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मप्र सरकार बाजार से लेगी 800 करोड़ रूपये का कर्ज



भोपाल . वित्तीय संकट से निपटने के लिए आदर्श आचार संहिता के बीच राज्य सरकार फिर से एक बार बाजार से 800 करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। इस बारे में वित्त विभाग ने रिजर्व बैंक से अनुमति मांगी है। 10 साल के लिए लिया जा रहा यह कर्ज 8.44 प्रतिशत ब्याज पर होगा। दो दिन पहले राज्य सरकार ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया हैं। इसके साथ ही एक नोटिफिकेशन और जारी हुआ है, जो इतनी ही (800 करोड़) राशि की परिसंपत्तियों की नीलामी से जुड़ा है।
 
यह परिसंपत्ति राज्य सरकार के बांड खत्म होने बाद बाजार में रखी जा रही है। वित्त विभाग के अनुसार इस राशि से सरकारी कर्मचारियों के ईपीएफ एकाउंट से सरकार ने जो पैसा निकाला है, उसका इसी वित्तीय वर्ष में मिलान होना है। इसलिए यह कर्ज विकास और सिंचाई प्रोजेक्ट के नाम पर लिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बीते वित्तीय वर्ष के दौरान एक बार वेज एंड मींस की स्थिति निर्मित हो गई थी, तब भी रिजर्व बैंक में सरकार के 600 करोड़ के रिजर्व फंड में से राशि निकाले जाने की नौबत आ गई थी।   

बहरहाल, इस वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल 2018 के बाद से अब तक राज्य सरकार 12500 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। अभी लिए जा रहे 800 करोड़ रुपए के कर्ज को मिलाकर राज्य में इस साल लिए जाने वाला कर्ज 13300 करोड़ रुपए हो जाएगा। वित्त विभाग के लोग इसे कर्ज लेने की एक रूटीन प्रक्रिया मान रहे हैं।

केंद्र सरकार से मिली अनुमति के अनुसार राज्य सरकार वित्तीय वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 फीसदी (एफआरबीएम के तहत) तक कर्ज ले सकती है। यानी 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 के बीच में राज्य सरकार 24 हजार करोड़ रुपए तक कर्ज ले सकती है। अभी तक राज्य सरकार ने यह सीमा पार नहीं की है। उधर, सरकार के कर्ज लेने पर कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने हमला करते हुए कहा है कि सरकार दिवालिया होने की स्थिति में खड़ी नजर आ रही है।

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