सिंहस्थ: श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाओं की दरकार
डाॅ. चन्दर सोनाने
गत 2004 में उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ के दौरान करीब तीन करोड श्रद्धालुओं के आने का अनुमान किया गया था। उस समय श्रद्धालुओं को जहाँ अनेक सुविधाएँ प्राप्त हुइ्र्र , वही अनेक जगह पर मूलभूत सुविधाओं के नहीं होने के कारण उन्हें अत्यधिक परेषानी भी हुई।
गत सिंहस्थ में मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएँ देने के लिए जिस एजेंसी को मूत्रालय एवं षौचालय बनाने का ठेका दिया गया था। उसने मेला षुरू होने के बाद भी अपना कार्य पूरा नही किया था। इस अप्रिय स्थ्तिि के कारण तात्कालिन कलेक्टर डाॅ. राजेष राजोरा ने दूसरी एजेंसी को लगाकर ताबड़तोड़ इंतजाम किए थे।उस समय इन मूलभूत सुविधाओं की कमी सबको खली थी।
अब जब कि 2016 के सिंहस्थ में षासन प्रषासन के द्वारा पाँच करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना व्यक्त की गई है। इस कारण गत सिंहस्थ की तुलना में दुगुनी मात्रा में मूत्रालय व षौचालय बनाने की आवष्यकता हैं।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रत्येक आधे किलोमीटर की दूरी पर महिला एवं पुरू ष षौचालय एवं मूत्रालय की व्यवस्था होना आवष्यक हैं। यहाँ चैबीस घंटे पानी पर्याप्त रहें, इसकी भी सुनिष्चित व्यवस्था की जाना अत्यंत आवष्यक हैं। प्रत्येक मूत्रालय एवं षौचालय सहज रूप से दृश्टिगोचर होने वाले स्थान पर होना चाहिए। और इसे दूर से साईन बोर्ड पर भी परिलक्षित किया जाना आवष्यक हैं।
लाखांे श्रद्धालुओं के आने पर मेला क्षेत्र में ठंड़े पेयजल की भी सुनिष्चित व्यवस्था होना अत्यंत आवष्यक हैं। गत सिंहस्थ में विभिन्न स्वयं सेवी संगठनांे के द्वारा पेयजल की पर्याप्त एवं सुनिष्चित व्यवस्था की गई थी। इसके लिए उस समय उनकी सराहना भी की गई थी । चुंकि गत सिंहस्थ की अपेक्षा इस सिंहस्थ में करीब दो गुना अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना हैं। अतः श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था भी दोगुनी करने की आवष्यकता हैं। चुंकि आने वाले सिंहस्थ के समय गर्मी का मौसम रहेगा ,और पूरे षबाब पर रहेगा। अतः श्रद्धालुओं
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के लिए ठंडे पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाना अत्यंत आवष्यक हैं।
मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था में लगे समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनसे जुड़े हुए स्वयं सेवी संगठनों को अपने कर्तव्य स्थल पर आने व जाने की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने की आवष्यकता हैं। गत सिंहस्थ मंे ड्यूटी पर तैनात पुलीस से कार्य में जुटे कर्मचारियों को आने-जाने में परेषानी उठानी पडी थी।अतः मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करने में जुटें कर्मचारियों एवं स्वयं सेवकों को विषेष रंग का पास मुहैया कराए जाने की आवष्यकता हैं।
सामान्यतः यह देखा गया हैं कि सिंहस्थ के अवसर पर सारा ध्यान मेला क्षेत्र पर ही रहता हैं। और होना भी चाहिए। यह भी नितांत आवष्यक हैं। किंत,ु श्रद्धालु जो पतीत पावन षिप्रा नदी में डुबकी लगाने आते है, उनमें से अधिकांष उज्जैन के अधिपति श्री महाकाल के दर्षन करने भी जाते है। इसी के साथ श्रद्धालु उज्जैन के विभिन्न मंदिरों में भी दर्षन के लिए जाते हैं। अनेक श्रद्धालु षहर में आकर भी खरीददारी करते हैं। इस कारण मेला क्षेत्र के साथ-साथ षहर के विभिन्न मंदिरों, दर्षन स्थलों एवं पर्यटन स्थलों के पास भी मूत्रालय एवं षौचालय निर्मित करने की आवष्यकता हैं।
उज्जैन षहर में नगर निगम उज्जैन द्वारा स्थापित किए गए इन मुलभ्ूात सुविधा स्थलों की मरम्मत और नियमित सफाई होना आवष्यक हैं। इन स्थलों पर 24 घंटे पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।वर्तमान में षहर के जितने भी मूलभूत सुविधा वाले क्षेत्र हैं, वे सभी बदहाल स्थिति में हैं। ये स्थल अत्यंत दुर्गंधयुक्त एवं साफ सफाई से नजर अंदाज किए हुए हैं।यहाँ रात में तो अंधेरा रहता ही हैं दिन में भी प्रकाष नही आता हैं। अतः कलेक्टर श्री कवीन्द्र कियावत और नगर निगम आयुक्त श्री अविनाष लवानिया से अनुरोध हैं िकवे मौजूदा सुविधा केन्द्रों का भैतिक सत्यापन करायें तथा इन मूलभूत सुविधा केन्द्रों को क्या मूलभूत आवष्यकता होनी चाहिए वह वहाँ उपलब्ध करायें। सिंहस्थ में नगर में वर्तमान में जितने भी केन्द्र है, उनसे कम से कम तीन गुने अधिक सुविधा केन्द्र बनाने की आवष्यकता हैं। इसके लिए नवीन सुविधा केन्द्रों की पहचान करने तथा वहाँ मुलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने की नितांत आवष्यकता हैं।
