श्रीमद् भागवत का एक श्लोक सुनने से भी मोक्ष की प्राप्ति- पं. शुक्ल
उज्जैन। वेदों में लिखा है जो अंत समय में श्रीमद् भागवत कथा का सिर्फ एक श्लोक पढ़ लेता है या सुन लेता है, या एक श्लोक का चौथा हिस्सा भी पढ़ लेता है भगवान उसे मोक्ष प्रदान करते हैं।
सेवाधाम आश्रम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के अष्टम दिन भागवत का संपूर्ण महत्व बताते हुए भागवताचार्य पं. गोपालकृष्ण शुक्ल ने कहा कि भागवत कथा जहां होती है वहां भगवान किसी न किसी रूप में जरूर उपस्थित होते हैं, पृथ्वी पर श्रीकृष्ण की लीलाएं गुप्त रूप से होती रहती हैं। आठ दिवसीय भागवत कथा के समापन पर पं. शुक्ल ने कहा कि जो मनुष्य पाप के अधीन होकर श्रीमद् भागवत कथा नहीं सुनता, मानों उसने अपने ही हाथों अपनी हत्या कर ली। जिसने कभी भागवत नहीं सुनी वह पृथ्वी पर बोझ के समान है, ऐसे प्राणी को बड़ा पत्थर बांधकर नदी में डूब जाना चाहिये। जो भागवत कथा सुनता है न सिर्फ उसका बल्कि वह अपने माता-पिता और कुल का उद्धार कर देता है। क्षत्रिय को शत्रु नष्ट करने का, शुद्र को स्वास्थ्य और निरोगी काया, वैष्णव को धन की प्राप्ति होती है। जो वीरक्त होते हैं उन्हें 5 प्रकार की सिध्दियां प्राप्त होती हैं। भागवत कथा श्रवण से दुखों का अंत होकर मनुष्य के जीवन में सुख का संचार होता है। यदि कोई मन की अंतर आत्मा से प्रभु को पुकारे तो वे भक्त के कार्यों को करते हैं। नृसिंह भगवान के लिए भगवान ने 52 वार अवतार लिया था। जो भगवान को आत्मा में बसा लेता है उसे दुख और संसार का भय स्पर्श नहीं कर सकता। ब्रज भूमि भगवान श्रीकृष्ण का ही रूप है जिसने ब्रिज के दर्शन किए उसे भगवान के दर्शन का फल प्राप्त होता है। कथा के समापन पर आज सेवाधाम आश्रम में महाआरती में सिध्दार्थ, समीर, डॉ. सचिन, अशोक गोयल आदि शामिल हुए।