पीएम मोदी आज करेंगे देश के सबसे लंबे रेलवे-रोड पुल उद्घाटन
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को सबसे लंबा रेलवे-रोड पुल समर्पित करेंगे. असम के डिब्रूगढ़ में प्रधानमंत्री आज 4.94 किलोमीटर की लंबाई वाले बोगीबील ब्रिज का उद्घाटन करेंगे. इस पुल की मदद से असम और अरुणाचल प्रदेश की दूरी कम हो जाएगी, ये पुल असम के डिब्रूगढ़ में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण तट को धेमाजी जिले से जोड़ता है. इससे ही सटा अरुणाचल का सिलापत्थर भी है. इस पुल को चीन के लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है.
इस पुल को भारतीय इंजीनियरिंग की अनोखी मिसाल भी कह सकते हैं, क्योंकि ये डबलडेकर ब्रिज है. जिस पर ट्रेन और बसें एक साथ दौड़ेंगी. इस पुल को बनाने में करीब 4857 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है.
चीन को जवाब
इस पुल को अरुणाचल प्रदेश से सटे बॉर्डर पर चीन की चुनौती का जवाब माना जा रहा है. सेना की जरूरतों के लिहाज से ये पुल काफी अहम है, इस पुल पर सेना के भारी टैंक भी आसानी से ले जाया जा सकेंगे. पुल के निचले हिस्से में 2 रेलवे लाइनें बिछाई गई हैं और ऊपर 3 लेन की सड़क बनी है.
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने 1997 में इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. जबकि 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा इस ब्रिज पर काम शुरू किया गया था. अब अटल बिहारी वाजपेयी की ही जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पुल को देश को समर्पित कर रहे हैं.
पुल की खास बातें...
> बोगीबील ब्रिज की शुरुआती लागत 3230 करोड़ रुपये थी जो अब बढ़कर 4857 करोड़ रुपये हो गई है.
> ब्रह्मपुत्र नदी पर 4.94 KM. लंबा पुल यूरोपीय मानकों के आधार पर बनाया गया है. इसके निर्माण में जो सामग्री इस्तेमाल की गई है वो जंगरोधी है. यह 120 साल तक पूरी तरह सुरक्षित है.
> इस पुल में 42 डबल डी वेल फाउंडेशन के खंभे हैं, इन खंभों की वजह से पुल की मजबूती बहुत ज्यादा है. इस वजह से भयानक बाढ़ और बड़े भूकंप के झटकों को भी ये पुल आसानी से सहन कर सकता है.
> इस पुल के बनने से पूर्वी असम से अरुणाचल प्रदेश के बीच सफर करने में लगने वाला वक्त घटकर सिर्फ 4 घंटे का रह जाएगा. इतना ही नहीं दिल्ली से डिब्रूगढ़ की यात्रा का वक्त 3 घंटे कम हो जाएगा.