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कई बार आदेश हुए फिर भी नहीं मिली दुकानें, अब बैठेंगे अनशन पर


 

शहर के केश शिल्पी व्यवसायी मिले निगमायुक्त से-कहा कई बार आदेश हुए लेकिन अमल नहीं हो रहा
उज्जैन। मुख्यमंत्री द्वारा आदेश दिये जाने के बावजूद भी केश शिल्पी व्यवसायियों को व्यवसाय के लिए जगह उपलब्ध नहीं कराए पाने से परेशान व्यवसायी शुक्रवार को निगमायुक्त से मिले। शहर के 71 व्यवसायी अपने परिवार का भरण पोषण करने हेतु जद्दोजहद कर रहे हैं। तीन बार आदेश होने के बाद अब नगर निगम यातायात पुलिस से मंजूरी नहीं मिलने की बात कर रहा है ऐसे में व्यवसायियों ने चेतावनी दी है कि यदि सोमवार तक चिन्हित जगहों पर दुकाने लगाने हेतु अनुमति नहीं दी गई तो वे अनशन पर बैठ जाएंगे। 
भारतीय सेन समाज जीवाजीगंज मंडल अध्यक्ष अशोक वर्मा के अनुसार मुख्यमंत्री केश शिल्पी योजना वर्ष 2013 से प्रभावशील है, मुख्यमंत्री द्वारा शहर के केश शिल्पी व्यवसायियों के लिए प्राथमिकता पर स्थान चिन्हित किये जाने की घोषणा की गयी है। इस संबंध में शासन द्वारा समस्त नगरीय निकायों को कार्यवाही करने हेतु मार्गदर्शिका-निर्देश भी जारी किया गया है। सात बाय 8 की गुमटी हेतु 6 दिसंबर 2017 में मुख्यमंत्री ने समस्त आयुक्त नगर निगम को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में केश शिल्पी व्यवसायियों के लिए स्थान उपलब्ध कराने के लिए आदेश दिये थे तथा 7 दिनों में इसे सुनिश्चित करने का समय दिया था। इसके बाद 28 मई 2018 को पुनः मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के समस्त कलेक्टरों को व्यवसाय हेतु स्थान उपलब्ध कराने के लिये आदेश दिये। इसका भी पालन नहीं होने पर करीब दो माह पूर्व उज्जैन के केश शिल्पी जनसुनवाई में कलेक्टर में मिले थे। वहीं नगर निगम में दो बार केश शिल्पी सम्मेलन हुए जिसमें उपायुक्त ने आश्वस्त किया कि जल्द व्यवसाय हेतु जगह उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं निगमायुक्त प्रतिभा पाल से कुछ माह पूर्व मिलने पर उन्होंने केश शिल्पी के कार्ड बनाने और दुकान हेतु जगह चिन्हित करने के आदेश दिये थे। एक सप्ताह पूर्व कार्ड तो बन गए लेकिन दुकानें अब तक चिन्हित नहीं हुई। अब कहा जा रहा है कि यातायात पुलिस को वेरीफिकेशन के लिए दी है। वहां से मंजूरी नहीं मिलने के कारण देर हो रही है। केश शिल्पियों को भय है कि आचार संहिता लग गई तो उन्हें लंबे समय तक अपने परिवार के भरण पोषण हेतु संघर्ष करना होगा। अशोक वर्मा के साथ निगमायुक्त से मिलने पहुंचे भारतीय सेन समाज ओमप्रकाश वर्मा, जितेंद्र परमार, महेश परमार, शिवनारायण परमार, दीपक सेन ने निगमायुक्त को चेतावनी दी है कि यदि सोमवार तक जगह आवंटित नहीं हुई तो वे सभी अन्य व्यवसायियों के साथ अनशन पर बैठेंगे। 

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