राफेल सौदे में पुनर्विचार याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनाऐगी अपना फैसला
नई दिल्ली। मोदी सरकार के कार्यकाल में फ्रांस से हुई रफाल विमानों की डील पर जमकर राजनीति हुई। विपक्ष द्वारा इस डील में जमकर भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया गया था, हालांकि कोर्ट ने इस मामले में दायर याचिका पर वर्तमान सरकार को क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई की याचिका लगाई गई थी।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फैसला सुनाएगी, जिसके बाद तय होगा कि राफेल विमान सौदे में आगे सुनवाई होगी या नहीं। अदालत ने साफ कर चुकी है कि सबसे पहले वह केंद्र सरकार की प्रारंभिक आपत्तियों पर फैसला सुनाएगी।
अदालत ने सुरक्षित रखा था फैसला
राफेल मामले को लेकर दायर याचिका पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में पुनर्विचार याचिकाओं पर केंद्र सरकार की प्रारंभिक आपत्तियों पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में केंद्र की प्रारंभिक आपत्ति पर फैसला लेने के बाद ही आगे के तथ्यों पर विचार किया जाएगा।
केंद्र ने कोर्ट में कहा था कि पुनर्विचार याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता गैरकानूनी तरीके से हासिल किए गए विशेषाधिकार वाले दस्तावेजों को आधार नहीं बना सकते। केंद्र की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि बिना संबंधित विभाग की अनुमति के कोई भी इन दस्तावेजों को कोर्ट में पेश नहीं कर सकता।
जस्टिस गोगोई , जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच के समक्ष केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अपने दावे के सपोर्ट में साक्ष्य कानून की धारा 123 और राइट टू इन्फॉर्मेशन के प्रावधानों का हवाला दिया था। वहीं, वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि उन लोगों ने जो दस्तावेज दाखिल किए हैं या जिन्हें आधार बनाया है, उनका राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है।
बेंच राफेल विमान सौदे के मामले में अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर पिटीशन्स पर सुनवाई कर रही है। ये पुनर्विचार याचिकाएं पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा, अरूण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण की ओर से दायर की गई हैं। पिछले साल 14 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में राफेल सौदा मामले में दाखिल सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।