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दुग्ध संघ की कार्य-प्रणाली में प्रोफेशनलिज्म अपनायें


 

दुग्ध संकलन क्षेत्र में नये रूट बनायें, नयी समितियाँ बनायें 
पशुपालन मंत्री श्री यादव ने की समीक्षा 

पशुपालन, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य-विकास मंत्री श्री लाखन सिंह यादव ने कहा है कि दुग्ध संघ की कार्य-प्रणाली में प्रोफेशनलिज्म की झलक दिखनी चाहिये। दुग्ध संकलन की मात्रा में वृद्धि हो और ऐसे क्षेत्र, जहाँ से पशुपालकों से दुग्ध का संकलन नहीं किया जा रहा है, वहाँ से संघ द्वारा नये रूट बनाकर नयी दुग्ध उत्पादक समितियाँ गठित कर दुग्ध संकलन किया जाये। उन्होंने कहा कि ग्वालियर संभाग में दुग्ध संकलन अपेक्षा से कम है। इस पर पर्याप्त ध्यान दिये जाने की जरूरत है। मंत्री श्री यादव आज मंत्रालय में एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे। अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री मनोज श्रीवास्तव, एम.डी. दुग्ध महासंघ श्रीमती अरुणा गुप्ता और संचालक पशुपालन सहित अन्य अधिकारी बैठक में मौजूद थे।

मंत्री श्री यादव ने कहा कि ग्वालियर और जबलपुर संभाग में तुलनात्मक रूप से दुग्ध संकलन कम है, इसे बढ़ाया जाये। बैठक में बताया गया कि रोजाना दुग्ध संघ द्वारा औसतन 10 लाख किलोग्राम से अधिक दुग्ध का दुग्ध उत्पादक पशुपालकों से संकलन किया जा रहा है। दुग्ध संघ द्वारा विटामिन-ए एवं डी फोर्टीफाइड दूध भी इस माह से प्रारंभ किया गया है।

दुग्ध संघ के प्लांट में उच्च गुणवत्ता के उत्पाद निर्माण की सुविधाएँ उपलब्ध करवाने, अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं को स्थापित करने, संयंत्रों को ऑटोमेशन बनाने, कोल्ड चेन के विस्तार सहित अन्य बिन्दुओं पर भी बैठक में चर्चा की गयी। नेशनल प्रोग्राम फॉर डेयरी डेव्हलपमेंट योजना में चयनित 22 जिलों में योजना के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की गयी।

मंत्री श्री यादव ने राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के कार्यक्रमों और योजनाओं की भी समीक्षा की।

 

महेश दुबे

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