20 लाख की फिरौती लेने के बाद भी अपहरकर्ताओं ने कर दी मासूम जुड़वा भाईयों की हत्या
सतना। सतना जिले के चित्रकूट स्थित सदगुरु पब्लिक स्कूल परिसर में स्कूल बस से 12 फरवरी को अगवा आयुर्वेद तेल कारोबारी ब्रजेश रावत के जुड़वां बेटों को अपहरणकर्ताओं ने यमुना नदी में जिंदा फेंक दिया। पुलिस ने शनिवार देर रात एक बजे प्रियांश और श्रेयांश (5) के जंजीर से बंधे शव उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बबेरू के पास नदी से बरामद किए।
मामले में छह आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें से पांच महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के छात्र हैं। एक आरोपित शिक्षक है, जो रावत परिवार के पड़ोस में ट्यूशन पढ़ाता है। अपहरणकर्ताओं ने ब्रजेश रावत से फिरौती के 20 लाख रुपए भी लिए थे, लेकिन पहचाने जाने के डर से बच्चों की हत्या कर दी।
चित्रकूट में धारा 144 लगा दी गई है। रीवा आईजी चंचल शेखर ने बताया कि अपहरणकर्ताओं से पांच बाइक, दो बोलेरो और 17.67 लाख रुपए बरामद किए हैं। पुलिस के मुताबिक, आरोपित पेशेवर अपराधी नहीं हैं, बल्कि जल्द पैसा कमाने के लालच में शॉर्टकट अपनाने वाले संपन्न् घरों के लड़के हैं।
बच्चों से पूछा- पुलिस पूछेगी तो पहचान लोगे, हां कहते ही की हत्या
अपहरणकर्ताओं ने पुलिस को बताया कि उन्हें ब्रजेश रावत से 20 लाख रुपए मिल गए थे। छोड़ने से पहले उन्होंने बच्चों से सवाल किया कि पुलिस पूछेगी तो वह उन्हें पहचान लेंगे। बच्चों ने हां कहा तो उन्होंने दोनों की हत्या कर दी। सतना के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह गौर ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हत्या करके शव नदी में फेंका है या जिंदा। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के बाद यह स्पष्ट हो सकेगा।
दो प्रदेशों की एसटीएफ, 500 जवान, फिर भी नहीं तलाश पाए
यूकेजी में पढ़ने वाले दोनों भाइयों की तलाश में उप्र-मप्र की एसटीएफ, दोनों राज्यों की 24 संयुक्त टीमों के 500 जवान जंगल में उतरे, लेकिन वह उन्हें तलाश नहीं पाए। अपहरणकर्ताओं पर कुल 1.5 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
एक लाइन से गुमराह हो गई पुलिस
अपहरणकर्ताओं ने बस में डकैत बबुली कोल गिरोह का नाम लिया था। पुलिस इसी एक लाइन से गुमराह हो गई और पूरा फोकस डकैत गिरोहों पर लगा दिया और आरोपित बच्चों को आसानी से चित्रकूट से लेकर बांदा पहुंच गए।
13 गाड़ियों को तोड़ा
घटना का पता चलते ही रविवार सुबह लोग सड़कों उतर आए। लोगों ने पुलिस पर पथराव किया। पुलिस का एफएसएल वाहन समेत 13 वाहनों को तोड़ दिया। पेट्रोल पंप और बैंक में भी तोड़फोड़ के बाद आगजनी करने की कोशिश की। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठियां भांजीं।
मां बेहोश
परिजन पीएम के बाद बांदा जिले से बेटों का शव लेकर चित्रकूट के सीतापुर स्थित घर पहुंचे। शव देखते ही मां बेहोश हो गई। दोपहर 3.30 बजे चित्रकूट घाट पर दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया।
ये आरोपित गिरफ्तार
- मास्टरमाइंड: पदम पिता रामकरण शुक्ला (22)(छात्र बीई आईटी चित्रकूट ग्रामोदय विवि चित्रकूट,) निवासी जानकीकुंड चित्रकूट थाना नयागांव जिला सतना (मप्र)।
- राजू पिता राकेश द्विवेदी (छात्र एमएससी एजी प्रथम वर्ष, चित्रकूट ग्रामोदय विवि चित्रकूट,) निवासी भवुआ गांव थाना बबेरू जिला बांदा (उप्र)।
- लकी पिता सतेंद्र सिंह तोमर (24) (छात्र बीई आईटी प्रथम वर्ष, चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट,) निवासी तेदुरा थाना विसंडा जिला बांदा (उप्र)।
- विक्रमजीत पिता रामकलेश (पिता चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट में सुरक्षा गार्ड) निवासी छेरा जिला बांदा (उप्र)
- रामकेश पिता रामशरण यादव (26) शिक्षक निवासी छेरा जिला बांदा (उप्र)
- पिंटू उर्फ पिंटा पिता रामस्वरूप यादव (23) (छात्र एमएससी एजी प्रथम वर्ष चित्रकूट ग्रामोदय विवि चित्रकूट) निवासी गुरदहा जिला हमीरपुर (उप्र) ।
ऐसे हुआ खुलासा
घटना के दो दिन बाद फरियादी ब्रजेश रावत से आरोपितों ने फोन पर दो करोड़ की फिरौती मांगी थी। फोन की लोकेशन बांदा (उप्र) की मिली। आरोपितों ने राह चलते फोन मांगकर फिरौती मांगी थी। सूत्रों से पता चला है कि आरोपित जब फिरौती की राशि मांग रहे थे तो मोबाइल धारक को शंका हुई। उसने मोबाइल से अपहरणकर्ताओं की बाइक के नबंर का फोटो खींच लिया। यह बाइक नबंर यूपी 90 एल5707 था। बाइक का नंबर ट्रैस कर पुलिस आरोपित विक्रमजीत तक पहुंची और मामले का खुलासा हुआ।
मासूम के हत्यारों को मिलेगी कड़ी सजा : कमलनाथ
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चित्रकूट से अपह्त दो मासूमों की हत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया है। कमलनाथ ने बच्चों के पिता ब्रजेश रावत से फोन पर बात कर उन्हें सांत्वना दी। कमलनाथ ने शोक संतृप्त परिवार को भरोसा दिलाते हुए कहा है कि मासूमों के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है।
