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कर्जमाफी के काम में रुचि नहीं, 7 दिन शेष पर अभी भी 20 हजार किसानों के आवेदन जमा नहीं


मुरैना। पोरसा की महुआ पंचायत में किसान कर्ज माफी के आवेदन जमा कराने के लिए जाते हैं, लेकिन पंचायत भवन बंद मिलता है और सचिव व अन्य कर्मचारी गायब मिलते हैं। ऐसे में महुआ पंचायत के किसान अपने कर्जमाफी के आवेदन जमा नहीं करा पा रहे हैं। यानी पंचायत कर्मियों की लापरवाही व मुख्यालय पर न होने की वजह से किसान आवेदन जमा नहीं करा पा रहे हैं। यह हालत केवल महुआ पंचायत की नहीं है, बल्कि जनपद पंचायत से अधिक दूरी वाली सभी पंचायतों की भी है। इनमें पंचायत कर्मी बैठ नहीं रहे हैं और किसानों के कर्जमाफी के आवेदन जमा नहीं कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश शासन की महत्वकांक्षी योजना जय किसान कर्ज माफी योजना में पंचायतों के कर्मचारी ही रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यही वजह है कि अभी भी 20 हजार के करीब किसानों के आवेदन जमा होना बाकी हैं। हालांकि प्रशासनिक अफसर इस योजना को लेकर काफी संजीदा हैं और पूरी योजना पर नजर रख रहे हैं। लेकिन पंचायत कर्मियों के आगे वे भी असहाय से नजर आ रहे हैं। चूंकि कर्जमाफी के लिए आवेदन जमा होने की अंतिम तारीख 5 फरवरी है। ऐसे में यदि 5 फरवरी तक आवेदन जमा नहीं हो पाए तो बचे हुए किसानों को कर्जमाफी की योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।
यह कर रहे हैं पंचायत कर्मी
- जनपद मुख्यालय से दूर की पंचायतों में पंचायत कर्मी नियमित नहीं जा रहे हैं। वे सप्ताह में एक या दो दिन जाते हैं और जितने किसान मिलते हैं उनके फार्म कलेक्ट कर लाते हैं।
 कलेक्ट हुए फार्मों को दो से तीन दिन में जनपद पंचातयों में जमा कराते हैं। जिससे उनकी रोजाना की वर्किंग नजर आ जाए, लेकिन पंचायतों पर किसान परेशान अपने फार्म जमा कराने के लिए परेशान होते रहते हैं।
इसलिए हुई है यह समस्या
अधिकतर दूरस्थ पंचायतों के पंचायत कर्मी यानी सचिव व सहायक सचिव आदि पंचायत मुख्यालय पर नहीं रहते। वे किसी कस्बे या दूसरे गांव में रहते हैं इसलिए वे रोजाना पंचायत मुख्यालय पर नहीं पहुंचते। ऐसे में समस्या किसानों को उठानी पड़ रही है।
- जबकि पंचायत कर्मियों के पास कर्जदार किसानों की सूची हैं। उन्हें पता है कि उनकी पंचायतों के किन किन लोगों पर कर्ज है। जिन किसानों के आवेदन बचे हैं, उनके पास जाकर इन पंचायत कर्मियों को फार्म लेने हैं, लेकिन पंचायत कर्मी इन किसानों के पास तक नहीं पहुंच रहे हैं।
- हालांकि कई बैठकों में प्रशासन के अफसरों ने पंचायत कर्मियों को पूरी प्रक्रिया को समझा भी दिया है, लेकिन पंचायत कर्मी किसानों को प्रक्रिया समझा नहीं पा रहे हैं। ऐसे में कर्ज माफी के आवेदन भरने व जमा करने में किसानों को परेशानी हो रही है। ऐसे में कम आवेदन जमा हो रहे हैं।
अभी आवेदन जमा होने की क्या है स्थिति
- जिले भर में खेती के लिए दो लाख तक के अल्पकालिक लोन लेने वाले किसानों की संख्या 72 हजार 650 है। सोमवार तक इनमें से 52हजार 764 किसानों ने ही आवेदन जमा किए हैं। इन सभी आवेदनों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया जनपद पंचायतों में चल रही है।
- सूची में कई ऐसे किसानों के भी नाम हैं, जिनकी लोन लेने के बाद मृत्यु हो गई है। ऐसे किसानों के आवेदन भी जमा नहीं हो पाए हैं। चूंकि जिस कर्जदार किसान की मौत हो गई है, उसके लोन को माफ कराने व उसके जरूरी दस्तावेज कलेक्ट करने की जिम्मेदारी भी पंचायत कर्मियों की है, लेकिन पंचायत कर्मियों के ज्यादा रुचि न लेने से इन किसानों के आवेदन भी जमा नहीं हो पाए हैं।

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