मासूम बच्चों को खाने के बाद देते थे नींद की गोली, 21 फरवरी को ही कर दी थी
चित्रकूट में 12 फरवरी को अगवा हुए मासूम जुड़वां भाइयों श्रेयांश और प्रियांश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सतना पुलिस को मिल गई है। इसमें दोनों बच्चों की मौत गला दबाने से होने की पुष्टि हुई है। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया है कि 21 फरवरी की दोपहर में ही उन्होंने बच्चों को मार दिया था। इसके बाद गाड़ी से लेकर नदी तक पहुंचे और मासूमों के शव इसमें फेंक दिए। सतना पुलिस फिलहाल सभी छह आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में मुख्य आरोपियों ने खुलासा किया है कि अगवा बच्चों को खाना खिलाने के बाद नींद की दवा दी जाती थी, ताकि वे रोएं न।
एक बजते ही दरवाजे की ओर देखने लगती है मां
श्रेयांश और प्रियांश को हलवा बेहद पसंद था। उनके लिए ताई रेखा हलवा बनाती थीं। चित्रकूट के राघवपुरी स्थित घर में रेखा ने मंगलवार को भी हलवा बनाया। कहती हैं कि मेरे दोनों बच्चे लौटकर आएंगे। मां बबीता की आंखें तो मानो पथरा सी गई हैं। वे रोज दोपहर एक बजते ही रुंधे गले से कहती हैं कि मेरे बच्चों के स्कूल से आने का वक्त हो गया है, वो आ गए क्या?