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निर्वाचन व्यय का सही-सही लेखा निर्वाचन परिणाम की घोषणा की तिथि से 30 दिन के अन्दर प्रस्तुत करना अनिवार्य


 

राजनैतिक दल के पदाधिकारियों को कराया अवगत

उज्जैन । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने बृहस्पति भवन में निर्वाचन कार्य में लगे समस्त रिटर्निंग आफिसर, सहायक रिटर्निंग आफिसर एवं समस्त नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों की बैठक लेकर निर्वाचन के कार्यों के सम्बन्ध में पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में अवगत कराया गया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 78 के अनुसार प्रत्येक अभ्यर्थी को निर्वाचन व्यय का सही-सही लेखा निर्वाचन परिणाम की घोषणा की तिथि से 30 दिनों के अन्दर जिला निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने बैठक में बताया कि इस बार निर्वाचन आयोग पेड न्यूज पर अधिक ध्यान दे रहा है, इसलिये राजनैतिक दल के पदाधिकारी आयोग के निर्देशों का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने निर्वाचन में लगे समस्त अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे निर्वाचन के दायित्वों का सतर्कता से निर्वहन करें।

बैठक में कोष एवं लेखा के संयुक्त संचालक श्री जेएस भदौरिया ने पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से निर्वाचन के दौरान होने वाले आय-व्यय की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अवगत कराया कि निर्वाचन व्यय के लिये अभ्यर्थियों को अलग से बैंक खाता खोलना होगा। निर्वाचन में जो भी खर्च होगा, वह इसी खाते से खर्च किया जायेगा। व्यय लेखा जिला निर्वाचन पदाधिकारी को प्रस्तुत किया जायेगा, इस बैंक खाते के स्टेटमेंट की सत्यापित प्रति भी प्रस्तुत की जायेगी। प्रत्येक अभ्यर्थी को निर्वाचन व्यय पंजी में निर्वाचन व्यय के प्रतिदिन का लेखा संधारित करना रहेगा। बैठक में बताया गया कि चुनाव की घोषणा की तिथि से परिणाम घोषित होने की तिथि तक बैंक खातों से संदेहास्पद लेन-देन की सूचना जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रतिदिन देना होगी। संदेहास्पद लेन-देन की पहचान शाखा प्रबंधक द्वारा की जायेगी।

बैठक में राजनैतिक दल के पदाधिकारियों एवं उपस्थित अधिकारियों को अवगत कराया गया कि स्टार प्रचारक द्वारा जनसभा या बैठक के मामले में यदि अभ्यर्थी या उसका निर्वाचन एजेन्ट स्टार प्रचारक के साथ मंच बांटता है तो स्टार प्रचारक के यात्रा व्यय को छोड़कर रैली का समस्त व्यय अभ्यर्थी के व्यय में जोड़ा जायेगा। यदि अभ्यर्थी स्टार प्रचारक के साथ वाहन सुविधा भी बांट रहा है तो अभ्यर्थी के व्यय में यात्रा व्यय का 50 प्रतिशत जोड़ दिया जायेगा। एक से अधिक अभ्यर्थी के मामले में 50 प्रतिशत यात्रा व्यय उन अभ्यर्थियों के बीच विभाजित कर दिया जायेगा। निर्वाचन व्यय का एक मुख्य मद हेलीकॉप्टर या विमान किराये पर लेना। विमान की पार्किंग के लिये वास्तविक रूप में भुगतान की गई धनराशि है। यदि कोई परिचारक, सुरक्षा गार्ड या पार्टी के कोई सदस्य या इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया का कोई प्रतिनिधि स्टार प्रचारक के साथ उनके वाहन/विमान/हेलीकॉप्टर आदि में यात्रा करता है तो यात्रा खर्च राजनैतिक पार्टी के खाते में दर्ज होगा और अभ्यर्थी के शामिल होने पर 50 प्रतिशत व्यय उसके खाते में दर्ज होगा। किसी भी अभ्यर्थी या एजेन्ट या पार्टी पदाधिकारी के कोई भी अनाधिकृत हथियार निषिद्ध वस्तुओं एवं 50 हजार रूपये से अधिक की नगदी की जांच-पड़ताल की जायेगी और उसे जप्त किया जायेगा।

बैठक में बताया गया कि अभ्यर्थी नाम-निर्देशन के समय दाखिल शपथ-पत्र पर अपने प्रामाणिक सोशल मीडिया के खातों के बारे में आयोग को जानकारी दें। विज्ञापन के लिये इंटरनेट, वेब साइट या कंपनियों को किया गया भुगतान विषयवस्तु को बनाने के लिये किया गया व्यय शामिल होगा। अभ्यर्थी द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट को मेंटेन करने के लिये लगाये गये कामगारों की टीमों को दिये वेतनों/पारिश्रमिक पर व्यय आदि शामिल होगा। बैठक में राजनैतिक दल के पदाधिकारियों तथा अधिकारियों को अवगत कराया गया कि जनसभा एवं रैली, फोटोग्राफी, वीडियो आदि निर्वाचन व्यय की टीम मॉनीटरिंग करेगी।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मनीष सिंह ने बताया कि निर्वाचन व्यय की सीमा का पालन किये जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि आयोग को यह अधिकार है कि अभ्यर्थी द्वारा दाखिल किया गया व्यय लेखा यदि अशुद्ध या असत्य पाया जाता है तो लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 10क के अधीन उसे निरर्हित किया जा सकता है। कलेक्टर ने यह भी बताया कि लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123(6) के सन्दर्भ में इसी अधिनियम की धारा 77(3) के अधीन निर्धारित सीमा से अधिक व्यय अभ्यर्थी द्वारा किया जाता है तो यह एक भ्रष्ट आचरण माना जायेगा।

बैठक में इसी तरह एनआईसी के श्री धर्मेन्द्र यादव ने आईटी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सर्विस वोटर्स के बारे में शासकीय सेवक अपने मत का उपयोग किस प्रकार से करेंगे, इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम की जानकारी दी। उन्होंने इस पोर्टल के माध्यम से डाउनलोड करने से लेकर अपलोड करने तक की प्रक्रिया से अवगत कराया। कंडक्ट ऑफ इलेक्शन आईटी एप्लीकेशन पोस्टल बैलेट के फार्म-13ए, 13बी, 13सी, 13डी के बारे में राजनैतिक दल के पदाधिकारियों एवं अधिकारियों को बताया। श्री यादव ने सुविधा एप के बारे में जानकारी दी। इसी प्रकार उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा नेशनल ग्रेविएंसेस सर्विस में निर्वाचन से सम्बन्धित शिकायतें दर्ज करने की प्रक्रिया के बारे में अवगत कराया। इसी तरह उन्होंने सी-विजिल एप के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।

बैठक में भाजपा के पदाधिकारी श्री विवेक जोशी, श्री शक्तिसिंह चौधरी, कांग्रेस के पदाधिकारी श्री महेश सोनी तथा अन्य दलों के पदाधिकारी सहित जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री संदीप जीआर, अपर कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी निर्वाचन श्री दीपक आर्य, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आरपी वर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती वर्षा भूरिया, जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार एवं नोडल अधिकारी निर्वाचन उपस्थित थे।

 

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