सन् 2060 तक सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश होगा भारत
वॉशिंगटन। प्यू रिसर्च सेंटर ने दुनिया के दो प्रमुख धर्मों ईसाई और मुस्लिम धर्मों के अनुयाइयों की आबादी के बारे में एक अनुमान लगाया है। रिपोर्ट के हालिया संस्करण में दो टेबल दी गई हैं, जिनमें दोनों धर्मों आबादी की विविधता और किन देशों में उनकी क्या संख्या होगी, इसके बारे में लिखा गया है।
सूचियों को देखने से पता चलता है कि दुनिया के कुछ क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी अधिक होगी और अन्य जगहों पर कम होगी। वहीं, इसके विपरीत ईसाई धर्म के अनुयायी दुनिया भर में समान रूप से फैले हुए हैं।
मुसलमानों की आबादी इस्लाम के महत्वपूर्ण केंद्रों के आस-पास सर्वाधिक है। लगभग 65 प्रतिशत मुसलमान दस सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देशों में रहते हैं। इस डेटा को परिप्रेक्ष्य में, वैश्विक ईसाई आबादी का केवल 48 प्रतिशत ही दस सबसे बड़े ईसाई समुदायों वाले देशों में रहते हैं।
लगभग 52 प्रतिशत वैश्विक ईसाई आबादी उन देशों में रहती है, जहां जनसंख्या के आधार पर ईसाई धर्म प्रमुख नहीं है। लिहाजा, अगर मुस्लिमों की बात करें, तो महज 35 फीसद ही वैश्विक मुस्लिम उन देशों में रहते हैं, जहां जनसंख्या के आधार पर मुस्लिम धर्म प्रमुख नहीं है।
साल 2015 में इंडोनेशिया, भारत और पाकिस्तान में दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी रहती थी, जिनकी संख्या 12.6 प्रतिशत, 11.1 प्रतिशत और 10.5 प्रतिशत थी।
मौजूदा विकास दर के साथ अनुमान है कि भारत में साल 2060 में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी होगी। दुनिया के मुसलमानों की आबादी का 11.1 प्रतिशत भारत में होगी। वहीं, इसके बाद इंडोनेशिया और बांग्लादेश का नंबर होगा, जहां क्रमशः 8.5 फीसद और 6.1 फीसद मुस्लिम आबादी रहेगी।