धारा 497 के विवाह उपरांत अन्य से संबंध को कानूनी मान्यता पर विरोध दर्ज कराएंगे
अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में लिया निर्णय-श्रेष्ठता का प्रथम पुरस्कार उज्जैन शाखा को
उज्जैन। अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में द्वितीय दिन 30 सितंबर को राष्ट्रीय पदाधिकारियों द्वारा श्रेष्ठता का प्रथम पुरस्कार उज्जैन परिषद् को दिया गया। सम्मेलन में धारा 497 के विवाह उपरांत अन्य से सम्बद्ध का क़ानूनी मान्यता का विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया गया।
वीरेन्द्र गोलेचा के अनुसार सम्मेलन में देशभर की 350 शाखाओं से 2700 सदस्य इस सम्मेलन में शामिल हुए। गच्छाधिपति आचार्य नित्यसेन सुरिश्वर एवं 12 साधू साध्वी भगवन्तों की निश्रा में हुए इस सम्मेलन की अध्यक्षता राष्ट्रिय अध्यक्ष मुंबई के रमेश धरू द्वारा की गयी। संचालन राष्ट्रिय महामन्त्री अशोक श्रीश्रीमाल एवं संजय कोठारी द्वारा किया गया। स्वागत उदबोधन श्रीसंघ अध्यक्ष मनीष कोठरी ने दिया। सभी शाखाओं द्वारा अपने अपने शहर का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसमे उज्जैन शाखा का प्रतिवेदन वीरेन्द्र गोलेचा द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसमे परिषद् द्वारा वर्षभर किये गए कार्यो का उल्लेख किया गया। मुख्य अतिथि उर्जामंत्री पारस जैन ने अपने उदबोधन में परिषद द्वारा सामूहिक विवाह आयोजित करने का प्रस्ताव दिया गया जिसे तुरन्त पारीत करते हुए श्री राजेन्द्रसूरी शोध संस्थान उज्जैन के सचिव सुशील गिरिया ने इसे शोध संस्थान द्वारा आयोजित करने की घोषणा की गयी। आभार शाखा अध्यक्ष नितेष नाहटा एवं अनिल रुणवाल द्वारा व्यक्त किया गया। दीपक डागरिया, रजत मेहता, रितेश खाबिया, संतोष कोठारी द्वारा अतिथियों का अभिनन्दन किया गया। सम्मेलन में 25 प्रस्ताव आये जिनमें से 12 प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया। अंत में गुरु भगवन्तो के प्रवचन हुए एवं वर्ष में दिवंगत हुए सदस्यों को नवकार मन्त्र के माध्यम से श्रध्दांजलि दी गयी। परिषद् के 60 वर्ष पूर्ण होने पर इस वर्ष हीरक जयंती वर्ष मनाने का निर्णय लिया गया जिसमे सभी शखाओं द्वारा 60 प्रकल्प पूर्ण करने का लक्ष्य लिया गया।