एनसीसी कैडोटो को समझाया कैसे होती है सर्जिकल स्ट्राईक
10 म.प्र. एनसीसी बटालियन ने मनाया पराक्रम दिवस
उज्जैन। सर्जिकल स्ट्राईक एक ऐसी सैन्य कार्यवाही है जिसमें एक से अधिक सैन्य लक्ष्यों को नुकसान पहुंचाया जाता है और उसके पश्चात हमला करने वाले सैनिक तुरंत वापस लौट आते हैं। इस तरह की कार्रवाई में प्रयास किया जाता है कि गैर सैनिक ठिकानों जैसे आसपास की इमारतें, बिल्डिंग, वाहन या सार्वजनिक आधारभूत संरचनाओं को कम से कम नुकसान पहुंचे।
उक्त बात विक्रम विश्वविद्यालय के स्वण जयंती हॉल में 10 म.प्र. एनसीसी बटालियन व विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पराक्रम दिवस कार्यक्रम में 10 म.प्र. बटालियन एनसीसी कमान अधिकारी कर्नल डी.एस. शेखावत ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही। केप्टन डॉ. मोहन निमोले के अनुसार कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. के.एन. सिंहा डीसीडीसी विक्रम विश्वविद्यालय ने की। विशेष अतिथि विद्यार्थी कल्याण संकाय प्रमुख डॉ. राकेश ढंढ व कुलसचिव डॉ. डी.के. बग्गा उपस्थित थे। डॉ. राकेश ढंढ ने कैडेट्स को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर दिया। उन्होंने बताया कि हम विश्व में किसी से कम नहीं है। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. के.एन. सिंह ने कैडेट्स को बताया कि में भी विद्यार्थी जीवन में एनसीसी कैडेट रहा हूं। एनसीसी के माध्यम से हम एक अनुवांछित जीवन जीने की कला सीख सकते हैं और हमारे सैनिक उनके जीवन की विकट परिस्थितियों में होने के बावजूद हमारी व देश की सुरक्षा करते हैं। पराक्रम दिवस के उपलक्ष्य में कर्नल डीएस शेखावत, सुबेदार मेजर सतवीरसिंह, नायब सुबेदार मनजीतसिंह, बलविंदरसिंह, हवलदार जसवंतसिंह एवं दलवारासिंह का पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम में 10 म.प्र. बटालियन एनसीसी के कैडेट्स एवं एनसीसी अधिकारी कैप्टन डॉ. मोहन निमोले, ले. डॉ. सरोज रतनाकर, डॉ. रेखा नागवंशी आदि अधिकारी व छात्र सैनिक उपस्थित थे। संचालन डॉ. ले. चंद्रशेखर शर्मा द्वारा किया गया। आभार डॉ. ले. कनिया मेड़ा ने माना।