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रूस से 464 नए टी-90 टैंक खरीदने को मिली केंद्र सरकार की मंजूरी, ये है खासियत



नई दिल्ली। पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले और उसके जवाब में 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना की तरफ से की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। लिहाजा, भारत की सुरक्षा को देखते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने रूस से 464 नए T-90 टैंक खरीदने के सौदे को मंजूरी दी है। इस रक्षा करार पर निकट भविष्य में दोनों देश हस्ताक्षर करेंगे।

बताया जा रहा है कि 13,500 करोड़ रुपए की लागत से मिलने वाले इन टैंकों को भारत पाकिस्तान की सीमा में तैनात करेगा। नए टी-90 की सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये रात में भी दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने में सक्षम हैं। इस डील के बाद भारतीय सेना के पास तोपों की संख्या बढ़कर करीब 2,000 हो जाएगी। भारत के पास फिलहाल T-72 और T-55 टैंक हैं। भारतीय सेना अर्जुन मार्क-1 टैंक की 2 रेजीमेंट को हमेशा तैनात रखती है, जिनका इस्तेमाल रेगिस्तानी इलाकों में किया जाता है।

टी90 टैंक ही क्यों
भारत ने रूस से साल 2001 में 310 टी90 टैंक खरीदे थे। यह भारत में पहले से इस्तेमाल हो रहे टी72 टैंक का ही विकसित रूप है। इसके करीब 60 फीसद पुर्जे वही हैं, जो टी 72 टैंक में इस्तेमाल होते हैं और इसकी ट्रेनिंग और रख-रखाव आसान है। फायर पावर की बात की जाए, तो यह टैंक 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलते हुए चार से पांच किमी की दूरी पर स्थित किसी टारगेट को पहली ही बार में मार गिरा सकता है। कोई अनुभवी व्यक्ति अगर इस टैंक का संचालन कर रहा हो, तो वह 25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टैंक दौड़ाते हुए 1.5 किमी से लेकर 2.5 किमी के बीच स्थित सात टारगेट को 54 सेकंड में मार गिरा सकता है।

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