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अंतर्राष्‍ट्रीय बॉर्डर पर रहने वालों को भी मिलेगा विशेष आरक्षण लाभ, पीएम किसान सम्‍मान निधि की दूसरी किश्‍त मिलेगी अप्रैल



नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में जम्मू-कश्मीर पर दो बड़े फैसले लिए गए। इनमें राज्य में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को भी 10 प्रतिशत  आरक्षण मिलने का रास्ता साफ हो गया। इसके अलावा राज्य में लाइन ऑफ कंट्रोल के पास रहने वालों को जो विशेष आरक्षण दिया जाता है, उसका लाभ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले लोगों को भी मिलेगा। बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली और विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इन फैसलों की जानकारी दी। सरकार ने किसानों के लिए भी बड़ा ऐलान किया। किसान सम्मान निधि यानी पीएम-किसान योजना के तहत दी जाने वाली 2000 रु. की दूसरी किश्त भी बिना आधार वेरिफिकेशन के दी जाएगी।

किसान सम्मान निधि की पहली किश्त भी बिना आधार के दी गई थी
रविशंकर प्रसाद ने बताया कि किसान सम्मान निधि के तहत 2000 रु. की पहली किश्त बिना आधार वेरिफिकेशन के दी गई थी। पहले फैसला लिया गया था कि दूसरी किश्त आधार वेरिफिकेशन के बाद दी जाएगी। लेकिन, इतने कम समय में यह संभव नहीं हो पा रहा था। ऐसे में सरकार ने इसे बिना आधार के देने का फैसला लिया। 

24 फरवरी को लॉन्च हुई थी पीएम-किसान योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को पीएम-किसान योजना लॉन्च की थी। इससे 12 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचेगा। इसके तहत 2 हजार रु. की पहली किश्त दी गई, इसमें 1.01 करोड़ किसानों को कुल 2021 करोड़ रु. दिए गए। पहले इस योजना का लाभ उठाने के लिए कृषि मंत्रालय ने आधार जरूरी कर दिया था। 

जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक 2019 को मंजूरी
जेटली ने कहा- प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में संविधान संशोधन ऑर्डर 2019 को मंजूरी दी गई। इसके लागू होने के बाद नौकरियों में एससी-एसटी को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। इसके अलावा हाल में ही आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए लागू किए गए 10 प्रतिशत  आरक्षण का भी रास्ता साफ होगा। राष्ट्रपति के पास इसे मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन विधेयक 2019 को भी मंजूरी दी गई है। इसके बाद जो विशेष आरक्षण लाइन ऑफ कंट्रोल के पास रहने वाले लोगों को मिलता था, वह इंटरनेशनल बॉर्डर के पास रहने वाले लोगों को भी मिलेगा। 2004 से अब तक यह केवल लाइन ऑफ कंट्रोल पर रहने वाले लोगों के लिए था। ये लोग ऊपरी हिस्सों में है, पर इंटरनेशनल बॉर्डर वाले लोगों के लिए ये आरक्षण नहीं था। अब उन्हें भी इसका फायदा मिल सकेगा।

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