तारकेश कुमार ओझाआज का अखबार पढ़ा तो दो परस्पर विरोधाभासी खबरें मानों एक दूसरे को मुंह चिढ़ा रही थी। पहली खबर में एक बड़ा राजनेता अपनी बिरादरी का दुख – दर्द बयां कर...
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स्वतंत्रता दिवसः शहीदों को श्रद्धांजलि देने का वक्त शहीदों के परिजनों की सुध लेने की जरूरत
डाॅ. चन्दर सोनाने 15 अगस्त 1947 को हमारा देष आजाद हुआ था। हम सबको पता हैं कि देष को आजाद करने में अनेक वीरों ने अपने...
सिंहस्थ: श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाओं की दरकार
डाॅ. चन्दर सोनाने गत 2004 में उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ के दौरान करीब तीन करोड श्रद्धालुओं के आने का अनुमान किया गया था। उस समय...
सिंहस्थ प्रभारी मंत्री की शीघ्र नियुक्ति जरूरी गत सिंहस्थ के अनुभवी अधिकारियों की सेवाएँ लेने की आवश्यकता
डाॅ. चन्दर सोनाने आस्था और विश्वास का महापर्व सिंहस्थ 22 अप्रेल से 21 मई तक 2016 में आयोजित होने जा रहा है। सिंहस्थ के लिए केवल 8 माह का समय शेष बचा है।...
आतंकवादियों की पैरवी करने वाले प्रशात भूषण और राम जेठमलानी जैसो को शर्म नही आनी चाहिए ?
डाॅ. चन्दर सोनाने 12 मार्च 1993 को मुंबई में श्रंखलाबद्ध हुए विस्फोटों में 257 बेगुनाह लोग मारे गए थे। लंबी...
भीेषण बारिश से नगर जलमग्न: कारणों की पड़ताल जरूरी
डाॅ. चन्दर सोनानेपिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही तेज बारिष से उज्जैन का जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया हैं। इसी बिच केवल एक ही दिन में 24 घंटे...
छात्रों को खुद बताई थी अपनी ईमेल आइडी...!!
साधारण डाक और इंटरनेट में एक बड़ा फर्क यही है कि डाक से आई चिट्ठियों की प्राप्ति स्वीकृति...
चैनलों पर बकबकियों की बहस...!!
फिल्म गदर करीब डेढ़ दशक पहले आई थी। लेकिन यह शायद इस फिल्म की लोकप्रियता का ही...
क्रिकेट का ' विकास' ...!!
नो डाउट अबाउट दिस ... की तर्ज पर दावे के साथ कह सकता हूं कि अपना देश विडंबनाओं से घिरा है।...
व्यापक... व्यापमं....!!
व्यापमं....। पहली बार जब यह शब्द सुना तो न मुझे इसका मतलब समझ में आया और न मैने इसकी...
गरीबी का ' नशा ' ....!!
तारकेश कुमार ओझाअल्टीमेटली आप कह सकते हो कि वह दौर ही गरीब ओरिएटेंड था।गरीबी हटाओ का...
इन ' ललितों ' का तो एेसा ही है...!!
उन दिनों किसी अखबार में पत्रकार होना आइएएस – आइपीएस होने से किसी मायने में कम...
खामोशी अच्छी पर सही मौके पर बोलना जरूरी
खुद को अच्छा इंसान साबित करने के प्रयास में हम कई बार ऐसे मौकों पर भी चुप रह जाते हैं जब...
मौसम अपना – अपना ...!!
तारकेश कुमार ओझा इस गलतफहमी में आप कतई न पड़ें कि मैं किसी समाजवादी आंदोलन का सिपाही हूं।...