भुखमरी दूर करने में भारत और पिछड़ा
डॉ. चन्दर सोनाने
भुखमरी दूर करने वाले देशों की सूची में भारत और पिछड़ गया है। हाल ही में जारी की गई 2018 की ग्लोबल हंगर इंडेक्स ( जीएचआई ) में कुल 119 देशों की सूची में भारत 103 वें स्थान पर आ गया है। पिछले साल भारत 100 वें स्थान पर था। यहीं नहीं सन् 2014 में भारत का स्थान 55 वां था। अर्थात् सन 2014 से पाँच साल बाद भारत 48 स्थान नीचे गिर गया है।
जीएचआई की शुरूआत साल 2006 में इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने की थी। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में यह देखा जाता है कि देश की कितनी जनसंख्या को पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं मिल रहा है। इसकी गणना में 5 साल के नीचे के कितने बच्चों की लंबाई और वजन उनके उम्र के हिसाब से कम है। इसमें बाल मृत्यु दर भी शामिल की जाती है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में भारत का स्थान जहाँ 55 वां था, वहीं एक साल बाद ही सन् 2015 में भारत 80 वें स्थान पर जा पहुंचा। यही नहीं सन् 2016 में भारत 97 वें स्थान पर पहुंच गया। इसके बाद अगले साल सन 2017 में भारत 100 वें स्थान पर पहुंच गया। और 2018 में भारत 103 वें स्थान पर जा पहुँचा। इस प्रकार वर्ष 2014 से इस इंडेक्स में भारत लगातार पिछड़ता ही गया। ये देश के लिए अत्यन्त ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
जीएचआई में भारत की स्थिति पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश से भी खराब हैं। बांग्लादेश 86 वें, नेपाल 72 वें , श्रीलंका 67 वें और म्यांमार 68 वें स्थान पर है। पाकिस्तान को 106 वां स्थान मिला है। चीन भारत से बहुत आगे है। उसे इंडेक्स में 25 वां स्थान मिला है।
यह सभी जानते हैं कि भारत अनाज के मामले में वर्षों पूर्व आत्मनिर्भर बन चुका है। भारत के अनेक राज्यों में हजारों क्विंटल अनाज भडांर गृहो में पड़े-पड़े खराब हो जाता है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में टिप्पणी भी की थी कि गोदामों में पड़े-पडे़ अनाज सड़ जाता है। इससे तो अच्छा होगा कि उस अनाज को अत्यन्त गरीब लोगों में बांट दिया जाए, ताकि उन्हें भूखा नहीं सोना पड़े। किन्तु केन्द्र और राज्य सरकार दोनों सोये हुए हैं। अत्यन्त गरीबों के संबंध में भारत का हर राजनैतिक दल बड़ी बड़ी बातें जरूर करता है। किन्तु भूखों को भोजन पंहुचाने के मामले में कोई भी गंभीर नहीं है। इसी कारण ग्लोबल हंगर इंडेक्स में कुल 119 देशों की सूची में भारत 103 वें स्थान पर है। अर्थात् भारत के नीचे केवल 16 देश हैं, जबकि ऊपर 102 देश है। यह हम सबके लिए शर्मनाक बात हैं। भारत में भुखमरी दूर करने में सभी राजनैतिक दलों को अपना निजी स्वार्थ छोड़कर एक जुट होने की आवश्यकता है। यही नहीं एक दीर्घकालिन नीति बनाकर भारत से भुखमरी दूर करने में सबको एकमत होने की आवश्यकता है, तभी हमारे देश में कोई भूखा नहीं सो पाएगा। अन्यथा ऐसा ही चलता रहा है और ऐसा ही चलता रहेगा।
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