हमारे देश का युवा क्षमतावान, युवाओं में जोश और जज्बा होना आवश्यक –वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.एसके मिश्रा
राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम सम्पन्न
उज्जैन । मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल एवं शासकीय माधव विज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं अन्य महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में विक्रमादित्य अमृत महोत्सव के अन्तर्गत राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम कालिदास अकादमी परिसर के मुक्ताकाशी मंच पर शुक्रवार 28 सितम्बर को सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर ब्रह्मोस के महानिदेशक एवं रक्षा मंत्रालय के सीईओ वैज्ञानिक डॉ.सुधीर के.मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे देश के युवा क्षमतावान हैं। किसी भी बड़े ओहदे पर पहुंचने के लिये युवाओं में जोश और जज्बा होना आवश्यक है। हमारे देश में विज्ञान के क्षेत्र में काफी उन्नति की है। हमारे देश की ताकत को कम नहीं आंकना चाहिये। उन्होंने कहा कि हमारा देश दुनिया में बहुत तेज गति से विकासशील हो रहा है। जीवन में जोश है तो होश अपने आप आ ही जायेगा।
वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री सुधीर के.मिश्रा ने पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से ब्रह्मोस के बारे में विस्तार से जानकारी विद्यार्थियों को दी और बताया कि साइंस टेक्नालॉजी अब कभी भी रूक नहीं सकती, वह दिनोंदिन ऊंचाईयों को छुएगी। उन्होंने युवाओं के कई प्रश्नों के उत्तर दिये और उनकी जिज्ञासाओं को शान्त किया। डॉ.मिश्रा ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थी कार्यक्रम में आये हैं उन्हें बेहद खुशी हुई। ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिये आयोजित होना चाहिये। प्रतिभाओं को खोजकर समाज में आगे बढ़ाने में मदद करें। हमारे देश में ज्ञान-विज्ञान की कोई कमी नहीं है।
कार्यक्रम में अहमदाबाद इसरो के वैज्ञानिक डॉ.राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक जब लेबोरेटरी में काम करते हैं तो उन्हें एक से एक बड़ी जिज्ञासाएं रहती हैं और उन जिज्ञासाओं को निरन्तर खोजकर उसका समाधान करने का प्रयास करते हैं। उज्जैन शहर विद्वानों की नगरी है और यह प्राचीनकाल से विद्वता के क्षेत्र में आगे रही है। हमारे भारत देश की अलग पहचान है। उन्होंने पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि देश में टेक्नालॉजी को कैसे आगे बढ़ाया जाये, इसके लिये हमें निरन्तर प्रयास किया जाना चाहिये। टेक्नालॉजी को सामाजिक क्षेत्र में कैसे इस्तेमाल किया जाये, इस बारे में भी हमें सोचना है। आपने सेटेलाइट टेक्नालॉजी की जानकारी देते हुए बताया कि समस्याओं का समाधान ही विज्ञान है। विज्ञान के क्षेत्र में हम कई देशों से श्रेष्ठ हैं। उन्होंने जैव विविधता के बारे में भी जिक्र किया। जिस देश की जैव विविधता ठीक है वह देश समृद्ध है। प्राकृतिक सम्पदा से खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिये। खिलवाड़ से संतुलन बिगड़ता है, जिसका असर मानव जीवन पर पड़ता है। डॉ.सिंह ने भी विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर दिये। उन्होंने युवाओं से कहा कि अपने लक्ष्य में आगे बढ़ें और समाज देश का नाम रोशन करें।
राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम में वैश्विक परिदृश्य में खगोल विज्ञान का विकास और भारतीयों का योगदान, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का विकसित और समृद्ध भारत के विकास में योगदान और संभावनाएं, पर्यावरण संरक्षण के सामाजिक सरोकार, ऊर्जा, विज्ञान और संतुलित विकास में ऊर्जा, विज्ञान का योगदान, अंतरिक्ष विज्ञान की भारतीय उपलब्धियों और जन-सामान्य के लिये भविष्य में आने वाले अवसर, मानवीय मूल्य एवं सामाजिक सरोकार तथा भारतीय प्राकृतिक संसाधन एवं जैव विविधता के बारे में उपस्थित वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने विद्यार्थियों को जानकारी प्रदान की।
विधायक डॉ.मोहन यादव ने राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि विज्ञान के बिना किसी भी देश का भविष्य नहीं बन सकता। उन्होंने बताया कि उज्जैन प्राचीनकाल से ही कालगणना में समृद्ध रहा है। राजा विक्रमादित्य और उनके 9 विधाओं के 9 रत्न से परिपूर्ण सुशासन का उत्कृष्ट अनूठा और अदभुत उदाहरण दुनिया के समक्ष मार्गदर्शन हेतु उपलब्ध रहा है। डॉ.यादव ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है और यह कार्यक्रम विक्रमादित्य अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों की कड़ी का श्रेष्ठ है।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में अतिथियों ने मां वाग्देवी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। माधव विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य आदि ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। स्वागत भाषण साइंस कॉलेज के प्राचार्य श्री अरूण भारद्वाज ने दिया तथा अतिथि परिचय डॉ.कल्पना वीरेन्द्रसिंह ने दिया। अतिथियों का शाल, श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। अतिथियों ने माधव विज्ञान महाविद्यालय के द्वारा प्रकाशित 'एनालिटिकल इंस्ट्रूमेंटेशन एण्ड इनोवेटिव टेकनिक्स' तथा 'सन्त पीपा' शीर्षक नाम की पुस्तकों का विमोचन किया। इस अवसर पर इतिहासविद डॉ.भगवतीलाल राजपुरोहित, मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल के महानिदेशक डॉ.नवीन चन्द्रा, शिक्षा विभाग के एपीसी श्री वर्मा एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी, शिक्षक, प्रोफेसर, महाविद्यालयों के प्राचार्य आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री रघुवंशी ने किया और आभार उज्जैन तारा मण्डल के प्रभारी श्री दिलीपकुमार सोनी ने प्रकट किया।