गत 2004 में उज्जैन में आयोजित सिंहस्थ के दौरान करीब तीन करोड श्रद्धालुओं के आने का अनुमान किया गया था। उस समय श्रद्धालुओं को जहाँ अनेक सुविधाएँ प्राप्त हुइ्र्र , वही अनेक जगह पर मूलभूत सुविधाओं के नहीं होने के कारण उन्हें अत्यधिक परेषानी भी हुई।
गत सिंहस्थ में मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को मूलभूत सुविधाएँ देने के लिए जिस एजेंसी को मूत्रालय एवं षौचालय बनाने का ठेका दिया गया था। उसने मेला षुरू होने के बाद भी अपना कार्य पूरा नही किया था। इस अप्रिय स्थ्तिि के कारण तात्कालिन कलेक्टर डाॅ. राजेष राजोरा ने दूसरी एजेंसी को लगाकर ताबड़तोड़ इंतजाम किए थे।उस समय इन मूलभूत सुविधाओं की कमी सबको खली थी।
अब जब कि 2016 के सिंहस्थ में षासन प्रषासन के द्वारा पाँच करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना व्यक्त की गई है। इस कारण गत सिंहस्थ की तुलना में दुगुनी मात्रा में मूत्रालय व षौचालय बनाने की आवष्यकता हैं।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रत्येक आधे किलोमीटर की दूरी पर महिला एवं पुरू ष षौचालय एवं मूत्रालय की व्यवस्था होना आवष्यक हैं। यहाँ चैबीस घंटे पानी पर्याप्त रहें, इसकी भी सुनिष्चित व्यवस्था की जाना अत्यंत आवष्यक हैं। प्रत्येक मूत्रालय एवं षौचालय सहज रूप से दृश्टिगोचर होने वाले स्थान पर होना चाहिए। और इसे दूर से साईन बोर्ड पर भी परिलक्षित किया जाना आवष्यक हैं।
लाखांे श्रद्धालुओं के आने पर मेला क्षेत्र में ठंड़े पेयजल की भी सुनिष्चित व्यवस्था होना अत्यंत आवष्यक हैं। गत सिंहस्थ में विभिन्न स्वयं सेवी संगठनांे के द्वारा पेयजल की पर्याप्त एवं सुनिष्चित व्यवस्था की गई थी। इसके लिए उस समय उनकी सराहना भी की गई थी । चुंकि गत सिंहस्थ की अपेक्षा इस सिंहस्थ में करीब दो गुना अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना हैं। अतः श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था भी दोगुनी करने की आवष्यकता हैं। चुंकि आने वाले सिंहस्थ के समय गर्मी का मौसम रहेगा ,और पूरे षबाब पर रहेगा। अतः श्रद्धालुओं
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के लिए ठंडे पेयजल की समुचित व्यवस्था की जाना अत्यंत आवष्यक हैं।
मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था में लगे समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनसे जुड़े हुए स्वयं सेवी संगठनों को अपने कर्तव्य स्थल पर आने व जाने की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने की आवष्यकता हैं। गत सिंहस्थ मंे ड्यूटी पर तैनात पुलीस से कार्य में जुटे कर्मचारियों को आने-जाने में परेषानी उठानी पडी थी।अतः मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करने में जुटें कर्मचारियों एवं स्वयं सेवकों को विषेष रंग का पास मुहैया कराए जाने की आवष्यकता हैं।
सामान्यतः यह देखा गया हैं कि सिंहस्थ के अवसर पर सारा ध्यान मेला क्षेत्र पर ही रहता हैं। और होना भी चाहिए। यह भी नितांत आवष्यक हैं। किंत,ु श्रद्धालु जो पतीत पावन षिप्रा नदी में डुबकी लगाने आते है, उनमें से अधिकांष उज्जैन के अधिपति श्री महाकाल के दर्षन करने भी जाते है। इसी के साथ श्रद्धालु उज्जैन के विभिन्न मंदिरों में भी दर्षन के लिए जाते हैं। अनेक श्रद्धालु षहर में आकर भी खरीददारी करते हैं। इस कारण मेला क्षेत्र के साथ-साथ षहर के विभिन्न मंदिरों, दर्षन स्थलों एवं पर्यटन स्थलों के पास भी मूत्रालय एवं षौचालय निर्मित करने की आवष्यकता हैं।
उज्जैन षहर में नगर निगम उज्जैन द्वारा स्थापित किए गए इन मुलभ्ूात सुविधा स्थलों की मरम्मत और नियमित सफाई होना आवष्यक हैं। इन स्थलों पर 24 घंटे पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।वर्तमान में षहर के जितने भी मूलभूत सुविधा वाले क्षेत्र हैं, वे सभी बदहाल स्थिति में हैं। ये स्थल अत्यंत दुर्गंधयुक्त एवं साफ सफाई से नजर अंदाज किए हुए हैं।यहाँ रात में तो अंधेरा रहता ही हैं दिन में भी प्रकाष नही आता हैं। अतः कलेक्टर श्री कवीन्द्र कियावत और नगर निगम आयुक्त श्री अविनाष लवानिया से अनुरोध हैं िकवे मौजूदा सुविधा केन्द्रों का भैतिक सत्यापन करायें तथा इन मूलभूत सुविधा केन्द्रों को क्या मूलभूत आवष्यकता होनी चाहिए वह वहाँ उपलब्ध करायें। सिंहस्थ में नगर में वर्तमान में जितने भी केन्द्र है, उनसे कम से कम तीन गुने अधिक सुविधा केन्द्र बनाने की आवष्यकता हैं। इसके लिए नवीन सुविधा केन्द्रों की पहचान करने तथा वहाँ मुलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने की नितांत आवष्यकता हैं।