भाजपा सांसद ज्ञान सिंह का निर्वाचन रद्द
जबलपुर . मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शहडोल लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद ज्ञान सिंह का निर्वाचन रद्द कर दिया है। हालांकि बाद में ज्ञान सिंह की अपील पर हाईकोर्ट ने फैसले पर 2 सप्ताह के लिए स्थागन दे दिया, ताकि सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सके।
इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी महावीर प्रसाद मांझी ने ज्ञान सिंह के निर्वाचन को चुनौती दी थी। महावीर का कहना था कि वे मांझी जाति के हैं और निर्वाचन अधिकारी ने गलत तरीके से उसका नामांकन निरस्त कर दिया था। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने कहा कि जाति प्रमाण-पत्र को आधार बताते हुए निर्वाचन अधिकारी द्वारा महावीर प्रसाद का नामांकन-पत्र निरस्त करना पूरी तरह अवैधानिक था। कोर्ट ने कहा कि महावीर का जाति प्रमाण-पत्र पूरी तरह वैध है और यदि उन्हें मौका मिलता तो वह जीत भी सकते थे।
वैध था प्रमाण पत्र : कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के माधुरी पाटिल विरुद्ध महाराष्ट्र के मामले में स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं कि उच्च स्तरीय जांच समिति के अलावा किसी भी अधिकारी को जाति प्रमाण पत्र की जांच और उसे निरस्त करने का अधिकार नहीं है। महावीर प्रसाद को 1992 में जाति प्रमाण-पत्र जारी हुआ था और उस दौरान ये प्रमाण पत्र नायब तहसीलदार जारी करते थे। वर्ष 1996 में सामान्य प्रशासन विभाग ने जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए एसडीओ को सक्षम अधिकारी बनाया था। नामांकन के दौरान इसी आधार पर आपत्ति पेश हुई थी।
उपचुनाव में जीते थे ज्ञान सिंह : भाजपा सांसद दलपत सिंह परस्ते का ब्रेन हेमरेज से निधन होने के कारण 2016 में शहडोल लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था। इसमें ज्ञान सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी हिमाद्री सिंह को हराया था। महावीर प्रसाद ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरा था।
आगे क्या : कोर्ट ने फैसले पर दो हफ्ते के लिए रोक लगाई है। ज्ञान सिंह इस अवधि में सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकेंगे।