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शहरों के मास्टर-प्लॉन में 10 मार्गदर्शी बिन्दुओं का अनिवार्य रूप से पालन हो


मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने नगरीय विकास योजना एवं नगरीय परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा है कि किसी भी शहर के सुनियोजित विकास के लिये बनाये गये मास्टर-प्लॉन में मार्गदर्शी बिन्दुओं का अनिवार्य रूप से पालन किया जाये। श्री नाथ ने मास्टर-प्लॉन बनाने के लिये 10 मार्गदर्शी बिन्दुओं का निर्धारण किया है। 

मुख्यमंत्री श्री नाथ ने समीक्षा बैठक में कहा कि ग्राम तथा नगर निवेश संचालनालय शहरी क्षेत्रों के मास्टर-प्लॉन में नयी और पुनरीक्षित विकास योजनाओं को लागू करने के पूर्व केबिनेट का अनुमोदन करवाये। उन्होंने विकास योजना बनाते समय शहर के सघन और अधिक सघन क्षेत्रों को चिन्हांकित कर नगरीय निकाय सीमा निवेश क्षेत्र के अंदर जनसंख्या के विस्तार के लिये नियोजन में लेने को कहा। उन्होंने कहा कि परिधि क्षेत्र में सेटेलाइट टाउन के लिये सभी आवश्यक प्रावधान भी किये जायें। औद्योगिक क्षेत्रों का प्रावधान नगर निवेश के अंदर परिधि क्षेत्र में ही किया जाये। सामुदायिक पार्किंग के प्रावधान के साथ नगरीय क्षेत्र में स्थित छोटे सघन रास्तों एवं पैदल मार्गों को नक्शे पर अंकित किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा किविकास योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये भी स्पष्ट प्रावधान हों। इसके लिये संबंधित नगरीय निकाय जोनल एवं लोकल एरिया प्लॉन वॉक-थ्रू सर्वे करवाकर तैयार करें। साथ ही अधोसंरचना परियोजनाएँ जरूरत के मुताबिक शामिल की जायें। उन्होंने नगरीय सुविधाओं जैसे कचरा प्रबंधन, जल-मल निकासी, बस-स्टैण्ड आदि का विकास योजनाओं में स्पष्ट रूप से चिन्हांकन करने के लिये कहा।

मुख्यमंत्री ने मास्टर-प्लॉन में विवाह-घरों के नियमन के लिये आवश्यक नीति बनाने को कहा। मुख्यमंत्री ने शहरों के मध्य में स्थित जेल परिसर को शहर के बाहरी क्षेत्र में भूमि का चयन कर शिफ्ट करने के प्रावधान और जेल से लगे हुए बगीचे की जमीन का उपयोग विकास कार्य में करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने शासकीय भूमि के संरक्षण और न्यायालयीन मामलों में प्रतिरक्षण की समुचित कार्यवाही और शहर के मुख्य स्थानों पर किये गये अतिक्रमण का परीक्षण कर हटाने की कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने मास्टर-प्लॉन में शहरों के भीतर एक बॉयो-डायवर्सिटी पार्क के विकास का प्रावधान शामिल करने के निर्देश दिये, जिससे स्थानीय प्रजातियों को प्रचुरता में स्थान मिल सके। श्री नाथ ने कहा कि मास्टर-प्लॉन बनाते समय शहर में ऑडिटोरियम या कन्वेंशन सेंटर, सुपर मार्केट, सामुदायिक पार्किंग आदि का विकास सेल्फ फायनेंसिंग से करने का परीक्षण भी किया जाये। उन्होंने सुपर मिनी स्मार्ट-सिटी घोषित शहरों के लिये आवश्यक स्वीकृति की कार्यवाही और उपरोक्त मार्गदर्शी सिद्धांतों को उनकी योजना में शामिल करने का परीक्षण करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिये अधोसंरचनात्मक कार्यों तथा विकास आयोजना बनाने के लिये स्थानीय निकाय अपने स्तर पर कन्सलटेंट नियुक्त करें। 

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि स्थानीय निकायों के अंतर्गत आने वाले उन गाँवों, जहाँ नगरीय सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं, में आंतरिक सड़कों का विकास कर उन्हें मुख्य शहर से जोड़ने का प्रावधान भी मास्टर-प्लॉन में शामिल होना चाहिये।

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