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स्वच्छ भारत मिशन में 4 साल में केवल 44 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्ति


                             डॉ. चन्दर सोनाने
                        देश में निःसंदेह स्वच्छ भारत मिशन में बहुत कुछ किया गया। किन्तु अभी भी बहुत करना बाकी है। स्वच्छ भारत मिशन को लेकर तमाम दावों के बीच हाल ही में एक संसदीय समिति ने चौंकाने वाली रिपोर्ट प्रस्तुत की है। संसद में पेश स्वच्छ भारत मिशन पर इस संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 4 साल में केवल 44 प्रतिषत ही लक्ष्य की प्राप्ति हो पाई है। अब केवल 1 साल में 56 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति की जानी है। 
                      हाल ही में संसद में पेश स्वच्छ भारत मिशन पर इस संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार ओडीएफ यानी खुले में शौच से मुक्ति का लक्ष्य 56 प्रतिशत पीछे है। यही नहीं 39 प्रतिशत घरों में अभी भी शौचालय ही नहीं है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को ये लक्ष्य तय किया था कि महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती 2 अक्टूबर 2019 तक पूरा भारत स्वच्छ बना दिया जायेगा। अर्थात गाँव व शहर शत प्रतिशत ओडीएफ होंगे। लक्ष्य यह भी था कि 4 हजार से अधिक शहरों और कस्बों में 81 हजार वार्डों से घरों से ही कचरा उठाने की व्यवस्था की जायेगी। किन्तु संसदीय समिति की रिपोर्ट के अनुसार 4041 शहरी निकायों में से अभी सिर्फ 1789 शहरी निकाय ही ओडीएफ हो पाए है। यानी 44 प्रतिशत लक्ष्य ही 4 साल में पूरा हो पाया है। कुल 81 हजार से अधिक शहरी वार्डां में से करीब 45 हजार शहरी वार्डों में ही घर- घर से कूडा उठाने की व्यवस्था हुई है। अभी भी 36 हजार वार्डां में निगम की कचरा गाडियाँ नहीं जा पा रही है। 5 वर्षीय इस लक्ष्य के अनुसार 5 लाख से अधिक पब्लिक टॉयलेट शीट्स बनाने का लक्ष्य भी तय किया गया था। किन्तु अभी तक केवल 46 प्रतिशत लक्ष्य की ही प्राप्ति हो पाई है। 1 साल में 54 प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति की जाना बाकी है। 
                       स्वच्छ भारत मिशन का एक सबसे बड़ा लाभ यह जरूर हुआ है कि शहरों ओैर गाँवों में इस संबंध में जागरूकता आई है। किन्तु अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। जिन शहरों में नागरिकों में अधिक जागरूकता है वहीं निःसंदेह अच्छा कार्य हुआ है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण मध्यप्रदेश का इन्दौर शहर है। इस शहर में नगरनिगम के तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही नागरिकों ने भी सक्रीय भागीदारी निभाई है। इसी का परिणाम है कि हाल ही में इन्दौर शहर को देश के सबसे स्वच्छ शहरों में पहला स्थान लगातार तीसरी बार प्राप्त हुआ है। इंदौर शहर ने जनभागीदारी से देश में हैट्रिक बनाकर इतिहास रच दिया है। 
                      जिस प्रकार इन्दौर शहर में नगर निगम के समस्त सफाई कर्मचारियों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने पूरे मनोयोग से स्वच्छ भारत मिशन के लिए समर्पित होकर कार्य किया है। इन्दौर के पास के उज्जैन शहर ने भी हाल ही में इतिहास रच दिया है। उज्जैन ने बडी छलांग लगाकर देश में चौथे नम्बर परन केवल स्थान प्राप्त किया है, बल्कि 3 से 10 लाख आबादी वाले मध्यम शहरों में उज्जैन शहर को प्रथम स्थान भी प्राप्त हुआ है। इसके लिए उज्जैन शहर के नगरनिगम के महापौर श्रीमती मीना जोनवाल,आयुक्त सुश्री प्रतिभापाल सहित सभी अधिकारी ,कर्मचारी और सफाई कर्मचारी बधाई के पात्र हैं। उज्जैन शहर के नगरवासियों ने भी स्वच्छता अभियान में सहभागिता निभाकर उज्जैन को यह गौरव दिलाया है। अब वैसी ही जरूरत प्रदेश व देश के समस्त नगरों और गाँवों में भी होना चाहिए ,तभी स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्य की प्राप्ति हो सकेगी। इसके लिए राजनीति से परे होकर सबको समर्पित होकर कार्य करने की जरूरत है। 
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