नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए NGT ने बनाई कमेटी
नई दिल्ली। देश में नदियों में प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। सरकारी कोशिशें भी अब तक अपना असर नहीं दिखा सकी हैं। इसके चलते अब राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए ठोस पहल की है। NGT ने एक इसके लिए केंद्रीय निगरानी कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी देश भर की 350 से ज्यादा नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक योजना तैयार करेगी, क्योंकि नदियों के बढ़ते प्रदूषण से पानी और पर्यावरण की पर गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
NGT के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस कमेटी में नीति आयोग के प्रतिनिधि, जल संसाधन, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा अभियान के महानिदेशक, शहरी विकास और पर्यावरण मंत्रालयों के सचिव और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन शामिल किए जाएंगे। केंद्रीय निगरानी कमेटी राज्यों की नदी पुनर्रुद्धार कमेटियों के साथ सामंजस्य स्थापित कर कार्ययोजना के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग करेगी।
कमेटी कार्ययोजना को पूरा करने की समयसीमा, उसकी बजटीय व्यवस्था और अन्य बिंदुओं पर भी निगरानी रखेगी। राज्य स्तर पर राज्यों के चीफ सेक्रेटरी नोडल एजेंसी होंगे। ट्रिब्यूनल ने पर्यावरण मंत्रालय से नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए उल्लेखनीय काम करने वाले व्यक्तियों, संस्थानों और राज्यों को पर्यावरण पुरस्कार देने की योजना बनाने पर विचार करने और खराब काम करने वाले राज्यों को दंडित करने के लिए योजना बनाने के लिए भी कहा है।
एनजीटी ने राज्यों से 30 जून तक इस तरह की प्लानिंग तैयार करने के लिए कहा है। 30 जून तक इस कमेटी की पहली बैठक होने की संभावना है। पहली बैठक में कमेटी विशेषज्ञों की पहचान, संशोधित जल के इस्तेमाल के बेहतर तरीकों और अन्य उपायों पर चर्चा करेगी। ट्रिब्यूनल ने कमेटी से 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। NGT ने कहा है कि कृषि में प्रदूषित पानी का इस्तेमाल लोगों की सेहत के लिए खतरा तो है ही, जमीन की उर्वरा शक्ति और भूजल स्तर पर भी उसका बुरा असर पड़ रहा है।