकि जम्मू एवं कश्मीर के कुछ लोग एक अलग प्रधानमंत्री की माँग कर रहे है। एक नेता कहते है कि यदि जम्मू कश्मीर में यह स्थिति जारी रही तो भारत में दो प्रधानमंत्री होंगे। यदि कोई दो प्रधानमंत्री के बारे में बात करता है तो हमारे पास भी अनुच्छेद 370 और 35 ए को खत्म करने के सिवा दूसरा विकल्प नहीं है।
इसी प्रकार का बयान लोकसभा चुनाव के दौरान तत्कालिन केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने भी दिया था। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए जम्मू कश्मीर के आर्थिक विकास में बाधक है।
              हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान पीडीपी की अध्यक्ष सुश्री महबूबा मुफ्ती ने भाजपा अध्यक्ष श्री अमित शाह, तत्कालिन गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह और तत्कालिन वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटाने के बयान पर खुलेआम चेतावनी दी थी कि राज्य को विशेष दर्जा देने वाला संविधान का अनुच्छेद 370 खत्म किया तो भारत के साथ जम्मू कश्मीर राज्य का रिश्ता खत्म हो जायेगा। सुश्री मुफ्ती ने यह भी कहा कि ये सब इतना आसान नहीं है। अनुच्छेद 370 केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के बीच पुल के तौर पर काम करता है। अगर विशेष दर्जा खत्म किया जाता है तो भारत सरकार को राज्य के साथ नये सिरे से संबंधों पर बात करनी पड़ेगी और ऐसी स्थिति में जम्मू कश्मीर राज्य सोचेगा कि उसे भारत के साथ रहना है या नहीं। इतना ही नहीं महबूबा मुफ्ती ने यह भी चेतावनी दी थी कि आग सें मत खेलो। धारा 370 और 35 ए का बाजा न बजाएँ। अगर ऐसा हुआ तो आप वो देखेंगे जो 1947 से अब तक नहीं हुआ है। 
              लोकसभा चुनाव के दौरान विभिन्न पार्टियों के नेताओं ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटाने के मुद्दे पर अनेक बार विवादास्पद बयान दिये । ऐसी परिस्थितियों में अब देश के नये गृहमंत्री श्री अमित शाह के सामने धारा 370 और 35 ए को हटाना बहुत मुश्किल है। किन्तु यदि यही मुश्किल काम गृहमंत्री श्री अमितशाह कर देते हैं तो देश की राजनीति में और जम्मू कश्मीर की परिस्थितियों में आमूलचुल परिवर्तन होने की पूर्ण संभावना है। देष हित में जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटाना आवश्यक है। और यही सबसे बड़ी और सबसे गंभीर चुनौती गृहमंत्री श्री अमित शाह के सामने है। और यह काम गृहमंत्री श्री शाह कर देते हैं तो उनका यह काम देश हमेशा याद रखेगा। 
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