जर्मन स्पोर्टस यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट ने खेल प्रशिक्षकों को दी एडवांस ट्रेनिंग
खेल अकादमियों के प्रशिक्षकों को टी.टी. नगर स्टेडियम में जर्मन स्पोर्टस यूनिवर्सिटी कलोन के साइंटिस्ट डॉ. पेट्रा बॉल्सिफेन और स्टीफन स्नाइडर तथा मुंबई की साइकोलाजिस्ट सुश्री मुगध बावरे द्वारा ‘एडवांस स्पोर्टस ट्रेनिंग’ दी गई। संचालक खेल और युवा कल्याण डॉ. एस.एल. थाउसेन की पहल पर आयोजित तीन दिवसीय वर्कशॉप में खेल विभाग के खेल प्रशिक्षकों, फिजियोथेरेपिस्ट, फीजियोलाजिस्ट और संबंधित अधिकारी शामिल हुए ।
वर्कशाप में खेलों में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से होने वाले बदलाव के संबंध में खेल प्रशिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई। आधुनिक उपकरणों के माध्यम से फीजियो सेंटर में प्रशिक्षार्थियों को प्रेक्टिकल ट्रेनिंग भी दी गई।
वर्कशाप के अंतिम दिन संचालक खेल और युवा कल्याण डॉ. एस.एल. थाउसेन ने प्रशिक्षणार्थियों के बीच पहुंचकर उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने बताया कि कोच डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत इस ट्रेनिंग का उद्देश्य प्रशिक्षकों को ऐसी जानकारियों से अपडेट करना है, जो खिलाड़ियों के परफॉर्मेंस के लिए आवश्यक है। उन्होंने उम्मीद की कि यह ट्रेनिंग खेल प्रशिक्षकों को अच्छे खिलाड़ी तैयार करने में मददगार होगी।
पहली बार मिली ऐसी जानकारी
ट्रेनिंग में शामिल प्रशिक्षकों ने वर्कशॉप को उपयोगी बताते हुए ऐसे ट्रेनिंग नियमित रूप से दिए जाने की जरूरत बताई। बॉक्सिंग अकादमी के कोच श्री रोशनलाल ने कहा कि खिलाड़ियों को मानसिक रूप से तैयार करने में वर्कशॉप से मिली जानकारी काफी उपयोगी साबित होगी। आधुनिक तकनीक से खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाकर उन्हें कैसे अच्छा खिलाड़ी बनाया जा सकता है, यह हमें सीखने को मिला है। कराटे प्रशिक्षक जयदेव शर्मा ने बताया कि जब खिलाड़ी फस्ट्रेशन में आ जाता है, तो उसे कैसे इस स्थिति से बाहर लाया जाए, यह अहम जानकारी हमें ट्रेनिंग में मिली। ट्रेनिंग के दौरान फीजियो एवं न्यूरो संबंधी एक्सरसाइज भी बताई गई, जो खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद होगी। घुड़सवारी अकादमी के कोच कैप्टन भागीरथ ने कहा कि पहली बार खिलाड़ियों के लिए न्यूरोलॉजी संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी मिली, जिसका लाभ खिलाड़ी विदेशों में उठा रहे हैं। निश्चित ही ट्रेनिंग के बाद अकादमी के खिलाड़ियों को भी इसका लाभ मिलेगा।
बिन्दु सुनील/महेन्द्र व्यास