एमपी था शांति का टापू, अब हो गया अपराधों का महाद्वीप: शिवराज
लगातार 15 साल तक मेहनत कर हमने मध्य प्रदेश को शांति का टापू बनाया था। लेकिन वर्तमान सरकार की परिस्थितियां देखकर यह लगने लगा है कि मप्र अब अपराधों का महाद्वीप बनकर उभर रहा है। यह चिंता की बात है। परिजन सोचने को मजबूर हो रहे हैं कि बच्चों को स्कूल भेजें या न भेजें। यह बात रीवा में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि जिस समय बच्चों का अपहरण किया गया उसी समय से अपहरणकर्ताओं की तलाश की जानी चाहिए थी। पर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री तबादला समेत पूरी कांग्रेस उद्योग स्थापित करने में लगी थी। मैं इस घटना से बेहद व्यथित हूं।
मासूमों की हत्या के आरोपित दो दिन की रिमांड पर
दो मासूम जुड़वां भाइयों का अपहरण और हत्या के आरोपितों की दो दिन की पुलिस रिमांड मिली है। छह आरोपितों को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चित्रकूट अमित कुमार निगम की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने माना कि मासूम का अपहरण और हत्या के मामले की पुलिस द्वारा की जा रही जांच में आरोपितों की संलिप्तता प्रकट हो रही है। पुलिस ने आरोपितों को रविवार रात करीब साढ़े आठ बजे कोर्ट में पेश किया।
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीधी से चित्रकूट पहुंचे। वह पीड़ित ब्रजेश रावत के घर पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इस मामले में पुलिस और सरकार दोनों की विफलता है। पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है। इस मामले की न्यायिक जांच की जाए।
बच्चों को नहीं बचा पाने का दुख और खेद है हमें : गृह मंत्री
दोनों बच्चों को बचाने के पुलिस ने पूरे प्रयास किए। बच्चों को नहीं बचा पाने का हमें दुख और खेद है। उनकी सरकार (शिवराज की सरकार) की तुलना में हम बेहतर स्थिति में है। फिर भी हम और ज्यादा कसावट लाने का प्रयास करेंगे। मामले में अधिकारियों से पूरी रिपोर्ट लेकर जो भी कार्रवाई कर सकते है वो करेंगे। -बाला बच्चन, गृह मंत्री
आरोपितों को फांसी दिलाने का प्रयास करेंगे
सतना में दो मासूम बच्चों के अपहरण और अपहरणकर्ताओं द्वारा उनकी हत्या किए जाने की घटना में गिरफ्तार आरोपितों को फांसी की सजा दिलाने का प्रयास करेंगे। जल्द से जल्द पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके, इसके लिए मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा। वीके सिंह, पुलिस महानिदेशक
चित्रकूट की घटना अत्यंत पीड़ादायी : अजय सिंह
मप्र विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने घटना को अत्यंत पीड़ादायी और असहनीय बताते हुए कहा है कि इस घटना ने हर किसी को झकझोर दिया है। उन्होंने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस मामले से जुड़े अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी के साथ-साथ कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि दुख की इस घड़ी में हम सब उनके साथ हैं।
असहनीय पीड़ा : भूपेंद्र सिंह
पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने चित्रकूट कांड पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सत्ता पक्ष को तबादला, उद्योग में ज्यादा रुचि थी, बजाय मासूमों को छुड़ाने में। उन्होंने कहा कि अब तो अभिभावक भी सोचने को मजबूर होंगे बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं।
संवेदना से नहीं चलेगा काम : राजेंद्र शुक्ला
मप्र के पूर्व उद्योग मंत्री एवं विधायक राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि पुलिस विभाग की भावनाओं को कुचलने का काम लगातार प्रदेश सरकार कर रही है। जिस घर के दो चिराग छोटी सी लापरवाही के कारण बुझ गए हों इस दुख की घड़ी में उन्हें संवेदना कि नहीं कार्रवाई की जरूरत है। जब बच्चे ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो प्रदेश के भविष्य का क्या होगा, यह चिंता का विषय है। भाजपा शासनकाल में अपराध व अपराधियों पर नकेल कसी जाती रही है। अपराधी या जेल में हेाते थे या प्रदेश की सीमा छोड़कर दूसरे राज्यों में पहुंच गए थे। लेकिन अब तो पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल है जो कि चिंता का विषय है।
नहीं रही कानून व्यवस्था : अखिलेश यादव
सपा सुप्रीमो व उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी चित्रकूट घटना पर ट्वीट किया। उन्होंने कहा है कि उप्र में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है, यही कारण है कि चित्रकूट में दो मासूमों को पहले अपहरण कर कर परिजन से फिरौती ली गई, बाद में उनकी हत्या कर दी गई है। जिम्मेदारों को घटना की जवाबदारी लेनी चाहिए।