विधानसभा चुनाव : नजीजों बाद शुरू हुई चर्चा, कौन बनेगा सीएम कमलनाथ या सिंधिया ?
भोपाल. मध्य प्रदेश में 15 साल से सत्ता से दूर कांग्रेस के हाथ में इस बार सरकार की चाबी हाथ लगती दिख रही है। राज्य में कांग्रेस ने चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री के लिए चेहरा घोषित नहीं किया था। इसे लेकर भाजपा ने कई बार कांग्रेस को घेरा। इसके बावजूद जनता ने कांग्रेस को भाजपा के सामने खड़ा कर दिया, जहां वह सरकार बनाने की स्थिति में पहुंच गए हैं। ऐसे में अब राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर अटकलें लगने लगी हैं।
असल में, चुनाव के पहले ही कमलनाथ के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर चुके हैं, वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक भी उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं। राज्य में कांग्रेस के पास इन दो चेहरों के साथ ही दिग्विजय सिंह भी इस दौड़ में शामिल हैं। हालांकि मध्य प्रदेश में कांटें की टक्कर है। इसके बाद भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में आगे आ रही है। मुख्यमंत्री के दोनों दावेदार एक नजर में -
ज्योतिरादित्य सिंधिया : शुरुआती शिक्षा बॉंम्बे के कैंपियन स्कूल में हुई। उसके बाद दून स्कूल चले गए। उच्च शिक्षा हार्वर्ड से स्नातक की डिग्री ली। स्टैनफ़ोर्ड से बिजनेस की पढ़ाई की। अमरीका में साढ़े सात साल रहे और नौकरी की। पिता की विमान हादसे में निधन के बाद राजनीति में आए।
पिता माधवराव सिंधिया की हादसे में मौत के बाद राजनीति में आए। पहली बार गुना से 2002 में सांसद बने।
इसके बाद से लगातार चार बार से सांसद हैं। 2012 में कांग्रेस सरकार में केंद्र में मंत्री बने और 2014 तक रहे।
बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान की मुख्यमंत्री हैं। जबकि यशोधरा राजे मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री हैं।
ताकत -
राजघराने से होने के बावजूद सौम्य चेहरा, सरल स्वभाव और उदार व्यवहार।
पार्टी ने युवा चेहरे के तौर पर पेश किया, चुनाव अभियान की बड़ी जिम्मेदारी थी।
राहुल गांधी के भरोसेमंद हैं और प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में भूमिका निभाने को तैयार हैं।
संपत्ति - 25 कंपनियों के शेयर। 1.70 करोड रूपए की चल संपत्ति। पत्नी एवं पुत्री के पास करीब 11.51 लाख और 33.19 लाख रूपए। कुल 32.64 करोड़। - (ब्यौरा 2014 में चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के अनुसार)
कमलनाथ : शिक्षा दून स्कूल, देहरादून और सेंट ज़ेवियर कॉलेज कोलकाता। 1980 में पहली बार सांसद बने। आठ बार से छिंदवाड़ा से सांसद हैं। हवाला केस में नाम आने के कारण मई 1996 के आम चुनाव में कमलनाथ चुनाव नहीं लड़ सके। इस हालत में कांग्रेस ने कमलनाथ की पत्नी अलका कमलनाथ को टिकट दिया जो विजयी रहीं।
1997 के फरवरी में हुए उप चुनाव में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा से 37,680 वोटों से हार गए।
कमलनाथ पहली बार 1991 में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने।
वे कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), केंद्रीय उद्योग मंत्री, परिवहन व सडक़ निर्माण मंत्री, शहरी विकास, संसदीय कार्य मंत्री बने।
ताकत -
छह महीने पहले कांग्रेस ने मध्य प्रदेश का अध्यक्ष बनाया, छह महीने में पार्टी को जीत की दहलीज पर पहुंचाया।
कुशल प्रबंधक, हर वर्ग में मान्य। छिंदवाड़ा के विकास मॉडल को चुनाव के दौरान पेश किया।
राहुल गांधी के बेहद भरोसेमंद हैं और प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में भूमिका निभाने को तैयार हैं।
संपत्ति - उनके परिवार से जुड़ी 23 कंपनियां हैं। छिंदवाड़ा में अलीशान कोठी। पत्नी को 4.6 करोड़ रुपये का कर्ज दे रखा है। पत्नी के नाम 10.4 करोड़ की प्रॉपर्टी है। कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।