अर्न्तराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 1 अक्टूबर को मनाया जायेगा
उज्जैन। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एम.एल.मालवीय ने जानकारी देते हुए बताया कि अर्न्तराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस सोमवार 1 अक्टूबर को मनाया जायेगा। यह दिन हमारे समाज में बुजुर्गों के योगदान और उनकी बढ़ती उम्र के मुद्दे, चुनौतियों को ध्यान मे रखकर जागरूकता फैलाने के लिये मनाया जाता है।
प्रायः किसी भी समय 50 प्रतिशत बुजुर्ग किसी न किसी रोग से ग्रसित होते हैं। सर्वे में पाया गया कि 75 प्रतिशत को तो दो या दो से अधिक बीमारियां हो जाती है। वृद्धावस्था मे आर्थोराईटिस, हार्ट डिसीज, (हृदयरोग), पार्किसन्स, अल्जाइमर्स, पॉलीमेलगिया रियूमेट्स्जम जैसी बीमारियां पाई जाती है। कई बार बुजुर्ग चलने-फिरने मे तकलीफ महसूस करते है, अचानक गिर पड़ते है, याददाश्त कमजोर हो जाती है, बौद्धिक क्षमता मे गिरावट आ जाती है। यह सभी समस्याएं अक्सर बढ़ती उम्र मे आती है। बुजुर्गो की कार्य क्षमता मे गिरावट आ जाती है, बेहरापन भी देखा जाता है। अलग-अलग बीमारियों मे उनके निदान के लिये अलग-अलग उपचार की आश्यकता होती है। स्वास्थ्य विभाग का प्रमुख उद्देश्य उनके रोगो का ईलाज करना, उन्हे नियंत्रित करना, कार्य करने मे उन्हे सक्षम बनाना, जीवन के प्रति सकारात्मकता पैदा करना और उनके दुखो को कम करना है।
सीएमएचओ डॉ.मालवीय ने बताया कि वृद्धजनों की देख-रेख के लिये वर्ष 1999 मे एन.टी.ओ.पी. ‘‘माता-पिता के कल्याण और वरिष्ठ नागरिक अधिनियम, 2007 की धारा 20 मे वरिष्ठ नागरिकों की चिकित्सा देखभाल के लिये प्रावधानों का जिक्र किया है’’। हमारे देश की बुजुर्ग जनसंख्या को सुलभ, सस्ती और उच्च गुणवत्तापूर्ण वाली दीर्घकालीक, व्यापक और समर्पित देखभाल प्रदान करने के लिये बुजुर्गो की चिकित्सा के लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम की शुरूआत वर्ष 2010 से की गई है।
वृद्धावस्था मे स्वस्थ्य रहने के लिये क्या करें
लगातार पौष्टिक खाना खायें। व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखे। नियमित रूप से शारीरिक व्यायाम करें और टहले। अच्छी नींद लें। धूम्रपान, अल्कोहल के सेवन से बचे। सामाजिक गतिविधियों मे शामिल हो और जीवन मे प्राप्त अनुभवों को साझा करे। छड़ी और वॉकर जैसे उपकरणों का प्रयोग करने से न कतराये। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और अन्य आवश्यक जांचे करवाये। भूख न लगना, वजन मे कमी आना, दिखने मे परेशानी आना, शरीर मे सुन्नपन महसूस होना इस प्रकार के संकेतो को अनदेखा न करें, तुरन्त अपने नजदीकी चिकित्सकों से उपचार करवायें।