यौन उत्पीड़न मामले में सीजेआई की जांच के लिए बना आंतरिक पैनल
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न की जांच करने सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज को नियुक्त कर दिया गया है। इसी बीच CJI ने इस हफ्ते संविधान पीठ की होने वाली सुनवाइयों को टाल दिया है।
देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की आंतरिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सीनियर मोस्ट जज जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस एन. वी. रमन और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पैनल कमेटी बनाई । इसके बारे में जस्टिस बोबडे ने इसके बारे में पुष्टि की। वरिष्ठता क्रम के मुताबिक वह सीजेआई के बाद वरिष्ठतम जज हैं।
जस्टिस बोबडे ने बताया कि नंबर 2 जज होने के नाते सीजेआई ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा उनके (सीजेआई के) खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरापों की जांच के लिए नियुक्त कर दिया है। आगे बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 2 जजों- जस्टिस एन. वी. रमन और जस्टिस इंदिरा बनर्जी को शामिल कर एक समिति गठित किया गया है।
जस्टिस बोबडे ने बताया कि मैंने समिति में जस्टिस रमन को शामिल करने का निर्णय किया है क्योंकि वह वरिष्ठता में मेरे बाद हैं और जस्टिस बनर्जी को इसलिए शामिल किया गया है क्योंकि वह महिला जज भी हैं।'उन्होंने उस महिला को पहले ही नोटिस जारी कर दिया है जिसने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए जजों को पत्र लिखे थे। इस मामले पर सुनवाई शुक्रवार को होगी ।