MPBSE : परीक्षा कल से, प्रश्नपत्रों पर होंगे सिक्युरिटी फीचर्स व कोड
अभी तक बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के लिए ही हर साल इंतजाम किए जाते थे जिससे परीक्षा की गोपनीयता बनी रहे। इसी क्रम में पहली बार 9वीं और 11वीं के प्रश्नपत्रों में बोर्ड परीक्षाओं की तर्ज पर सिक्युरिटी कोड लागू किया जा रहा है। मंगलवार से माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की कक्षा 11वीं की परीक्षाएं शुरू होंगी। इनके प्रश्नपत्र तैयार करने की जिम्मेदारी मप्र राज्य ओपन स्कूल को मिली है। राज्य ओपन स्कूल के अधिकारियों का दावा है कि इस बार इन परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों में भी सुरक्षा कोड के साथ ही अन्य फीचर बढ़ाए गए हैं। इनके तहत प्रश्नपत्रों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यदि पेपर लीक होगा तो तुरंत पता चल जाएगा कि वह किस केंद्र पर गड़बड़ी से लीक हुआ है।
ऐनवक्त पर बदला निर्णय : 9वीं व 11वीं परीक्षाएं 12 फरवरी से 3 मार्च तक होंगी। इनके प्रश्नपत्र 9 फरवरी तक जिला समन्वयक केंद्रों और विद्यालयों तक पहुंचाए जाना थे लेकिन पेपर लीक न हों, इसलिए उन्हें पहुंचाने की तारीख में ऐनवक्त पर बदलाव किया गया। अब सोमवार को ही प्रश्नपत्र पहुंचाने का निर्णय लिया गया। हालांकि परीक्षा केंद्रों व समन्वयक केंद्रों को इस बात की जानकारी नहीं मिलने से अधिकांश परीक्षा केंद्रों के प्रभारी इस बात को लेकर परेशान होते रहे कि यदि प्रश्नपत्र समय पर नहीं आए तो परीक्षाएं कैसे होंगी? उल्लेखनीय है कि आगामी लोकसभा चुनाव के कारण इस बार छात्रों की परीक्षाएं पहले हो रही हैं। इस वजह से परीक्षाएं आयोजित करने वालों पर इस बात का भी दबाव है कि किसी भी हालत में प्रश्नपत्र लीक न हों और संबंधित प्रश्नपत्र अगली तिथि पर कराने की जरूरत ही नहीं पड़े।
फोटोकॉपी से भी पता कर लेंगे कि पेपर कहां से लीक हुआ
मप्र राज्य ओपन स्कूल ने इस बार जो प्रश्न पत्र तैयार किए है, उसमें प्रश्नपत्रों के फॉन्ट साइज, हर पेज पर सुरक्षा कोड सहित कई सुरक्षा के इंतजाम होंगे। यदि ओरिजनल प्रश्नपत्र की कोई फोटोकॉपी करेगा तो उससे भी पता किया जा सकेगा कि पेपर किस केंद्र से लीक हुआ है? इतना ही नहीं, अभी तक प्रश्नपत्र कागज के लिफाफे में सीलबंद तरीके से आते थे। पहली बार प्रश्नपत्रों को विशेष ब्लैक पॉलीथीन के कवर में रखा जाएगा। इसके ऊपर एक अन्य पॉलीथीन का कवर होगा।
जिसे खोलकर दोबारा चिपकाना संभव नहीं होगा। इसके बाद प्रश्नपत्र एक बॉक्स में रखे जाएंगे। पिछले साल की तरह इस बार भी इन प्रश्नपत्रों के करीब 10 सेट बनाए गए हैं। हर जिले को एक विशेष सेट का पेपर दिया जाएगा। उसके आसपास के जिलों को अलग सेट का पेपर दिया जाएगा। इससे पेपर जिस भी जिले में लीक हुआ तो उसके आसपास के जिलों के छात्रों के लिए वो पेपर उपयोगी नहीं होगा और इससे स्पष्ट पता चलेगा कि किस जिले से पेपर लीक हुआ है।